नॉमिनल वोल्टेज क्या होता है ? तथा ऑपरेटिंग वोल्टेज एव रेटेड वोल्टेज के बारे में बताइये
नॉमिनल वोल्टेज
जब किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण को बनाया जाता है तो उस उपकरण को बनाने के पीछे उसका उपयोग करने का भी एक उद्देश्य होता है , क्योकि किसी भी उपकरण को किसी भी जगह या फिर इसे अगर फिजिक्स या इलेक्ट्रिकल की भाषा में ऐसे कहे की किसी भी उपकरण को किसी भी वोल्टेज या करंट की रेटिंग के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता |
हर उपकरण को वोल्टेज तथा करंट की एक फिक्स रेटिंग के लिए ही बनाया जाता है | और फिर उसी वोल्टेज तथा करंट की रेटिंग के लिए उनका उपयोग भी किया जाता है | तो अब हम उन पैरामीटर्स जेसे की वोल्टेज के बारे में समझते है जिनमे नॉमिनल वोल्टेज भी एक है |
अर्थात किसी उपकरण का नॉमिनल वोल्टेज वह वोल्टेज होता है जिसके लिए किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण को बनाया गया है और उस उपकरण को उसी वोल्टेज के लिए जाना जाता है | जिसका मान कभी भी उस उपकरण के उपयोग के दोरान इससे अलग नहीं होना चाहिए |
अर्थात नॉमिनल वैल्यू का अर्थ होता है एक एसी वैल्यू या मान जिसके लिए कोई इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाया गया है और वह उपकरण उस एक नॉमिनल वोल्टेज पर काम करता है | जो की उस उपकरण के वोल्टेज , उस उपकरण की शक्ति , तथा उस उपकरण के सभी AC वेवफॉर्म को तथा उनकी शेप को दर्शाता है |
किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण के उपयोग के दोरान उसका काम करने का वास्तविक वोल्टेज उसके नॉमिनल वोल्टेज से अलग हो सकता है जेसे किसी उपकरण का नॉमिनल वोल्टेज 220 वोल्ट दिया गया है लेकिन हो सकता है की यह उपकरण 216 वोल्ट पर ही काम करना चालू करदे या फिर ऐसा भी हो सकता है की यह उपकरण 223 वोल्ट पर काम करना शुरु करे |
अब हम कुछ ओर वोल्टेज के बारे में पड़ते है तथा फिर उनकी तुलना नॉमिनल वोल्टेज से करेंगे जिससे की सभी तरह के वोल्टेज के बारे में समझने में आसानी हो | इसके लिए हम सबसे पहले ऑपरेटिंग वोल्टेज के बारे में पड़ते है | तथा उसके बाद रेटेड वोल्टेज के बारे में पड़ेंगे |
ऑपरेटिंग वोल्टेज
जेसा की इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है की यह एक ऐसा वोल्टेज होता है जो किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण के ऑपरेट यानि की चालू होने के लिए चाहिए इसे ही ऑपरेटिंग वोल्टेज कहते है | इसे ऐसे भी समझ सकते है की किसी भी उपकरण का वह वोल्टेज जो उसको किसी स्त्रोत से दिया जाए जिससे की वह काम करना शुरू कर देता है उसे ऑपरेटिंग वोल्टेज कहते है |
इसका मान किसी भी उपकरण के रेटेड वोल्टेज पर निर्भर करता है , उदहारण के लिए अगर किसी उपकरण जेसे की मोटर का रेटेड वोल्टेज दिया गया है 220 वोल्ट तो इसका मतलब है की इस मोटर का ऑपरेटिंग वोल्टेज 210 वोल्ट से लेकर 230 वोल्ट भी Vary कर सकता है | जिसके की यह मोटर इस रेंज में भी Satisfactorily चालू हो जाएगी |
रेटेड वोल्टेज
किसी भी उपकरण को जब किसी इलेक्ट्रिकल परिपथ में लगाया जाता है तो उस उपकरण के सही तरह से चलने के लिए वोल्टेज का एक अधिकतम मान होता है और कोई भी उपकरण वोल्टेज के इसी अधिकतम मान तक सावधानी पूर्वक ऑपरेट हो सकता है | अगर इससे अधिक वोल्टेज के मान को बड़ा दिया जाए तो वह उपकरण या तो काम करना बंद कर देगा या फिर खराब हो जाएगा | अर्थात वोल्टेज का वह अधिकतम मान जहा तक कोई उपकरण चालू रह सकता है , उसे उस उपकरण का रेटेड वोल्टेज कहते है |
उदहारण के लिए यदि किसी मोटर का रेटेड वर्किंग वोल्टेज दिया गया है 220 वोल्ट तो इसका मतलब हुआ की यह मोटर सिर्फ 220 वोल्ट तक ही काम कर पाएगी | अगर वोल्टेज के मान को 220 वोल्ट से भी ज्यादा बड़ा दिया जाए तो मोटर के जलने या फिर खराब होने का खतरा बड जाता है तथा मोटर खराब भी हो सकती है |
किसी भी उपकरण के रेटेड वोल्टेज के मान को टॉलरेंस रेट के साथ लिखा जाता है और इस टॉलरेंस रेट को परसेंटेज में लिखा जाता है जिससे उस उपकरण का उपयोग करने के दोरान उसके रेटेड वोल्टेज के बारे में पता चलता है |
उदहारण के लिए हम मानते है की किसी मोटर का रेटेड वोल्टेज का मान 200 वोल्ट है तथा उसका टॉलरेंस रेट 10 % ( परसेंट ) है | तो इसका मतलब यह हुआ की उस मोटर का न्यूनतम वोल्टेज 180 वोल्ट होगा जो यह दर्शाएगा की 180 वोल्ट से कम वोल्टेज पर यह मोटर काम नहीं करेगा | तथा इस मोटर का अधिकतम वोल्टेज 220 वोल्ट होगा जो यह दर्शाएगा की यह मोटर 220 वोल्ट से अधिक वोल्ट पर भी काम नहीं करेगा करेगा और वोल्टेज का मान 220 वोल्ट से अधिक होने पर मोटर के खराब होने तथा जलने का खतरा बड जाएगा |
नॉमिनल वोल्टेज vs रेटेड वोल्टेज
जब भी किसी एलेक्ट्रिकल परिपथ में किसी डिवाइस का उपयोग किया जाता है तो उसका नॉमिनल वोल्टेज हमेशा उसके रेटेड वोल्टेज से कम होना चाहिए | जिससे की उस डिवाइस तथा परिपथ को सुरक्षित रखा जा सके तथा सुरक्षित तरीके से उनका उपयोग किया जा सके | क्योकि किसी भी डिवाइस के लिए उसका वोल्टेज लेवल या उसका सिस्टम वोल्टेज उस डिवाइस के लिए उसका नॉमिनल वोल्टेज होता है जबकि उस डिवाइस द्वारा सहन किया जाने वाला अधिकतम वोल्टेज उसका रेटेड वोल्टेज होता है |
नॉमिनल वोल्टेज vs ऑपरेटिंग वोल्टेज
जेसा की हम जानते है किसी भी इलेक्ट्रिकल डिवाइस का नॉमिनल वोल्टेज उसका वोल्टेज लेवल या सिस्टम वोल्टेज होता है जबकि उस डिवाइस का ऑपरेटिंग वोल्टेज उस डिवाइस का वह वोल्टेज होता है जो उस डिवाइस के ऑपरेट होने के लिए चाहिए होता है | अर्थात डिवाइस को उसके टर्मिनल पर जो एक्चुअल वोल्टेज अप्लाई किया जाता है वही उसका ऑपरेटिंग वोल्टेज कहलाता है |
अर्थात किसी डिवाइस के लिए फिक्स नॉमिनल वोल्टेज के लिए उसके ऑपरेटिंग वोल्टेज का मान नॉमिनल वोल्टेज से थोडा ज्यादा या थोडा कम हो सकता है | एसा इसलिए होता है क्योंकि ऑपरेटिंग वोल्टेज एक रेंज में होता है |
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