मोटर स्टार्टर क्या होता है ? सिद्धांत | प्रकार | कार्यविधि
मोटर स्टार्टर
आज के इस टॉपिक में हम मोटर स्टार्टर के बारे में बात करेंगे जिसमे समझेंगे की मोटर स्टार्टर क्या होता है ? तथा इसका सिद्धांत क्या होता है इसके बाद हम समझेंगे की कितने प्रकार के मोटर स्टार्टर होते है जिनमे हम Manual स्टार्टर और मैग्नेटिक स्टार्टर के बारे में भी समझेंगे तथा इनकी कार्यविधि किस प्रकार से होती है इन बिन्दुओ को विस्तार से समझेगें तो अब स्टार्ट करते है समझना स्टार्टर को |
मोटर स्टार्टर एक ऐसा इलेक्ट्रिकल डिवाइस होता है जो किसी Equipment के लिए उसमे इलेक्ट्रिकल पॉवर को कंट्रोल करता है अर्थात यह स्टार्टर , मोटर को सुरक्षित तरीके से स्टार्ट करता है , Stop करता है तथा मोटर की प्रोटेक्शन के लिए भी उत्तरदायी होता है |
मोटर स्टार्टर , मोटर की Direction को बदलने के लिए भी उपयोग किया जाता है इस प्रकार अगर स्टार्टर के Function देखें तो इनका काम होता है मोटर को स्टार्ट करना उसे Stop करना , मोटर की डायरेक्शन को चेंज करना तथा मोटर को प्रोटेक्शन Provide करना यही इस स्टार्टर के मुख्य फंक्शन होते है | अब हम इसके सिद्धांत को समझेंगे |
मोटर स्टार्टर का सिद्धांत
इसका सिद्धांत कुछ इस प्रकार होता है की मोटर के स्टार्टर को मोटर से Connect करके जब इसके Contactor को बंद किया जाता है तब इसके द्वारा मोटर की वाइंडिंग को Full Line Voltage अप्लाई किया जाता है तो बहुत ही कम समय के लिए मोटर एक हाई Inrush करंट को Draw करती है आयरन की मैग्नेटिक फील्ड में तथा इसके बाद करंट लिमिटेड हो जाती है मोटर के Locked रोटर के लिए | अब मोटर एक रोटर Torque को Develop कर लेती है और घूमना स्टार्ट कर देती है |
और जब एक बार मोटर घूमना स्टार्ट कर देती है तो करंट Drop होना शुरू हो जाती है लेकिन करंट का Drop Significantly नहीं होता है जब तक की मोटर अपनी High स्पीड तक न चली जाए | और इस प्रकार किसी मोटर के लिए करंट Curve उसकी डिजाईन का एक फंक्शन होता है तथा यह पूरी तरह से Load से स्वतंत्र होता है | इस प्रकार मोटर के लिये उसका स्टार्टर वर्क करता है | अब हम स्टार्टर के प्रकार को समझेंगे |
मोटर स्टार्टर के प्रकार
जब हम स्टार्टर के प्रकार के बारे में बात करें तो कई प्रकार के मोटर स्टार्टर होते है जिनका उपयोग इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा होता है जो की इस प्रकार है –
1 . डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर ( DOL )
2 . स्टेटर Resistance स्टार्टर
3 . स्टार डेल्टा स्टार्टर
4 . सॉफ्ट स्टार्टर
5 . वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव
6 .ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर
7 . स्लिप रिंग मोटर स्टार्टर या फिर रोटर Resistance
इसके अलावा कुछ और भी प्रकार के स्टार्टर होते है जो की स्टार्टिंग Methods एवं तकनीक पर आधारित होते है जैसे की –
1 . Full वोल्टेज या फिर Across the लाइन स्टार्टर
2 . मल्टीस्पीड स्टार्टर
3 . Redused वोल्टेज स्टार्टर
4 . Full वोल्टेज Reversing स्टार्टर
इस प्रकार कई प्रकार के स्टार्टर होते है पर इन सभी स्टार्टर को दो प्रकार में बांटा गया है जिनमे से पहला है Manual स्टार्टर तथा दूसरा है मैग्नेटिक स्टार्टर | अब हम इन दोनों टाइप के स्टार्टर के बारे में विस्तार से समझते है |
Manual स्टार्टर
इस प्रकार के स्टार्टर में स्टार्ट तथा Stop करने के लिए एक Push – button होता है तथा मोटर को डायरेक्ट इस स्टार्टर से कनेक्ट कर दिया जाता है यह स्टार्टर मैन्युअली ही ऑपरेट होता है तथा इसके लिए किसी भी प्रकार के एक्सपीरियंस की आवश्यकता नहीं होती है तथा इसकी संरचना में एक मैकेनिकल बटन होता है जिसे स्विच कहा जाता है तथा मोटर के साथ कनेक्शन बनाने और ब्रेक करने के लिए यही स्विच उत्तरदायी होता है |
और इस प्रकार से ये मोटर में होने वाले ओवरलोड से भी प्रोटेक्शन प्रोवाइड करता है लेकिन इस प्रकार के स्टार्टर का एक नुकसान यह भी है की ये डिवाइस को Low वोल्टेज प्रोटेक्शन प्रोवाइड नही करते है और जब कभी भी सर्किट या ट्रांसमिशन में पॉवर Failure होता है तो ये डिवाइस को प्रोटेक्ट नहीं कर पाते है |
इसीलिए इनका उपयोग कम पॉवर वाली मोटर के लिए किया जाता है तथा डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर भी एक मैन्युअल स्टार्टर ही होता है जो की डिवाइस के लिए ओवरलोड प्रोटेक्शन प्रोवाइड करता है |
मैग्नेटिक स्टार्टर
मैग्नेटिक स्टार्टर सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला स्टार्टर होता है इसका उपयोग हाई पॉवर AC मोटर के लिए किया जाता है इनका ऑपरेटिंग प्रिन्सिपल Relay के जैसा होता है तथा ये Electromagnetically ऑपरेट होते है तथा Magnetism का उपयोग करके अपने कनेक्शन को बनाते तथा Break करते है |
इसके अन्दर स्टार्टिंग वोल्टेज कम तथा सुरक्षित होता है और ये कम वोल्टेज तथा ओवरकरंट की स्थति में ही सुरक्षा प्रदान करते है मोटर को | तथा इनका एक सबसे अच्छा फायदा यह है की जब भी कभी ट्रांसमिशन के दौरान पॉवर Failure होता है तो ये अपने आप ही कनेक्शन को Brek कर लेता है जिससे डिवाइस पूरी तरह से सुरक्षित रहता है |
मोटर स्टार्टर की क्रियाविधि
मोटर स्टार्टर एक प्रकार का कंट्रोल डिवाइस होता है जिसके द्वारा मोटर को On या फिर Off किया जा सकता है तथा इस प्रकार On या फिर Off करने के लिए इसके अन्दर कनेक्शन कनेक्ट या फिर Break होता है और इस प्रकार इस स्टार्टर के अन्दर दो प्रकार की क्रियाविधि होती है जिसमे से पहली है मैन्युअल क्रिया जो की मैन्युअल स्टार्टर के अन्दर होती है और दूसरी है मैग्नेटिक क्रिया जो की मैग्नेटिक स्टार्टर के अन्दर होती है |
अब बात करते है मैन्युअल स्टार्टर की क्रियाविधि की तो इस प्रकार के स्टार्टर में स्टार्ट तथा Stop करने के लिए एक Push – button होता है तथा मोटर को डायरेक्ट इस स्टार्टर से कनेक्ट कर दिया जाता है यह स्टार्टर मैन्युअली ही ऑपरेट होता है तथा इसके लिए किसी भी प्रकार के एक्सपीरियंस की आवश्यकता नहीं होती है तथा इसकी संरचना में एक मैकेनिकल बटन होता है जिसे स्विच कहा जाता है तथा मोटर के साथ कनेक्शन बनाने और ब्रेक करने के लिए यही स्विच उत्तरदायी होता है |
अब हम बात करेंगे मैग्नेटिक स्टार्टर की क्रियाविधि की इनका ऑपरेटिंग प्रिन्सिपल Relay के जैसा होता है तथा ये Electromagnetically ऑपरेट होते है तथा Magnetism का उपयोग करके अपने कनेक्शन को बनाते तथा Break करते है |
इस प्रकार दोनों तरह के स्टार्टर की क्रियाविधि होती है |
Sunil says
Achha lga thanks