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Home » द्रव दाब क्या है प्रयोग, द्रव दाब के नियम, द्रव स्तम्भ से लगाया गया दाब, द्रव दाब के उदाहरण

द्रव दाब क्या है प्रयोग, द्रव दाब के नियम, द्रव स्तम्भ से लगाया गया दाब, द्रव दाब के उदाहरण

May 3, 2022 by Ajay Leave a Comment

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इस article मे हम द्रव दाब के बारे मे विस्तार से अध्ययन करेंगे इसमें हम देखेंगे की द्रव द्रव दाब क्या है द्रव दाब का एक साधारण प्रयोग, द्रव दाब के नियम, द्रव स्तम्भ से लगाया गया दाब, द्रव दाब के उदाहरण इस सब topic को समझने का प्रयास करेंगे

द्रव दाब –

हर द्रव छोटे छोटे अणुओ से मिलकर बना हुआ होता है और ये अणु आपस मे प्रबल आकर्षण बल द्वारा बंधे हुवे होते है ये अणु द्रव की सीमा मे अंदर अनियमित गति करते रहते है अनियमित गति के कारण ये अणु आपस मे व पात्र की दीवारो से टकराते रहते है इन टक्करो के कारण अणुओ के संवेग मे बदलाव होता है और ये अणु पात्र की दीवारो पर बल लगाते है 

पात्र की दीवार पर प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगाया गया बल द्रव दाब कहलाता है 

प्रयोग –

एक पात्र लेते है और उसको और उस पात्र को जल से भर देते है पात्र की दीवार पर एक छेद कर दिया जाता है जिस से जल  बाहर निकलने लग जाता है जब हम इस जल को बाहर निकलने रोकने के लिए छेद पर अंगुली लगाते है तो हमे जल के द्वारा बाहर की ओर एक बल लगता हुआ प्रतीत होता है तो इस प्रयोग से स्पष्ट होता है की द्रव पात्र की दीवारो पर दाब लगाता है 

द्रव स्तम्भ से लगाया गया दाब – 

एक उस उसे द्रव से भर लिया जाता है अब हम इसके दो बिंदुओं को लेते है P व Q इन दोनो बिंदुओं का दाब क्रमशः P₁ व P₂ है माना इस आकृति का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A  और बिंदु Q व N की गहराई h है और द्रव विराम अवस्था मे है तो इसका परिणामी क्षैतिज बल शुन्य होता है और इसका परिणामी ऊर्ध्वाधर दिशा कार्य करने वाला बल द्रव के भार के समान होता है 

नीचे की ओर ऊपर वाले सिरे द्रव के दाब के द्वारा लगाया गया बल = P₁A

तल से उपर की ओर लगने वाला बल = P₂A

दाब अंतर = (P₂A -P₁A) = mg 

              =( P₂ – P₁ ) A ……….(1)

द्रव का द्रव्यमान = घनत्व × आयतन 

समी. 1 से –

                m = ρV

                ( P₂ – P₁ ) A = ρVg

                ( P₂ – P₁ ) A = ρ(Ah) g

                 ( P₂ – P₁ ) = ρgh 

                  P = ρgh

द्रव स्तम्भ भार को प्रभावित करने वाले कारक –

  1. स्तंभ की ऊंचाई बढ़ने के साथ द्रव दाब बढ़ता है
  2. द्रव का घनत्व बढ़ने के साथ द्रव दाब बढ़ता है
  3. गुरुत्व त्वरण बढ़ने पर द्रव दाब बड़ता है

द्रव दाब के नियम –

  1. द्रव पात्र की दीवारो पर सभी दिशाओं मे हर बिंदु पर समान बल लगाता है 
  2. किसी द्रव से भरे हुवे पात्र मे डूबे हुवे कण के हर बिंदु पर दाब लंबवत दिशा में काम करता है
  3. किसी स्थिर बिंदु के अंदर किसी बिंदु पर लगा दाब मुक्त सतह से उस बिंदु की गहराई केअनुक्रमानुपात होता है 
  4. द्रव का दाब घनत्व के अनुक्रमानुपाती होता है

द्रव दाब के उदाहरण –

1. मकानो की नीव का चौडा बनाना –

पूरे मकान का दाबाव मकान की नीव पर पड़ता है अगर मकान की नीव चौडी कर दी जाती है तो उसका क्षेत्रफल बड़ जाता है क्षेत्रफल अधिक होने से नीव पर दाब कम पड़ता है और मकान नीचे धसकने ने से बच जाता है 

2. ट्रकों के टायर चौडा होना –

ट्रैक का पूरा वजन टायर के ऊपर होता है अगर टायर चौड़े नही होंगे तो उन पर दाब अधिक लगता है इस कारण टायर को चौडा कर दिया जाता जिस से टायर पर दाब कम लगे 

3. बांधों की दीवार ऊपर से पतले तथा नीचे से मोटी बनाना –

द्रव मे अंदर दाब उसकी गहराई के समानुपाती होता है जैसे जैसे द्रव की गहराई बड़ती जाती है वैसे  वैसे वह बाँध की दीवारो पर अधिक दाब डालता है इस लिए बांधों की दीवार ऊपर से पतले तथा नीचे से मोटी बनाई जाती है क्योकि बाँध की दीवार पर नीचे की तरफ अधिक दाब लगता है व उपर की और कम

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