फार्मिक अम्ल –
फार्मिक अम्ल एक कार्बनिक अम्ल है जो कार्बोस्लिक श्रेणी का पहला सदस्य है इसे पहले लाल चिट्टियों के आसवन से प्राप्त किया गया था इसलिए इसे फार्मिक अम्ल कहा जाता है लैटिन भाषा मे लाल चिट्टी को फार्मिका कहा जाता है यह मधु मक्खियो, बिच्छू, लाल चिट्टियों आदि के डंक मे पाया जाता है
फार्मिक अम्ल का IUPAC नाम –
फार्मिक अम्ल का ipusu नाम मेथेनॉइक अम्ल होता है
फार्मिक अम्ल का रसायनिक सूत्र –
फार्मिक अम्ल का रसायनिक सूत्र CH₂O₂ होता है
फार्मिक अम्ल की रासायनिक संरचना –
फार्मिक अम्ल की रासायनिक संरचना निम्न चित्रानुसार होती है
फार्मिक अम्ल का निर्माण –
फार्मिक अम्ल को बनाने के लिए लेड फॉर्मेट की क्रिस्टलो को लेकर उन्हे अच्छी तरह से छानने व सुखाने के पश्चात इसको एक कांच की नली मे भर लिया जाता है फिर इसमे H₂S गैस प्रवाहित किया जाता है जिससे लेड सल्फाइड नली के तल मे बैठ जाता है और फार्मिक अम्ल को अलग कर लिया जाता है इस प्रकार हमे फार्मिक अम्ल प्राप्त हो जाता है
फार्मिक अम्ल के गुण –
भौतिक गुण –
- यह रंगहीन, गंधहीन द्रव पदार्थ होता है
- यह एक संक्षारक पदार्थ होता है जो किसी तत्व के संपर्क मे लाने पर उस पर फफोले पैदा कर देता है
रासायनिक गुण –
- NaoH के साथ क्रिया करने पर यह सोडियम फार्मिक बनता है
- H₂SO₄ की मौजूदगी मे इसको गर्म करने पर यह मोनो ऑक्साइड मे टूट जाता है
- यह एथिल अल्कोहल से क्रिया कराने पर एथिल फार्मिक बनाता है
उपयोग –
- वस्त्रो की रंगाई मे
- गठिया रोग के उपचार मे प्रयुक्त होने औषधि के निर्माण मे
- कार्बनिक संश्लेषण में
- रबर उद्योग मे
- चमड़ा उद्योग में
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