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ठोस अवस्था | ठोसों के प्रकार | इकाई सेल । संकुलन | रिक्तियां | कक्षा 12 रसायन विज्ञान

January 7, 2023 by admin Leave a Comment

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ठोस अवस्था कक्षा बारहवीं के रसायन विज्ञान का पहला पाठ है इस पेज पर ठोस अवस्था के ये सब टॉपिक कवर होंगें जिसमें ठोस क्या है यह कितने प्रकार का होता है क्रिस्टलीय ठोस एवं अकृष्टलीय ठोस आयनिक ठोस आणविक ठोस सह संयोजी ठोस तथा धात्विक ठोस एकक सेल या इकाई कोशिका द्विविमीय निविड़ संकुलन तथा इसके प्रकार वर्गाकार निविड़ संकुलन,षट्भुजाकर निविड़ संकुलन एवं त्रिविमीय निविड़ संकुलन या पैकिंग और इनके प्रकार त्रिविमीय वर्गाकार निविड़ संकुलन,षट्भुजीय त्रिविमीय निविड़ संकुलन,घनीय निविड़ संकुलन रिक्तियां और इसके प्रकार

 ठोस एवं ठोस अवस्था किसे कहते हैं

कोई भी पदार्थ या वस्तु मुख्यतः तीन अवस्था में पाया जाता है गैस द्रव एवं ठोस जिन पदार्थों में अन्तरकण बल यानी पदार्थ के कणों को आपस में जोड़े वाला वाला बहुत कम होता है उन्हें गैस कहते हैं और जिन पदार्थों में गैसों से ज्यादा होता है उन्हें द्रव कहते हैं तथा जिन पदार्थों में यह बल बहुत ज्यादा होता है उन्हें ठोस कहते हैं इस अवस्था में पदार्थ के कारण गतिशील नहीं होते लेकिन वह अपने ही स्थान पर कंपन करते हैं ऐसे पदार्थों की आकृति तथा आकार होता है और इन्हें ठोस कहते है

ठोसों के प्रकार

ठोस दो प्रकार के होते हैं या इन्हें 2 भागों में बांटा जाता है

  1. क्रिस्टलीय ठोस
  2. अक्रिस्टलीय ठोस

क्रिस्टलीय ठोस

क्रिस्टलीय ठोस ऐसे ठोस होते हैं जिन्हें यदि माइक्रोस्कोप से जूम करके देखा जाए तब इसके आयन,परमाणु या अणु व्यवस्थित रूप से दिखें इन्हें क्रिस्टल भी कहते है

इसे वास्तव में सही समझने के लिए उदाहरण है ट्राली में रखी बहुत सारी ईंट जिन्हें अच्छे से जमा करके रखा जाता है हम जब ट्राली में देखते है तो हर जगह एक सा पैटर्न दिखता है यानी पदार्थ में भी एक जैसे पैटर्न दिखेंगे तब उसे क्रिस्टलीय ठोस कहेंगे

क्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण है हीरा, सोडियम क्लोराइड, सोडियम सल्फेट, आयोडीन आदि

जिन क्रिस्टलों में आयन होते है उन्हें आयनिक ठोस कहते है

अक्रिस्टलीय ठोस

अक्रिस्टलीय ठोस ऐसे पदार्थों को कहा जाता है जिनमें आयन या परमाणु व्यवस्थित रूप से नहीं होते जैसे प्लास्टिक,रबर,कांच आदि

यदि किसी ट्रॉली में बिना जमाएं ईंटों को डाल दिया जाए तब वे व्यवस्थित रूप से नहीं रहेंगे ऐसे ही जिस पदार्थ में परमाणु व अणु व्यवस्थित रूप से नहीं होते उन्हें अक्रिस्टलीय ठोस कहते हैं

बंधन बलों के आधार पर  ठोसों के प्रकार

आयनिक ठोस

जिन ठोसों के मूल कण धनायन आयन और ऋण आयन होते है या ऐसे ठोस जो आयनों से बने होते है तब उन्हें आयनिक ठोस कहते है

उदाहरण के लिए NaCl जो नमक है इसमें Na+ धनायन और Cl- ऋण आयन है यानि NaCl एक आयनिक ठोस है ये आयन स्थिर विद्युत बल से आपस में बंधे होते है

इसी प्रकार CsCl या केसियम क्लोराइड, ZnCl2 आदि भी आयनिक ठोस है

आणविक ठोस

आणविक ठोस ऐसे ठोस होते है जिनके मूल कण अणु होते है या ऐसे ठोस जो अणुओं से मिलकर बने होते है उन्हें आणविक ठोस कहते है

आणविक ठोस दो प्रकार के होते है

धुर्वीय आणविक ठोस और अधुर्वी आणविक ठोस

एकक सेल । इकाई सेल । Unit Cell

किसी भी क्रिस्टलीय ठोस या वस्तु का वह छोटे से छोटा भाग जो पूरे क्रिस्टल की आकृति और ज्यामिति बताता है एकक सेल या यूनिट सेल या इकाई सेल कहा जाता है यही इकाई सेल की परिभाषा है

इकाई सेल या एकक सेल के प्रकार

इकाई सेल या एकक सेल दो प्रकार के होते हैं

  • आध्य इकाई सेल । Primitive Unit Cell
  • विकसित या केंद्रित एकक सेल । Non Primitive Unit Cell

विकसित या केंद्रित एकक सेल निम्न प्रकार के होते है

  • बॉडी सेंटर्ड यूनिट सेल
  • फेस सेंटर्ड यूनिट सेल
  • एन्ड फेस सेंटर्ड यूनिट सेल

ठोसों की पैकिंग या बनाबट

ठोसों को पैकिंग या संकुलन जब कोई पदार्थ को ज़ूम करके देखा जाए तो उसकी वास्तविक बनाबट व्यवस्था दिखती है यह 2 तरह से होती है यानी ट्राली के ईंटें किस तरह भरी गई है या किस तरह पैकिंग की गई है

  • द्विविमीय निविड़ संकुलन । Two dimensional Close Packing
  • त्रिविमीय निविड़ संकुलन । Three Dimensional close Packing

द्विविमीय निविड़ संकुलन

Two dimensional Close Packing या द्विविमीय निविड़ संकुलन याद रहे यहां संकुलन का मतलब पैकिंग है मूल कण या परमाणु जमाने का तरीका है और जब मूल कणों को किसी 2d तल में पैक किया जाता है तब ऐसे तरीके को द्विविमीय निविड़ संकुलन कहते है

वर्गाकार निविड़ संकुलन

जब मूल कणों या गोलों को हर एक पंक्ति में सीधा रखा जाता है और पंक्ति में गोलों को आगे पीछे न रख कर बराबर रखे जाते है तब इस तरह की पैकिंग को Square Close Packing या वर्गाकार निविड़ संकुलन कहते है इसमे समन्वय अंक या coordination number 4 होता है

षट्भुजाकर निविड़ संकुलन 

इसमे रिक्तियों को कम करने की कोशिश की है और गोलो को इस तरह व्यवस्थित करते है कि हर एक पंक्ति के गोले नीचे वाली पंक्ति के गोले से बनी रिक्ति पर रखें इसमे षट्भुजाकार संरचना बनती है Co ordination नंबर 6 होता है

त्रिविमीय निविड़ संकुलन

जब पैकिंग में 3d संरचना पाई जाती है जैसे गोलों के ऊपर गोले रख कर और उनके बीच बनी रिक्तियों पर गोले रख कर पैकिंग की जाती है तब ऐसी पैकिंग को Three Dimensional close Packing या त्रिविमीय निविड़ संकुलन कहते है

Three Dimensional close Packing भी 2 प्रकार की होती है या जो 2d packing होती है उनका 3d रूप होती है जैसे Square का घन

त्रिविमीय वर्गाकार निविड़ संकुलन

Square Three Dimensional Close Packing जब Packing में तल के बाद एक या अधिक पैकिंग और हो या 3D में पैकिंग हो Square Packing की तब वह Simple cubic lattice या सरल घनीय जालक बनता है

इसका Co Ordination number 6 होता है

षट्भुजीय त्रिविमीय निविड़ संकुलन 

जब द्विविमीय षट्भुजीय निविड़ संकुलन से बनी रिक्तियों पर पर गोले रख कर पैकिंग की जाती है तब उसे Three dimensional Hexagonal Close packing या षट्भुजीय त्रिविमीय निविड़ संकुलन कहते है

Three dimensional Hexagonal Close packing में कम से कम 2 परत होंगीं पहली द्विविमीय पैकिंग वाली फिर उसकी रिक्तियों पर रखे गोले वाली परत यह दूसरी परत भी 2 तरह से बनती है

जब पहली परत के गोलों बीच बने छिद्रों पर गोले रखके दूसरी परत बनाई जाती है तब तो तरह की आकृति फिर दिखती है प्रथम परत के गोलों के ऊपर संचतुष्फलकीय A और प्रथम परत के गोलों से बने छिद्रों में अष्टफलकीय B आकृति दिखती है

जो packing के प्रकार बनते है

  • षट्भुजीय निविड़ संकुलन । Hexagonal Close Packing या hcp
  • घनीय निविड़ संकुलन । cubic close packing या ccp

षट्भुजीय निविड़ संकुलन

षट्भुजीय निविड़ संकुलन या Hexagonal Close Packing  जब type A यानी संचतुष्फलक छिद्रों गोले रख कर तृतीय परत बनाई जाती है तब यह प्रथम परत के जैसी दिखती है यानी यह पहली परत की कॉपी होगी यदि फिर इस तृतीय परत के ऊपर चौथी परत बनाई जाती है तो यह दूसरी परत जैसी बनती है इसमे हर बार एक परत बापस रिपीट होती है इसकी समन्वय संख्या 12 होती है

घनीय निविड़ संकुलन 

Cubic close packing या ccp यह पैकिंग B type आकृति यानी अष्टफलकीय छिद्रों पर गोले रखने से बनती है यह तृतीय परत होगी फिर इस पर गोले रखने पर जो चौथी परत आएगी वो पहली परत के समान होगी इसमे चौथी बार मे परत रिपीट होगी यदि 4 परतें क्रमशः 1,2,3,4 है तो यह packing 123123123 जैसी होगी क्योंकि चौथी परत प्रथम के समान है इसलिए उसे 1 कहेंगे और 5 दूसरी के इसलिए उसे 2 कहेगें

रिक्तियाँ किसे कहते है । Voids

पदार्थ के क्रिस्टलों के व्यवस्थित रूप से जमे हुए परमाणु अणु एवं आयन के बीच में जब कोई स्थान रिक्त रह जाता है तब ऐसे छिद्रों को रिक्तियां कहते हैं

अब समझने के लिए मान लीजिए कि किसी पदार्थ का मूल कण या आयन, परमाणु,अणु एक गोला है तब गोलों के बीच बचे स्थान को रिक्ति कहेगें

रिक्तियां दो प्रकार की होती हैं

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ और अष्टफलकीय रिक्तियां जब तीन गोलों को एक दूसरे से मिला कर रखा जाता है तब इनके बीच एक रिक्त स्थान बचता है ऐसी रिक्तियों को संचतुष्फलकीय रिक्तियां कहते हैं

जब 4 गोलों को मिला कर रखा जाता है तब जो छिद्र बनता है या बचता है ऐसे रिक्त स्थान को अष्टफलकीय रिक्तियां कहते हैं

ठोस अवस्था का यह पहला भाग है जिसमे लगभग आधा चैप्टर कवर किया गया है हमे आशा है ठोस अवस्था कक्षा 12 रसायन विज्ञान का यह पेज आपको अच्छा लगा होगा इसे शेयर कीजिये और कोई क्वेश्चन हो तो कमेंट में लिख कर पूछ सकते है

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