इस article मे हम इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन व प्रोटॉन के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे की ये क्या होते है ये कण क्या होते है इन पर क्या आवेश होता है और इनकी खोज कैसे हुई
प्रोटोन की खोज
प्रोटोन की खोज सन् 1886 मे गोल्डस्टिन द्वारा की गई प्रोटोन नाभिक में स्थित एक कण होता है होता है जिस पर धन आवेश होता है जिसका द्रव्यमान 1.67×10-19 kg होता है हर परमाणु मे अलग अलग संख्या मे प्रोटोन पाए जाते है इसे p से दर्शाया जाता है
प्रयोग
गोल्डस्टिन ने एक कांच की बंद ट्यूब ली इन्होंने इसमे एक घातु की पट्टी का एनोड लिया और इस ट्यूब के बीच मे एक कैथोड की जाली लगा दी इसके बाद दोनो को एक बैटरी से जोड़ दिया जाता है जिस से 10000 वोल्ट की विधुत धारा दी जिस से एनोड से कुछ किरणें उत्सर्जित हुई जो कैथोड जाली की ओर गति करती हुई जाने लगी जिसमे से कुछ किरणें कैथोड जाली से गुजर गयी ये किरणें धन अवेशित थी क्योकि ये कैथोड से आकर्षित हो रही थी जिस पर ऋण आवेश होता है और ये किरणें जिन कणो से मिलकर बनी होती है उसे प्रोटोन का नाम दिया इस प्रकार प्रोटोन की खोज हुई
इलेक्ट्रॉन की खोज
इलेक्ट्रॉन की खोज सन् 1897 मे ब्रिटेन के महान भौतिक वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन ने की थी इलेक्ट्रॉन एक ऋण अवेशित कण होता है जिसका मान -1. 6 × 10-19 कुलाम होता है व द्रव्यमान 9.11×10-31 होता है इलेक्ट्रॉन कण व तरंग दोनों की तरह व्यवहार करता है तथा यह नाभिक के चारो तरफ दीर्घ वृत्ताकार कक्षा मे चक्कर लगाता है इसे e से दर्शाया जाता है
प्रयोग
जे. जे. थॉमसन ने एक कांच की विसर्जन नली ली जिसमे निर्वात थी और इसके एक सिरे पर कैथोड व दूसरे पर एनोड लगा हुआ था और इसको 10000 वोल्ट के विधुत धारा स्रोत के साथ जोड़ दिया गया और इसके ऊपरी सिरे पर एक निर्वात पंप जोड़ा गया व इस ट्यूब मे निम्न दाब पर गैस भरी और विधुत धारा को प्रवाहित करने पर कैथोड से कुछ चमक दार किरणे एनोड की और जाने लगी इन किरणो को कैथोड किरणें कहा गया बाद मे जो ये किरण जिन कणो से मिलकर बनी होती है उन्हे इलेक्ट्रोन नाम दिया गया
न्यूट्रॉन की खोज
न्यूट्रॉन की खोज सन 1931 में ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने की थी न्यूट्रॉन एक आवेश रहित कण होता है जिस पर कोई आवेश नही होता है न्यूट्रॉन को n से दर्शाया जाता न्यूट्रॉन वह प्रोटोन मिलकर ही नाभिक का निर्माण करते है न्यूट्रॉन उपपरमाण्विक कण होता है होता है जो प्रत्येक परमाणु की नाभिक मे पाया जाता है इसका द्रव्यमान 1.67493×10-27 होता है यह इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से 1839 गुना अधिक होता है न्यूट्रॉन एक मूलभूत कर नहीं है क्योकि यह तीन छोटे छोटे कणो से मिलकर बना होता है जिन्हे क्वॉर्क कहा जाता है न्यूट्रॉन में एक अप क्वॉर्क अपवर्क व दो डाउन क्वॉर्क होते है
जेम्स चैडविक को 1935 में न्यूट्रॉन की खोज करने की लिए नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया
प्रयोग
1920 में रदरफोर्ड ने अपने प्रयोगों के आधार पर परमाणु के नाभिक मे एक कण की संभवना व्यक्त की जिस पर कोई आवेश ना हो और उसका द्रव्यमान प्रोटोन के द्रव्यमान के बराबर होता है सन 1934 में चैडविक ने एक प्रयोग किया जो निम्न है
जेम्स चैडविक ने एक प्रयोग किया जिसमे उन्होंने बेरिलियम की पन्नी पर अल्फा कणो की बौछार करवाई ती इस से उदासीन किरणे निकली और जब इन किरणो को हल्के नाभिको पर गिराया जाता है तब उन से प्रोटोनो का उत्सर्जन होता है चैडविक ने इन कणो का न्यूट्रॉन दिया
Leave a Reply