प्रकाश का व्यतिकरण से क्या तात्पर्य है ? इसके प्रकार | आवश्यक शर्तें
आज के इस टॉपिक में हम प्रकाश का व्यतिकरण ( Interference Of Light ) के बारे में समझेंगे जिसमे हम देखेंगे की प्रकाश का व्यतिकरण क्या होता है तथा किस प्रकार यह व्यतिकरण की घटना होती है उसके बाद हम यह समझेंगे की प्रकाश का व्यतिकरण के कितने प्रकार होते है और उसके बाद हम प्रकाश का व्यतिकरण की घटना के लिए आवश्यक शर्तों के बारे में समझेंगे तो चलिए समझना शुरू करते है की व्यतिकरण क्या होता है ?
प्रकाश का व्यतिकरण
प्रकाश का व्यतिकरण ( Interference Of Light ) एक ऐसी घटना होती है जिसमे प्रकाश की तरंगे जब किसी Medium में गति करती है तो इन तरंगो के प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन या भिन्नता होती है |
अर्थात इसे इस प्रकार समझा जा सकता है की जब किसी Medium में लगभग समान आयाम तथा समान आव्रति की दो प्रकाश तरंगे जो की एक ही प्रकाश के स्त्रोत से निकली है एक साथ एक ही Direction में आगे बढती है तो इस Medium के अलग – अलग Points पर प्रकाश की तीव्रता ( Intensity Of Light ) अलग –अलग होती है |
जब इस Medium के अलग – अलग Points पर प्रकाश की तीव्रता ( Intensity Of Light ) अलग –अलग होती है तो इनमे से कुछ Points पर प्रकाश की परिणामी तीव्रता Maximum होती है और कुछ Points पर प्रकाश की परिणामी तीव्रता Minimum या फिर Zero होती है इस घटना को प्रकाश का व्यतिकरण ( Interference Of Light ) कहते है |
प्रकाश का व्यतिकरण ( Interference Of Light ) की घटना ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांन्त पर आधारित होती है अर्थात्त इस घटना के दौरान कही पर न तो ऊर्जा बनती है और न ही ऊर्जा की हानि होता है इस प्रकार यह व्यतिकरण की घटना होती है | अब हम प्रकाश के व्यतिकरण के प्रकार के बारे में समझेंगे |
प्रकाश का व्यतिकरण के प्रकार
प्रकाश का व्यतिकरण के मुख्य रूप से दो प्रकार होते है जिनमे से पहला होता है सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference ) तथा दूसरा होता है विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference ) अब हम इनको समझते है
सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference )
सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference ) को इस प्रकार समझा जा सकता है की जब भी दो तरंगे एक ही Direction में एक साथ आगे बढती है तथा किसी भी Point पर यदि समान कला में मिलती है तो इस Point पर प्राप्त होने वाली परिणामी तीव्रता का मान अधिकतम होता है इसे ही सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference ) कहा जाता है |
अर्थात इसका मतलब यह हुआ की सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference ) में परिणामी तीव्रता का मान अधिकतम होता है और जिन भी Points पर परिणामी तीव्रता का मान अधिकतम होता है उन Points पर होने वाले व्यतिकरण को सम्पोषी व्यतिकरण ( Constructive Interference ) कहा जाता है |
विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference )
विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference ) को इस प्रकार समझा जा सकता है की जब भी दो तरंगे एक ही Direction में एक साथ आगे बढती है तथा किसी भी Point पर यदि विपरीत कला में मिलती है तो इस Point पर प्राप्त होने वाली परिणामी तीव्रता का मान न्यूनतम या फिर शून्य होता है इसे ही विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference ) कहा जाता है |
अर्थात इसका मतलब यह हुआ की विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference ) में परिणामी तीव्रता का मान न्यूनतम या शून्य होता है और जिन भी Points पर परिणामी तीव्रता का मान न्यूनतम या शून्य होता है उन Points पर होने वाले व्यतिकरण को विनाशी व्यतिकरण ( Destructive Interference ) कहा जाता है |
अब हम समझते है की प्रकाश का व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्तें कोन – कोनसी होती है |
प्रकाश का व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्तें
प्रकाश का व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्तें कुछ इस प्रकार से होती है –
1 . दोनों प्रकाश तरंगें जो की किसी Point पर जाकर मिलती है और व्यतिकरण की घटना होती है वे दोनों ही तरंगें एक ही प्रकाश स्त्रोत से निकलनी चाहिए |
2 . दोनों ही प्रकाश तरंगे लगभग समान आयाम तथा समान आव्रति की होनी चाहिए जो व्यतिकरण की घटना में भाग लेती है |
3 . दोनों ही तरंगे कला सम्बद्ध होनी चाहिए |
4 . दोनों ही तरंगो का जो प्रकाश स्त्रोत होता है वह एकवर्णी ( Monochromatic ) होना चाहिए |
इस प्रकार ये कुछ आवश्यक शर्ते है जो की प्रकाश के व्यतिकरण की घटना के लिए आवश्यक होती है |
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