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Home » विद्युत चुंबकीय प्रेरण क्या है ? फैराडे के नियम

विद्युत चुंबकीय प्रेरण क्या है ? फैराडे के नियम

नवम्बर 29, 2022 by admin Leave a Comment

2.5
(4)

 विद्युत चुंबकीय प्रेरण जब किसी चालक तार coil या कुंडली के पास किसी चुंबक लाते हैं तो उसमें विद्युत वाहक
बल यानी कि emf जनरेट होता

है इससे coil में विद्युत धारा या current बहने लगती है यदि बंद परिपथ हो जैसे michael faraday (माइकल फैराडे)
का एक्सपेरिमेंट था मैंने पिछले Article(magnetic Effect of current) में orested का एक्सपेरिमेंट बताया था जिसमें
उन्होंने किसी चुंबक पर विद्युत धारा या current का प्रभाव बताया था कि किसी तार इसमें धारा बह रही हो उसके पास कोई चुंबकीय सुई या दिशा सूचक यंत्र ले जाने पर चुम्बकीय
सुई विछेपित हो जाती है या अपनी स्थिति परिवर्तन करती है इसी प्रकार माइकल फैराडे ने अपना एक्सपेरिमेंट किया और पता लगाया कि किसी Coil के पास कोई चुंबक ले जाने पर
उसमें विद्युत धारा या धारा पैदा होती है इसी को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं

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यह सब तब तक ही होता है जब तक चुंबक को पास या दूर ले कर के जा रहे होते है चुंबक को स्थिर या उसकी गति रोकने पर कुछ नहीं होता यानि नि स्थिर चुंबक और स्थिर coil में विद्युत चुम्बाकीय प्रेरण नहीं हो सकता है किसी एक को गति करना पड़ेगा  तभी विद्युत चुम्बकीय प्रेरण संभव है

उन्होंने कहा की चुंबक को पास लाने की स्पीड बढ़ा देने पर विद्युत धारा धारा या पैदा हो रहा Emf बड़ने से प्रेरित धारा बढ़ जाती है और उस Coil से चुंबक को दूर ले जाने की स्पीड भी बड़ा देने पर भी धारा बढ़ जाता है और चुंबक को उस coil के पास स्थिर रखने पर उस तार की Coil में कोई धारा जनरेटर नहीं होता क्योंकि धारा उत्पन्न,चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण होता है यदि चुंबक को स्थिर रखेंगे तो फ्लक्स में परिवर्तन नहीं हो पाएगा इसलिए कोई धारा जनरेट नहीं होगा

चुम्बकीय फ्लक्स

  “किसी चुंबक से निकलने वाली चुम्बकीय बल रेखाए (magnetic field lines) को चुम्बकीय फ्लक्स कहते है volt-second इसकी S.I unit webar होती है ”   उस वायर की Coil के पास या दूर ले जाने पर धारा इसलिए उत्पन्न होता है क्योंकि पास
ले जाने पर भी चुम्बकीय फ्लक्स चेंज होता है और दूर ले जाने पर भी चुम्बकीय फ्लक्स चेंज होता है पर उस फाइल में प्रवाहित होने वाला Current की डायरेक्शन चेंज हो जाती है बस यदि उसे कोइल या कुंडली में वायर
के इंसुलेटेड वायर के फेरे बड़ा देने पर और फिर से वही क्रिया मैगनेट को पास लाने
की करने पर धारा ज्यादा उत्पन्न होगा

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साधारण प्रयोग करें

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण मैंने भी इसे आजमाया जब मैंने
इंसुलेटेड कोपर के बायर की कुंडली या Coil बनाई और उसके पास अपना मल्टीमीटर
रखा और उसे वोल्टेज मापने के लिए सेट किया फिर मैंने अपनी चुंबक ली और उस चुंबक को उस Coil के पास लाया तो मेरे मल्टी मीटर रीडिंग दिखाई जिसमे धारा जनरेट हुआ है फिर मैंने चुंबक को जल्दी-जल्दी चलाया तब रीडिंग में धारा इनक्रीस हुआ फिर मैंने चुंबक को वापस जल्दी खींचा तब
रीडिंग तो वहीं पर उसमें माइनस का साइन आ गया था यानि की धारा विपरीत दिशा में उत्पन्न हुआ फिर मैंने Coil मैं तार के फेरों की संख्या बढ़ा दी तब फिर से मैं अपनी चुंबक को coil के पास लाया तो धारा पहले से ज्यादा जनरेट हुआ यही विद्युत चुम्बकीय प्रेरण है

फैराडे के नियम-

फैराडे के दो नियम है

1.फैराडे का प्रथम नियम –

फैराडे के प्रथम नियम के अनुसार किसी कुंडली से गुजरने वाली चुम्बकीय फ्लक्स मे बदलाव से कुंडली में एक प्रेरित विद्युत वाहक बल पैदा होता है जिसका परिणाम, चुंबकीय में परिवर्तन होने तक रहता है

2. फैराडे का द्वितीय नियम –

फैराडे के द्वितीय नियम के अनुसार किसी कुंडली मे पैदा होने वाली वाली प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिणाम चुम्बकीय फ्लक्स के अनुक्रमानुपाती होती है

माना कुंडली मे से गुजरने वाली फल्क्स का मान Φ₁, व इसका मान At समय पश्चात चुंबकीय फल्क्स Φ₂ हो जाता है तो पैदा होने वाला विद्युत वाहक बल निम्न होगा

F = kΔΦ/Δtk

नियतांक का जिसका मान एक होता है

F = Δp/ Δt

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Filed Under: physics, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धारा Tagged With: विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धारा

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