Li-Fi क्या है
समय के साथ टेक्नोलॉजी भी तेजी से बदलती जा रही है और इस बढ़ती टेक्नोलॉजी से हमारे बहुत से काम भी आसान होते जा रहे है आज के समय तक हम डाटा को ट्रांसफर करने के लिए Wi-Fi का इस्तेमाल करते है पर क्या हो अगर हम डाटा ट्रांसफर और इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ आपके घर में लगे लाइट बल्ब से ही कर पाए वो भी Wifi से भी ज्यादा तेज़ यह सुनने में काफी मज़ाकिया सा लगता है लेकिन यह बिलकुल सच है और इस टेक्नोलॉजी को हम Lifi के नाम से जानते है।
Lifi का अविष्कार वर्ष 2011 में Prof. Harald Haas द्वारा किया गया। वर्तमान में प्रो. हेराल्ड हास Pure Lifi के को फाउंडर है। Lifi का पूरा नाम लाइट फिडेलिटी ( Light Fidelity) है। यह एक हाई स्पीड वायरलेस तकनीक है जिस प्रकार से वाय-फाय ( Wi-Fi) का इस्तेमाल करके वायरलेसली डाटा का ट्रांसफर एक जगह से दूसरी जगह किया जाता है उसी प्रकार लाय-फाय का भी इस्तेमाल डाटा ट्रांसफर और इंटरनेट के लिए किया जाता है।
Li-Fi की वर्किंग
जिस प्रकार Wifi रेडियो तरंगो पर काम करता है उसी प्रकार Lifi विज़िबल लाइट तरंगो ( Visible Light Waves ) पर काम करता है,
Li-Fi में मुख्य रूप से 3 Components का इस्तेमाल होता है
1.Lamp Driver
2.LED Bulb
3.Photo Detector
होते है जिनसे मिलकर यह काम करती है। इन तीन चीजों के अलावा इंटरनेट कनेक्शन की भी आवश्यकता होगी। Lifi सिस्टम में लैंप ड्राइवर इंटरनेट सोर्स से जुड़ा रहता है और इंटरनेट से आने वाली सारी इनफार्मेशन को LED बल्ब में ट्रांसफर कर देता है और LED बल्ब से इन्फॉर्मेशन लाइट के माध्यम से तीसरे कॉम्पोनेन्ट Photo Detector के पास जाती है फोटो डिटेक्टर इस इनफार्मेशन को Binary में यानी ( 010101 के फॉर्म में ) यूं कहे की कंप्यूटर की भाषा में बदल देता है इसके बाद यह इनफार्मेशन किसी अन्य डिवाइस ( कंप्यूटर , मोबाइल , टेबलेट….. ) को ट्रांसफर कर दी जाती है
Li-Fi के उपयोग | Uses of Li-Fi in Hindi
जैसा की हम अभी वायरलेस इनफार्मेशन ट्रांसफर के लिए Wifi का इस्तेमाल करते है और यह काफी रिलाएबल भी है तो फिर हमें Lifi को इस्तेमाल करने की क्या जरुरत है।
- गति : दरअसल जैसा की हम जानते है की Lifi में इनफार्मेशन ट्रांसफर के लिए Light का इस्तेमाल होता है इसलिए Li-Fi में डाटा ट्रांसफर की स्पीड लगभग 100 Gbps है जो की WiFi की स्पीड से कई गुना ज्यादा है
- कार्य कुशल : इसके साथ ही यह काफी कुशल भी साबित होता है क्योकि Lifi टेक्नोलॉजी में सिर्फ Led बल्ब के इस्तेमाल से हम इंटरनेट एक्सेस कर सकते है जो की घरों और ऑफिसेस में आसानी से मिल जाते है और Wifi में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों जैसे कि राउटर, मोडेम, सिग्नल रिपीटर्स, वेव एम्पलीफायरों और एंटेना के बिना हमारा काम बड़ी ही आसानी से हो सकेगा।
- सिक्योरिटी : बात की जाए सिक्योरिटी की तो Lifi काफी सिक्योर साबित होता है। जिस तरह लाइट एक दीवार के पार नहीं जा सकती उसी तरह से Lifi के सिग्नल भी एक दीवार के पार नहीं जा सकते है जिससे Wifi की तुलना में Lifi ज्यादा सिक्योर है।
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