इस article मे हम भौतिक विज्ञान के टोपिक् सरल लोलक के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे इसके साथ हम सरल लोलक का आवर्तकाल का व्यंजक, सेकेंड लोलक के बारे मे भी जानेंगे
सरल लोलक –
जब किसी बिंदु आकार के पदार्थ को लालची नगण्य भार वाली किसी डोरी के एक सिरे से बांधा जाता है और उसे किसी स्थिर आधार से लटका दिया जाता है तो इस निकाय को सरल लोलक कहते हैं
माना एक l प्रभावी लंबाई वाला सरल लोलक है जिसका द्रव्यमान m है जब इस लोलक को उसकी जगह से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाता है तो यह है अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर दोलन करने लग जाता है
इस प्रकार की स्थिति मे गोलक पर दो प्रकार के बल कार्य करते है
- डोरी का तनाव T ( डोरी की दिशा BS की ओर)
- गोलक का भार mg ( नीचे की ओर)
गोलक के भार mg को दो भागो ( घटको) मे बांटा जा सकता है
- mgcosθ ( डोरी की दिशा SB की ओर)
- Mgsinθ (SB के लंबवत)
गोलक पर लगने वाला प्रत्यानयन बल
F = -mgsinθ …..(1)
यदि जब θ का मान सूक्ष्म हो तो sin θ = θ
समी. (1) से –
F= -mgθ … . . (2)
कोण = चाप / त्रिज्या
θ = AB/SB
θ = y/l … … (3)
समी. (2) व (3) से
F = -mg. Y/l … … (4)
न्यूटन की गति के दूसरे नियम से हम जानते हैं
F = mα ……..(5)
समी. (4) व (5) से
mα = -mg. Y/l
α = -g/l y
-g/l यहा एक नियतांक है
α = y
आवर्तकाल के लिए व्यंजक
किसी सरल आवर्त गति करते कण के त्वरण का व्यापक समीकरण
α = -ω²y
∵ α = -g/l y
-ω²y = gl
ω = √g/l
2π/T = √g/l
T/2π = √ l/g
T = 2π √g/l
सेकंड लोलक
ऐसा सरल लोलक जिसका आवर्तकाल 2 सेकंड का होता है सेकंड लोलक कहलाता है
T = 2sec
आवर्तकाल के सूत्र से
T = 2π √g/l
T² = 4π²l/g
l = T²×g/4π²
= 2² × 9.8/4×3.14 ×3.14
l = 9.80/9.85
l = 0.9920m
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