NOR Gate क्या है ? वर्किंग | सर्किट
आज के इस टॉपिक में हम NOR Gate के बारे में समझेंगे जिसमे हम समझेंगे की NOR Gate क्या होता है इसके लिए सर्किट कैसा होता है इसके लिए Truth Table किस प्रकार बनाई जाती है और इसकी वर्किंग किस प्रकार होती है इन सभी बातो को विस्तार से समझेंगे तो चलिए समझना शुरू करते है |
NOR Gate
NOR Gate एक लॉजिक Gate होता है जिसमे दो या दो से अधिक Input होते है और एक केवल एक Output होता है तथा NOR गेट को बनाने के लिए OR Gate तथा NOT Gate की आश्यकता होती है जिनको इस प्रकार Connect किया जाता है की NOR गेट का Output , OR Gate के Output का Opposite हो जाए इस प्रकार जब OR Gate के बाद NOT Gate को Connect किया जाता है तो इसका Output OR Gate का Opposite हो जाता है |
इसके लिए आउटपुट का मान तभी True होता है जब इसके सभी इनपुट का मान False होता है अर्थात यदि इसके इनपुट में किसी एक भी इनपुट का मान True हुआ तो इसका आउटपुट False आता है इस बात को Truth Table की सहायता से अच्छे से समझा जा सकता है जिसके बारे में आगे डिस्कस करेंगे |
NOR Gate का Symbol
इसका Symbol निचे दर्शाया गया है जिसमे दो दो से अधिक इनपुट हो सकते है तथा एक ही आउटपुट होता है पर हम यहाँ सिर्फ दो इनपुट को लेकर इसके सर्किट को समझेंगे |
यहाँ A और B दो इनपुट है तथा एक आउटपुट है जिसे O से दर्शाया गया है |
NOR Gate के लिए Truth Table
जब हम इसके लिए Truth Table की बात करे तो इसको समझने के लिए हमें इसमें दो डिजिट को समझना होगा जो की “0” तथा “1” होते है जिसमे 0 का मतलब Low तथा 1 का मतलब High होता है | तथा जब दोनों ही इनपुट 0 (Low) होते है तभी NOR Gate का आउटपुट 1 (High) होता है बाकि सभी इनपुट के लिए NOR गेट का आउटपुट 0 (Low) होता है |
अब हम मानते है की लॉजिक NOR Gate के लिए सिर्फ दो इनपुट है और एक आउटपुट है तब हम इसके लिए एक Truth Table Draw करते है जो की इस प्रकार है –
ऊपर Draw की गई Truth Table के अनुसार NOR Gate की वर्किंग इस प्रकार होती है –
जब इनपुट A का मान 0 ( Low ) तथा इनपुट B का मान भी 0 (Low) रहता है तब इसके अनुसार इसका आउटपुट 1 (High) होता है |
जब इनपुट A का मान 0 ( Low ) तथा इनपुट B का मान 1 (High) रहता है तब इसके अनुसार इसका आउटपुट 0 (Low) होता है |
जब इनपुट A का मान 1 ( High ) तथा इनपुट B का मान 0 (Low) रहता है तब इसके अनुसार इसका आउटपुट 0 (Low) होता है |
जब इनपुट A का मान 1 ( High ) तथा इनपुट B का मान भी 1 (High) रहता है तब इसके अनुसार इसका आउटपुट 0 (Low) होता है |
इस प्रकार NOR Gate के इनपुट के आधार पर इसके आउटपुट को Truth Table की सहायता से समझा जा सकता है |
NOR Gate के अन्य उपयोग
हमने NOR Gate के बारे में विस्तार से समझा अब हम समझते है इसके अन्य उपयोग के बारे मे की इसका उपयोग हम कहाँ कर सकते है –
1 . NOR Gate का उपयोग करके हम अन्य लॉजिक गेट बना सकते है जिसे NOR Gate का सार्वत्रिक गुण कहा जाता है जिसमे हम NOR गेट से AND गेट , NOR गेट से OR गेट , NOR गेट से NOT गेट आदि बना सकते है इसके लिए NOR गेट के परिपथ का उपयोग किया जाता है |
2 . NOR गेट सर्किट को दो Bipolar Junction Transistor ( BJT ) की मदद से भी Realized किया जा सकता है |
3 . NOR गेट की मदद से कई प्रकार के Integrated Circuits (ICs) बनाए जाते है जो की मार्केट में उपलब्ध होते है |
इस प्रकार NOR गेट के बहुत से अन्य उपयोग भी होते है |
Amit says
Mast