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Home » Carburetor क्या है ? भाग | वोर्किंग | इसके प्रकार

Carburetor क्या है ? भाग | वोर्किंग | इसके प्रकार

जनवरी 7, 2023 by admin Leave a Comment

3.5
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Carburetor क्या है यह कैसे काम करता है वोर्किंग Carburetor के प्रकार यह कौन कौन से होते है

Carburetor automobile का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है । इसका इस्तेमाल petrol गाड़ियों में किया जाता है । Petrol गाड़ियों में fuel का मिश्रण engine cylinder में न होते हुए cylinder के बाहर होता है, इसी कारण से petrol गाड़ियों में carburetor use किया जाता है ।

कार्बोरेटर के कुछ मुख्य पार्ट्स

  • Throttle valve
  • Choke valve
  • Venturi tube
  • Idling system
  • Idle and Transfer port .
  • Float chamber
  • Metering system
  • Strainer

Carburetor की Working | कार्य विधि

सबसे पहले strainer की मदद से float चैम्बर में fuel पहुंचाया जाता है । Strainer एक filter की तरह काम करता है जिससे कोई कचरा या डस्ट आगे न जा सकते ताकि वो आगे fuel को रूकावट न करे ।

Float का काम Float chamber में fuel की मात्रा को मेन्टेन रखना है , जैसे ही फ्यूल की मात्रा काम होती है Float खुल जाता है और फ्यूल आने लगता है, fuel की सेट की हुई position पे पहुंचने के बाद फ्यूल सप्लाई रुक जाती है फ्लोट बंद हो जाता है ।

Fuel discharge nozzle की मदद से float chamber और venturi tube आपस में जुडी होती है । Fuel सप्लाई nozzle का एक सिरा Float chamber के bottom वाले हिस्से से जुड़ा होता है और दूसरा हिस्सा venturi के ऊपरी हिस्से से थोड़ा ऊपर जुड़ा होता है ताकि कभी overflow होने की स्थिति में level maintain रहे।

Suction stroke के समय venturi tube की मदद से हवा अंदर आती है । Venturi tube के लगातार घटते हुए area के कारण velocity बढ़ती जाती है और pressure कम होता जाता है और venturi के throat पर area भी minimum होता है । Fuel सप्लाई nozzle, venturi के throat हिस्से से जुड़ा होता है, high velocity होने के कारण throat area पे pressure float chamber के pressure से कम हो जाता है और इसी pressure difference को हम carburetion depression भी कहते है ।

यही carburation depression एक force की तरह काम करता है, जो की fuel supply tube की मदद से fuel को float chamber से venturi tube तक पहुँचता है और इससे हवा और fuel का आपस में सही रूप से मिश्रण होता है । Fuel-air के मिश्रण का ratio (अनुपात) metering system और discharge jet के साइज पे निर्भर करता है । Throttle valve की मदद से यह mixture cylinder में पहुँचता है। Spark Ignition इंजन में quantity (मात्रा) का बहुत महत्वपूर्ण रोल है और यही मात्रा throttle valve से control होती और और उसी के हिसाब से हमे power भी मिलती है ।

Idling और rich mixture के जरूरत के समय extra fuel idling system के द्वारा venturi tube में पहुंचाया जाता है ।

Carburetor के प्रकार  | Types of Carburetor:

हवा के बहाव के दिशा अनुसार carburetor को मुख्य तीन भागो में विभजित किया गया है :

1. Up draught

इसमें हवा निचले हिस्से से enter होती और ऊपरी हिस्से से निकलती है और इसका मुख्य disadvantage यह है की air friction (फ्रिक्शन) के कारण यह मिक्सचर को अपने से साथ बहा लेती है । इसलिए इसका डिज़ाइन छोटे mixing tube और throat area वाले carburetor के लिए किया जाता है ताकि इंजन की कम स्पीड होने पर भी fuel के mixture को चलन के लिए पर्याप्त velocity (तीव्रता) मिले । अन्यथा fuel के particle (कण) हवा के साथ मिक्स नहीं होंगे और इंजन को lean मिक्सचर मिलेगा।

2. Down draught

Up draught carburetor की समस्या को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसमें हवा और मिक्सचर का बहाव downward डायरेक्शन (दिशा) में होता है। इसमें एयर फ्रिक्शन के कारण फ्यूल हवा के साथ नहीं बहता है और हवा की काम तीव्रता होने पर भी ग्रेविटी के कारण आसानी से इंजन सिलिंडर तक mixture पहुंच जाता है । इसमें इंजन के बड़े throat एरिया और mixing tube होने के कारण इसका use high speed इंजन में किया जा सकता है ।

3. Cross draught

इस carburetor में horizontal mixing tube होता है जिसका एक हिस्सा float chamber से जुड़ा होता है । इस प्रकार के carburetor के use से हम inlet पे 90o के turn को हटा सकते है और जो हवा के बहाव में रुकवाट होती है उसे कम भी कर सकते है ।

इन उपर्युक्त प्रकार के अलावा भी कुछ निम्न प्रकार है :

4.Constant Choke Carburetor

इसमें हवा और fuel के बहाव का area हमेसा constant ( एक ही अनुपात) रहता है । परन्तु इसमें इंजन के उपयोग अनुसार pressure difference में बदलाव किये जा सकते है जो की mixture के बहाव के लिए जिम्मेदार है । Solex and Zenith carburetor इसके प्रकार है

5.Constant Vacuum Carburetor

इसको variable choke carburetor के नाम से भी जाना जाता है ।इसमें हवा और fuel के बहाव का area हमेसा बदलता रहता है। जबकि vacuum हमेसा एक ही स्थिति में बनी रहती है । S.U and Carter carburetor इसके प्रकार है ।

हमे आशा है आपको Carburetor क्या है यह कैसे काम करता है वोर्किंग इसके प्रकार आपको समझ आ गये होंगे इसे शेयर जरूर करें नीचे button है और कमेंट करें और टॉपिक पर नोट्स लेने के लिए

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Filed Under: Automobile, Mechanical Engineering Tagged With: Mechanical engineering

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