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Home » पलायन वेग क्या है ? व पलायन वेग का व्यंजन

पलायन वेग क्या है ? व पलायन वेग का व्यंजन

अप्रैल 1, 2022 by admin Leave a Comment

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पलायन वेग या Escape Velocity earth,moon,sun की

पलायन वेग क्या है और चाँद का पलायन वेग क्या है अन्य सभी ग्रह के पलायन वेग क्या है और सूर्य का पलायन वेग क्या है पलायन वेग का व्यंजन सारी सूचना इस page पर है आप पढ़ सकते है

पलायन वेग क्या है

जब हम किसी पत्थर को ऊपर की और फेंकते है तो कुछ ऊपर जाकर नीचे आ जाता है ये गुरुत्वाकर्षण के कारण होता है जितनी जोर से या जितने ज्यादा वेग से फेंकते है पत्थर उतनी ही ज्यादा ऊंचाई तक पहुंच कर नीचे आ जाता है

यदि किसी पत्थर को इतने ज्यादा वेग से फेंका जाये की वह बापस ना आये और अपनी पृथ्वी की गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर निकल जाये तो उस वेग को ही पलायन वेग कहते है

पृथ्वी का पलायन वेग

हमारी पृथ्वी का पलायन वेग 11.2 km/sec है यानि किसी वस्तु को 11.2km/sec से फेंका जाये तो वह बापस लौट के नहीं आएगा जैसे कोई Satellite पृथ्वी के कक्षा में स्थापित किया जाता है तब उसको धक्का देने बाल रॉकेट की वेग 11.2km/sec ही होती है पलायन वेग की गणना करने का सूत्र √2gR होता है जहां पर g gravity है और R त्रिज्या है उस ग्रह या कोई भी पिंड की जिसका पलायन वेग निकलना है

चाँद और सूर्य का पलायन वेग

चाँद हम इसी सूत्र के उपयोग से निकाल सकते है चाँद की गुरुत्वाकर्षण यानि की g हमारी पृथ्वी की 1/6 है और 1.74×10^6 त्रिज्या लेने पर

तब √2gR के उपयोग से चाँद का पलायन वेग 2.4 km/sec हो जाता है यानि की चाँद से कोई वस्तु को प्रणोदित के लिए हमे 2.4 km/ sec का वेग देनी होगी किसी वस्तु को चाँद का पलायन वेग हमारी पृथ्वी से काफी कम है सूर्य का पलायन वेग √2gR से 618km/sec है

पलायन वेग का व्यंजन –

माना पृथ्वी का द्रव्यमान M व पृथ्वी की त्रिज्या R है तब इसके पृष्ठ पर उपस्थित द्रव्यमान m के किसी पिंड की गुरुत्वीय स्थितज ऊर्जा

= – GMm/R

पिंड को पृथ्वी के पृष्ठ पर फेकें जाने पर इसकी स्थितिज ऊर्जा मे हुई वृद्धि

ΔU = 0+(-GMm/R)

ΔU = GMm/R

जब पिंड का वेग पलायन वेग Ve हो तो गतिज ऊर्जा

= 1/2 mVe²

स्थितिज ऊर्जा मे होने वाली वृद्धि परंभिक गतिज ऊर्जा के बराबर होती है

1/2mVe² = GMm/R

1/2Ve² = GM/R

Ve = (2GM/R)¹÷² ……… (1)

∴ गुरुत्वीय त्वरण

g = GM/R²

gR = GM/R²

समी. 1 मे मान रखने पर –

Ve = √2gR

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Filed Under: physics, Space Tagged With: भौतिक विज्ञान

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