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नाभकीय संलयन क्या है? उदाहरण और नियम

मार्च 16, 2022 by MECHANIC37 Leave a Comment

विषय-सूची

  • नाभकीय संलयन की अभिक्रिया
  • नाभकीय संलयन के उदाहरण और नियम
    • नाभिकीय विखंडन व नाभिकीय संलयन अभिक्रियाओं में अंतर
Nuclear Fusion या नाभकीय संलयन क्या है

नाभकीय संलयन जब दो हल्के नाभिक एक होकर एक भारी नाभिक का निर्माण है इस अभिक्रिया को  नाभकीय संलयन कहते है द्रव्यमान का जो हानि होता है वह E=mc² से ऊर्जा में बदल जाती है हल्के यानि हल्के नाभिक हाइड्रोजन के होते है और बनने वाला भारी नाभिक हेलियम का होता है विस्तार में नीचे समझें

नाभिकीय संलयन शुरू करने के लिए पहले नाभिकीय विखंडन की help लेनी पडती है

Nuclear Fission क्या है ?इसके use और Reaction

नाभकीय संलयन की अभिक्रिया

Nuclear Fusion या नाभकीय संलयन की Reaction

ऊपर चित्र में आप देख सकते है दो हल्के नाभिक एक भारी नाभिक बनाते है और फिर वे दो और बनाते है यह अभिक्रिया चलती रहती है और बहुत ज्यादा ऊर्जा उक्त होती रहती है अब इसके कुछ प्रकार की अभिक्रिया में दे रहा हूँ इन सभी अभिक्रिया में ²H Deuterium और ³H Tritium Hydrogen के  समस्थानिक है और He Helium है  

नाभकीय संलयन के उदाहरण और नियम

  • हमारा सूर्य नाभिकीय संलयन पर ही आधारित है नाभकीय संलयन के आधार पर ही इसमें अस्मित ऊर्जा पैदा होती रहती है
  • Hydrogen Bomb  नाभकीय संलयन पर आधारित है Hydrogen Bomb परमाणु बम से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है
  • इस अभिक्रिया को नियंत्रित नही किया जा सकता है यदि इस अभिक्रिया को नियंत्रित किया जा सकता तो यह ऊर्जा का बहुत अच्छा का स्रोत होता
  • इस अभिक्रिया के लिए बहुत उच्च दाब व ताप की जरूरत होती है
  • नाभिकीय संलयन के लिए नाभिकीय विखंडन बहुत जरूरी है क्योकि इस अभि. को संपन्न कराने के लिए बहुत ऊर्जा की जरूरत होती है जो नाभिकीय विखंडन से प्राप्त होती है
  • नाभिकीय संलयन अभिक्रिया में कोई रेडियोएक्टिव किरणें उत्पन्न नही होती

नाभिकीय विखंडन व नाभिकीय संलयन अभिक्रियाओं में अंतर

नाभिकीय विविखंडन –

  1. एक भारी नाभिक के विखंडन से दो समान व कम mass के नाभिक बनते है
  2. इन अभिक्रियाओं के लिए ज्यादा ताप की जरूरत नही होती है ये समान्य ताप पर भी संपन्न हो जाती है
  3. इन अभिक्रियाओं को नियंत्रित किया जा सकता है
  4. इन अभिक्रियो से कम ऊर्जा मुक्त होती है
  5. इन अभिक्रियाओं को शुरू करने के लिए न्यूट्रॉन की जरूरत होती है

नाभिकीय संलयन-

  1. दो हल्के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते है
  2. इन अभिक्रियो के लिए बहुत उच्च ताप की जरूरत होती है
  3. इन अभिक्रियाओं को नियंत्रित नही किया जा सकता है
  4. इन अभिक्रियाओ से बहुत ज्यादा मात्रा मे ऊर्जा मुक्त होती है
  5. इन अभिक्रियाओ को शुरू करने के लिए न्यूट्रॉन की कोई जरूरत नही होती है

I Hope आपको यह Nuclear Fusion या नाभकीय संलयन की जानकारी पसंद आई हो और आपके काम आई हो इसे अपने friends के साथ share जरूर करें social media पर share करने के लिए नीचे button है और next पोस्ट पाने के लिए Subscribe करें

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