• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

Mechanic37

  • इंजीनियरिंग नोट्स
  • भौतिकी
  • रसायन
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर
You are here: Home / इतिहास | HISTORY / वैदिक सभ्यता | ऋग्वैदिक काल और उत्तरवैदिक काल

वैदिक सभ्यता | ऋग्वैदिक काल और उत्तरवैदिक काल

जुलाई 8, 2020 by MECHANIC37 Leave a Comment

वैदिक सभ्यता

आर्यों द्वारा विकसित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलाती है , आर्यों का अर्थ श्रेष्ठजन , कुलीन जन तथा इंडो यूरोपियन भाषा बोलने बालों का समूह माना गया है| आर्यों की संस्कृति ग्रामीण संस्कृति थी , तथा इनकी भाषा संस्कृत थी | यह सभ्यता सिन्धु घाटी सभ्यता के बाद की सभ्यता है आर्यों ने सिन्धु घाटी सभ्यता को समाप्त के वैदिक सभ्यता को स्थापित किया था | वैदिक सभ्यता की जानकारी हमे वेदों से प्राप्त होती है ,इसलिए इसे वैदिक सभ्यता नाम दिया गया है|भारत आने के बाद आर्य सबसे पहले सप्त सैन्धव प्रदेश (सात नदियों का क्षेत्र ), में बसे थे|सात नदियों के नाम है सिंधू , सरस्वती ,सतूदरी ( सतलज ),विपाशा ( व्यास ) ,परुशनि (रावी), वितिस्ता (झेलम) ,अस्किन (चेनाब)|

वैदिक सभ्यता का समयकाल 1500 ई.पूर्व से 600 ई.पूर्व माना जाता है |वैदिक सभ्यता का समयकाल दो कालखण्डो में बाँटा गया है ऋगवैदिक काल ,उत्तरवैदिक काल |ऋगवैदिक कल या पूर्व वैदिक कल का समय काल 1500 ई.पूर्व से 1000 ई.पूर्व माना गया है तथा उत्तरवैदिक काल का समय काल 1000 ई.पूर्व से 600 ई.पूर्व माना गया है|

भिन्न – भिन्न इतिहासकारों ने आर्यों का मूल स्थान भिन्न-भिन्न बताया है जैसें – बाल गंगाधर तिलक ने इन्हें उत्तरी पोल का बताया है इनकी किताब का नाम Archetic Home of The Aryans , दयानंद सरस्वती ने इन्हें तिब्बत का बताया है इनकी किताब का नाम है सत्यार्थ प्रकाश| प्रोफेसर गयेल्स ने इन्हें डेन्ब्यू नदी घाटी का बताया है|ईरानी ग्रन्थ ” जैन्द अवेस्ता ” के अनुसार आर्य ईरान के रास्ते भारत आये थे |

वैदिक शब्द का सबसे पहले प्रयोग सन 1853 में मैक्समूलर द्वारा किया गया था कुछ इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों ने सिंधू सभ्यता को समाप्त कर वैदिक सभ्यता स्थापित की थी|

वैदिक सभ्यता के काल को दो भागों में बाँटा गया है – ऋग्वैदिक काल , उत्तरवैदिक काल |

ऋग्वैदिक काल –

वैदिक सभ्यता के 1500 ई.पूर्व से 1000 ई..पूर्व तक के समय काल को ऋग्वैदिक काल का नाम दिया गया है |इस काल में ऋग्वेद की रचना हुयी थी |

ऋग्वैदिक सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी |ऋग्वैदिक काल पित्रसत्तात्मक था लेकिन इस काल में स्त्रियों की स्थिति भी अच्छी थी उन्हें पर्याप्त स्वतंत्रता प्राप्त थी , इस काल में अपाला , लोपामुद्रा , विश्व्पारा जैसी आदि महिलायें विदुषी थी , महिलाओं को अपने पतियों के साथ यज्ञ में बैठने के अधिकार प्राप्त थे तथा राजा को सलाह देने के लिए बने गयी संस्था – सभा एवं में भी स्त्रियाँ भाग ले सकती थी , ऋग्वैदिक काल की सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई कुल या परिवार थी जिसका मुखिया कुलपति कहलाता था |वर्ण व्यवस्था जन्म या जाती के आधार पर न होकर कर्म के आधार पर होती थी | ऋग्वैदिक काल के प्रिय देवता इंद्र थे तथा पवित्र नदी सरस्वती नदी थी |

उत्तरवैदिक काल

वैदिक सभ्यता के 1000 ई.पूर्व से 600 ई.पूर्व तक के समय काल को उत्तरवैदिक काल का नाम दिया गया है , इस काल में स्त्रियों की स्थिति में गिरावट आई , वर्ण व्यस्था कर्म के आधार पर न होकर जन्म के आधार पर होने लगी ऋग्वैदिक काल के कबीलों को आपस में मिलाकर बड़े बड़े जनपदों में बदला गया | तथा उत्तरवैदिक काल में तरह तरह के यज्ञ तथा धार्मिक अनुष्ठान किये जाते थे जिससे समाज के लोगों में अंधविश्वास बढ़ा |उत्तरवैदिक काल प्रमुख देवता प्रजापति थे|

Filed Under: इतिहास | HISTORY Tagged With: प्राचीन इतिहास, वैदिक सभ्यता

इतिहास

  • ऋग्वैदिक काल क्या है ? सामाजिक ,राजनीतिक ,आर्थिक और धार्मिक स्थिति | प्रमुख नदियाँ
  • वैदिक साहित्य परिचय | इतिहास | वेद | काव्य
  • वैदिक सभ्यता | ऋग्वैदिक काल और उत्तरवैदिक काल
  • सिंधू घाटी सभ्यता | इसका पतन | प्रश्नोत्तरी
  • Reader Interactions

    प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

    आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

    Primary Sidebar

    विषय

    • भौतिक विज्ञान
    • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
    • रसायन विज्ञान
    • जीव विज्ञान 
    • कंप्यूटर 
    • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

    2015–2022

    • साइटमैप
    • संपर्क करें
    • हमारे बारे में
    • विज्ञापन दें
    • रसायन विज्ञान
    • जीव विज्ञान
    • कंप्यूटर सीखें
    • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स