इस post मे हम class 12th chemistry के chapter 4 रासायनिक बलगतिकी के एक महत्वपूर्ण topic अभिक्रिया का वेग और उसके वेग को प्रभावित करने वाले कारको के बारे मे अध्ययन करेंगे
अभिक्रिया वेग
कोई रासायनिक अभिक्रिया कितनी देर मे संपन्न होती है वह उस अभिक्रिया का वेग कहलाता है
कुछ अभिक्रियाएँ बहुत जल्दी सम्पन्न हो जाती है जैसे अम्ल व क्षारो की अभिक्रियाएँ और कुछ अभिक्रियाएँ बहुत ही मंद गति से सम्पन्न होती है जैसे लौहे के जंग लगना
अभिक्रिया का वेग = अभिकारको की सांद्रता मे कमी / कमी मे लगा time
Δt = – ΔR/ Δt
अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले कारक
रासायनिक अभिक्रियाओ का वेग अनेक कारणो से प्रभावित होता है जिन से से कुछ प्रमुख कारण निम्न है
अभिकारको की सांद्रता
किसी भी अभिक्रिया का वेग समय बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है क्योकि शुरुआत मे अभिकारको की सांद्रता अधिक होती है और जैसे जैसे अभिकरको की सांद्रता मे कमी अति है वैसे वैसे अभिक्रिया का वेग कम होता जाता है अतः अभिक्रिया का वेग अभिकारको की सांद्रता के अनुक्रमानुपाती होता है
तंत्र का ताप
किसी भी अभिक्रिया के तंत्र का ताप बढ़ने से उस अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है और ताप कम होने पर उसका वेग कम भी हो जाता है यह नियम ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी दोनो प्रकार की अभिक्रियाओ पर लागू होता है केवल 10C ताप बढ़ने से ही अभिक्रिया का वेग दो या तीन गुणा तक बढ़ जाता है क्योकि ताप बढ़ने से अभिकरको के अणुओ की गतिज ऊर्जा मे वृद्धि होती है जिस से अभिकारक के अणुओ की उत्पादो मे बढ़ने की दर बढ़ जाती है
अभिकारको एवं उत्पादो की प्रकृति
अभिक्रियाओ का वेग अभिकारको और उत्पादो की प्रकृति से भी प्रभावित होता है रासायनिक अभिक्रिया में पुराने बंध टूटते हैं तथा नए बंधो का निर्माण होता है इसलिए अभिक्रिया के वेग अभिकारको की बंधो के टूटने और नये बंध बनने पर निर्भर करती है
2NO + O2 = 2NO2 ( तेज वेग)
2CO + O2 = 2CO2 ( धीमा वेग)
उत्प्रेरक का प्रभाव
उत्प्रेरक वे बाह्य पदार्थ होते हैं जो किसी भी अभिक्रिया के वेग को बढ़ा व घटा सकते है कुछ अभिक्रियाए उत्प्रेरक की उपस्थिति में बहुत अधिक गति से संपन्न होती है अर्थात वे अति तिर्व संपन्न हो जाती है क्योकि उत्प्रेरक अभिकारकों सक्रियण उर्जा को कम कर देती है जिस से अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है
CH3COOC2H5 + H2O = CH3COOH + C2H5OH
सतही क्षेत्रफल
अभिक्रिया मे अभिकारको का सतही क्षेत्रफल जितना ज्यादा होता है उस अभिक्रिया का वेग उतना ही ज्यादा होता है अभिकारक एक ठोस पदार्थ होते हैं तो अभिक्रिया के वेग उसके कणो के आकर पर depend करता है अगर अभिकारको के कणो का आकार छोटा है तो अभिक्रिया का वेग अधिक और कणो का आकर बढ़ा है तो अभिक्रिया का वेग कम होता है
विकिरण द्वारा उद्भासन
कुछ अभिक्रियाओ का वेग कुछ विकिरणो की मौजूदगी मे बढ़ जाता है क्योकि अधिक ऊर्जा के दृश्य में पराबैंगनी प्रकाश फोटोन अभिक्रिया मे पुराने बंधो को तोड़ देते है जिस से अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है
H2 + Cl2 (अंधेरे मे) = 2HCl ( मंद वेग से)
H2 + Cl2 (सूर्य की रोशनी मे ) = 2HCl ( विस्फोट के साथ)
प्रातिक्रिया दे