Relay क्या है ? यह कैसे वर्क करती है ? इसके भाग जिनमे Coil,Yoke,Armature,Spring एवं कितने प्रकार की होती है और किस जगह उपयोग की जाती है सारी जानकारी इस पेज पर है
Relay एक electronic switch के समान होता है Relay एक electronic Device है जिसकी मदद से हम किसी भी Circuit को ON/OFF करा सकते है रिले में एक विद्युत चुंबक होता है जो कि किसी power source से जुड़ा होता है तथा विद्युत चुंबक की सहायता से किसी अन्य एक या एक से अधिक सर्किट को ऑन या ऑफ कराया जा सकता है
उदाहरण – Thermal overload relay, इस Relay का उपयोग AC Motors की सुरक्षा के लिए किया जाता है। जब Motor overload हो तो ये Relay मोटर को Supply से Disconnect कर देती है। और Motor जलने से बच जाती है।
Relay low voltage पर चलने वाला स्विच है जिससे Supply को ON or OFF कर सकते हैं घरों में सामान्य Switch लगाये जाते हैं जिन्हें हम हाथ से ON or OFF करते हैं But Relay का उपयोग करने के लिए हमें Relay को Supply देनी पड़ती है , तभी वह अपना कार्य करती है जहाँ पर भी Switching का कार्य होता है जैसे कि UPS , Stabilizer इत्यादि वहाँ पर Relay का उपयोग जरूर किया जाता है। आजकल Switching के लिए Semiconductor Device का इस्तेमाल किया जाता है But आज भी बहुत सी Circuit में Relay का इस्तेमाल किया जाता है।
Relay कैसे काम करती है
Relay का काम करने का तरीका Very easy है Relay में सामान्यतः एक Coil (कुंडली) लगी होती है जो इसमें लगे Normal Contact (NC) को Normal Open (NO) में बदल देती है जब Relay Off होगी तब Common Terminal सीधा NC Contact से जुड़ जाता है। आपने Common Terminal पर कोई Supply दी तो वह सीधे NC Contact पर जाएगा But जैसे ही हम Relay की Coil को apply करेंगे तो यह Coil active (सक्रिय) हो जाती है और Armature को अपनी तरफ खींच लेती है। जिससे कि Common Terminal अब NC Contact से हटकर NO Contact से जुड़ जाएगा लेकिन जैसे ही Relay की Supply बंद करेंगे तब इसमें लगा Spring वापिस आर्मेचर को अपनी तरफ खींच लेगा और again Common Terminal NC Contact से जुड़ (Connect) जाता है।
Relay के Parts
Relay को Fast Switching करनें के लिए उसके Part का सही से काम करना जरूरी है। तब हम Relay के Parts के बारें में जानते हैं। Relay के 5 Parts ( Components or elements ) होते हैं। –
- Coil (कुंडली) – Relay की Coil को जब Supply देते हैं। तब वह आर्मेचर को अपनी तरफ खींचती हैं। और NC को NO में बदल देती है।
- Yoke – Relay के बाहरी Plastic भाग को योक कहते हैं।
- Contact – Switching के समय NO , NC के रूप में Contact का प्रयोग किया जाता है।
- Armature – Relay के अंदर Common Terminal से जुड़ा होता है।
- Spring – Relay के अंदर Spring का अपना अलग अलग स्थान होता है। जब Relay की कुंडली को Supply मिलती है तब आर्मेचर NO से Connect हो जाता है। तथा कुंडली की Supply काटने के बाद Spring आर्मेचर को खींचकर NC से Connect कर देती है।
Relay के प्रकार | Types of Relays
Relay सामान्यतः दो प्रकार की होती है –
Latching relay
ये वह Relay है जिसे हम विद्युत Supply करके Activate करते हैं। उसके बाद जिसे जिस Position (स्थिति) पर चली जाती है। उसके बाद रिले को अगर डीएक्टिवेट यानी कि विद्युत ना दिया जाए तो भी उसकी पोजीशन चेंज नहीं होती यानि कि उसकी पोजीशन वहीं पर रुक जाती है जहां से उसे विद्युत देकर एक्टिवेट किया था विद्युत ना देने के बाद भी उसकी पोजीशन वापस उसी जगह पर नहीं आती है
Non – Latching relay
ये वह रिले है। जिसे विद्युत देने और ना देनें से उनकी Position (स्थिति) बदलती रहती है।
वैसे तो रिले के प्रकार बहुत मात्रा में हैं। इसमें से कुछ प्रकार के बारे में जानते हैं। – Electromagnetic attraction type relays , Rectifier relay , PMMC relay , Gas actual relay , Numerial and microprocessor based relay , Reed switch relay , Static relay , Solid state relay , Frequency monitoring relay, motor load monitoring relay , Liquid monitoring relay , Machine tool relay , Mercury relay , Coaxial relay , Contactor relay , Mercury wetted relay , Multivoltage relay , Safety relay ,Polarized relay , Over voltage relay,Time delay relay , Over current relay, Vacuum relay , Buchholz relay and negative resistance relay.
Relay के उपयोग –
- एक ही नियंत्रण Circuit द्वारा एक या एक से अधिक Circuits (परिपथों) को ON Or OFF करना।
- किसी Circuit से विद्युतीय रूप से बिना जुड़े हुए भी उसे Control करने में सक्षम होती है।
- कम पावर खर्च करके बहुत अधिक विद्युत शक्ति को Control कर सकते हैह
- सभी automatic उपकरणों में रिले का उपयोग किया जाता है but कुछ उपकरणों में रिले का उपयोग नहीं किया जाता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण विधुत प्रेस (electric iron) है |
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