इस अर्टिकल मे हम रसायन विज्ञान के एक महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में चर्चा करेंगे जो बोर्ड परीक्षाओं में कई बार पूछा जा चुका है कोलराउश का नियम क्या है तथा इसके अनुप्रयोग
कोलराउश ने प्रकाश विद्युत अपघट्य में प्रयोग किया उसने इस प्रयोग के दौरान देखा की यदि कोई दो विद्युत अपघटन में एक आयन उभयनिष्ठ(common) हो जैसे दो विद्युत अपघटन H2SO4 और CuSO4 हैं तो इनमें सल्फेट उभयनिष्ठ (common) है तब इनकी मोलर व तुल्यांकी चालकता मे हमेशा एक निश्चित अंतर होता है इसी के संबंध में कोलराउश ने एक नियम दिया जिसे हम कोलराउश नियम कहते हैं
कोलराउश का नियम –
किसी भी विद्युत अपघट्य की अनंत तनुता पर तुल्यांकी या मोलर चालकता उसमे उपस्थित धनायन और ऋणायन की अनंत तनुता पर तुल्यांकी या मोलर चालकताओं के योग के बराबर होती है
∧∞m = Xλ∞⁺ ⁺ yλ∞⁻
जँहा –
∧∞m = विद्युत अपघटन के मोलर चालकता
λ∞⁺ = अनंत तनुता पर धनायन की मोलरता चालकता
λ∞⁻ = अनंत तनुता ऋणायन की मोलरता चालकता
X = प्रति इकाई धनायन की संख्या
Y = प्रति इकाई ऋणायन की संख्या
कोलराउश नियम के अनुप्रयोग
- दुर्बल विद्युत अपघट्य की अनंत तनुता पर मोलर चालकता का निर्धारण – इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता प्रबल विद्युत अपघट्यो मे धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जाती है
∧∞m (CH3COOH) = ∧∞m(HCL) + ∧∞m(CH3COONa) – ∧∞m(NaCL)
= λ∞H⁺ + λ∞Cl⁻ + λ∞Na⁺ + λ∞CH3COO⁻ – (λ∞Na⁺ + λ∞Cl⁻)
= λ∞H⁻ + λ∞CH₃COO⁻
- वियोजन की मात्रा ज्ञात करना – कोलराउश के नियम के आधार पर हम विद्युत अपघट्य के व्यंजन के मात्रा की गणना की जा सकती है
वियोजन की मात्रा = किसी सांद्रता पर m कीचालकता/ अनंत पर मोलर चालकता
= ∧Cm/∧∞m
∧∞m = λ∞+ + λ∞–
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