करंट डिवाइडर रुल क्या होता है ? इसका सूत्र समझाइये

करंट डिवाइडर रुल
जब हम एक इलेक्ट्रिकल सर्किट को देखते है तो उसमे हमें दो तरह के कनेक्शन देखने को मिल सकते है , या तो उसके सभी प्रतिरोध , सर्किट में लगे वोल्टेज सोर्स यानि की बैटरी या फिर सेल आदि , तथा और भी सभी Elements जो इलेक्ट्रिकल सर्किट को पूरा करने के लिए उपयोग किये जाते है |
ये सभी या तो श्रेणी क्रम ( Series ) में लगे होंगे या फिर समान्तर क्रम ( Parallel ) में लगे होगे तब इस स्थति में दोनों ही कंडीशन में इन सभी Elements के लिए वोल्टेज तथा करंट के लिए अलग – अलग नियम लागु होगे | जैसे की –
यदि कोई प्रतिरोध वोल्टेज सोर्स जैसे की बैटरी , सेल आदि के समान्तर क्रम में लगा है तो ऐसे ही समान्तर क्रम में लगे सभी प्रतिरोधो का वोल्टेज एक सामान होगा , तथा इन सभी प्रतिरोधो से बहने वाली करंट का मान अलग – अलग होगा |
लेकिन यदि ये सभी प्रतिरोध वोल्टेज सोर्स जैसे की बैटरी , सेल आदि के श्रेणी क्रम में लगे हुए है तो इन सभी प्रतिरोधो के वोल्टेज का मान अलग – अलग होगा लेकिन इन सभी प्रतिरोधो के करंट का मान एक समान होगा |
अब जब दोनों बातो सो समझने के बाद हमें पता चलता है की किसी भी इलेक्ट्रिकल परिपथ में यदि हमे करंट के करंट डिवाइडर रुल को समझना है तो हमें एक ऐसा सर्किट समझना होगा जिसमे सभी प्रतिरोध वोल्टेज सोर्स के समान्तर क्रम में लगे हुए हो |
अब हम एक परिपथ समझते है जिसमे प्रतिरोध आदि सभी Elements वोल्टेज सोर्स के समान्तर क्रम में लगे हुए है | तब इस परिपथ में बहने वाली आउटपुट करंट जो की सभी Elements से होकर जाती है तथा जिसका मान सभी Elements के लिए अलग अलग होता है लेकिन अगर इन सभी फ्रैक्शन को जोड़ दिया जाए तो ये इनपुट करंट के बराबर होंगे | इसी को करंट डिवाइडर रुल कहते है |
इसका मतलब यह हुआ की जब किसी परिपथ की जो इनपुट करंट होती है उसका मान तथा जो आउटपुट करंट होती है उसका मान बराबर होता है लेकिन आउटपुट करंट उन सभी फ्रैक्शन का योग होता है जो परिपथ में लगे अलग – अलग Elements से होकर बहती है |
लेकिन इस तरह के परिपथ में सभी Elements से बहने वाली करंट को इस प्रकार डिवाइड किया जाता है की इन सभी एलिमेंट्स में एनर्जी का लोस कम से कम तभी इनपुट करंट तथा आउटपुट करंट का मान बराबर हो सकता है | नहीं तो अगर इन एलिमेंट्स से होने वाला एनर्जी लोस ज्यादा हुआ तो , इस स्थति में इनपुट करंट तथा आउटपुट करंट का मान बराबर नहीं होगा |
तो अब हम करंट डिवाइडर रुल के सूत्र तथा किस प्रकार इसको निकाला जाता है किसी भी सर्किट के लिए उसके बारे में समझेंगे |
करंट डिवाइडर रुल का सूत्र
किसी भी इलेक्ट्रिकल परिपथ में करंट डिवाइडर रुल को समझने के लिए हम एक परिपथ तेयार करते है जिसमे दो प्रतिरोध जिसमे से एक है R ₁ तथा दूसरा है R ₂ , इन दोनों प्रतिरोधो को एक दुसरे के भी समान्तर क्रम में जोड़ते है तथा इन दोनों को परिपथ में लगे बैटरी या सेल या अन्य कोई वोल्टेज सोर्स लगा हुआ हो जिसे V नाम दिया गया है उसके भी समान्तर क्रम में जोड़ते है |

अब हम मानते है की जो वोल्टेज सोर्स V है उससे बहने वाली करंट का मान I है | तथा प्रतिरोध R ₁ से बहने वाली करंट का मान I ₁ है और प्रतिरोध R ₂ से बहने वाली करंट का मान I ₂ है | अब जब आउटपुट करंट की बात करे तो हम मानते है की आउटपुट करंट का मान I0 है | तब इस स्थति में आउटपुट करंट का मान दोनों प्रतिरोधो से बहने वाली करंट के योग के बराबर होगा अर्थात –
आउटपुट करंट ( I0 ) = I ₁ + I ₂ —– ( 1 )
लेकन हम जानते है की दोनों प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगे हुए है इसलिए दोनों प्रतिरोधो के लिए वोल्टेज का मान एक सामान होगा अर्थात दोनों के लिए वोल्टेज का मान V ही होगा |
तथा अब हम इस स्थति में दोनों प्रतिरोध के लिये ओह्म के नियम का प्रयोग करते है जो की V = I × R होता है | जब इस नियम का उपयोग दोनों प्ररिरोधो के लिए अलग – अलग किया जाता है तो I ₁ तथा I ₂ के मान निम्न लिखित प्राप्त होते है –
I ₁ = V / R ₁ तथा I ₂ = V / R ₂
अब इन दोनों करंट का मान अगर हम समीकरण 1 में रखे तो हमें निम्न लिखित समीकरण प्राप्त होती है –
I0 = V / R ₁ + V / R ₂
I0 = V [ 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ] —- ( 2 )
जब इस समीकरण को आगे हल किया जाए और इस समीकरण से यदि V का मान निकाला जाए तो यह मान कुछ इस प्रकार होगा –
V = I0 [R ₁ R ₂ / R ₁ + R ₂ ] —- ( 3 )
अब हम समीकरण नम्बर 3 का उपयोग करे और करंट I ₁ का मान निकाले तो –
I ₁ = V / R ₁
I ₁ = I0 [ ( 1 / R ₁ ) / ( 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ) ]
या
I ₁ = I0 [ R ₂ / R ₁ + R ₂ ] —– ( 4 )
अब इसी प्रकार यदि करंट I ₂ का मान निकाला जाए तो –
I ₂ = V / R ₂
I ₂ = I0 [ ( 1 / R ₂ ) / ( 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ) ]
या
I ₂ = I0 [R ₁ / R ₁ + R ₂ ] —— ( 5 )
अब समीकरण 4 एव 5 की सहायता से प्रतिरोध R ₁ तथा R ₂ में बहने वाली धारा I ₁ तथा I ₂ का मान ज्ञात किया जा सकता है |
इन सूत्रों का उपयोग तब किया जा सकता है जब परिपथ में केवल दो ही प्रतिरोध लगे हुए हो |
लेकिन माना की जब हम इसी समीकरण का उपयोग n प्रतिरोध के लिए करे अर्थात जब परिपथ में n प्रतिरोध लगे हुए हो तब करंट का सूत्र इस प्रकार होगा –
I n = I0 [ R / R n ]
जहा –
I n = किसी भी प्रतिरोध की करंट
I0 = आउटपुट या टोटल परिपथ की करंट
R = परिपथ का Equivalent प्रतिरोध
इस प्रकार इस सूत्र का उपयोग किया जाता है |
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