इस पोस्ट मे हम 12th chemistry के chapter no. 17 chemistry in life के एक महत्वपूर्ण टोपिक रॉकेट प्रणोदक क्या होते है ये कितने प्रकार के होते है इन सब के बारे मे सरल व आसान भाषा मे समझेंगे
रॉकेट प्रणोदक
ये वे रसायनिक पदार्थ होते हैं जो रॉकेट को आवश्यक ऊर्जा एवं शक्ति देते हैं ऐसे रसायनों को प्रोकेट प्रणोदक कहते है
रॉकेट प्रणोदक ईंधन तथा ऑक्सीकारक पदार्थों का मिश्रण होते हैं जिन्हें रॉकेट के इंजन में जलाने पर बहुत अधिक मात्रा में गरम गैसों का निर्माण होता है और यह गैसे रॉकेट के नोजल से बाहर निकलती है जो रॉकेट को ऊपर की तरफ गति करने के लिए आवश्यक ऊर्जा व शक्ति प्रदान करती है
रॉकेट प्रणोदक के गुण
एक अच्छे प्रणोदक के लिए निम्नलिखित गुण होना जरूरी है
- रॉकेट प्रणोदक धर्म तथा ठोस दोनों अवस्था में होना चाहिए जिससे उसे रखने के लिए कम जगह की आवश्यकता पड़े
- ईंधन का ऑक्सीकारक पदार्थ के साथ बहुत जल्दी मिश्रण बन जाना चाहिए
- रॉकेट प्रणोदक को बहुत अधिक ज्वलनशील होना चाहिए जिससे रॉकेट उच्च वेग प्राप्त कर सके
- रॉकेट प्रणोदक के दहन से कोई भी अवशेष नहीं बचना चाहिए जैसे राख इत्यादि
- रॉकेट प्रणोदक के रासायनिक क्रियाशीलता बहुत अधिक होनी चाहिए
रॉकेट प्रणोदक के प्रकार
भौतिक अवस्था के आधार पर रॉकेट प्रणोदक को तीन भागों में विभाजित किया गया है
- ठोस प्रणोदक
- द्रव प्रणोदक
- मिश्रित या संकरित प्रणोदक
ठोस प्रणोदक
इस तरह के प्रणोदको में ऑक्सीकारक पदार्थ व इंदन दोनों ही ठोस अवस्था में होते हैं इस कारण इन्हें ठोस प्रणोदक कहा जाता है
ठोस प्रणोदक भी दो प्रकार के होते हैं
- संयुक्त प्रणोदक
- द्वि क्षारीय प्रणोदक
सयुक्त प्रणोदक
इस प्रकार के प्रणोदक सबसे अधिक प्रचलन में है यह ऑक्सीकारक व ईंधन और योगशील पदार्थ से मिलकर बने होते हैं
ईंधन के रूप में पॉलीब्युटाडाईइन,पॉलीयुरेथेन और ऑक्सीकारक पदार्थ के रूप में अमोनियम परक्लोरेट और सूक्ष्म टुकड़ों में एलुमिनियम और मैग्नीशियम का योगशील पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है
द्वि क्षारीय प्रणोदक
यह प्रणोदक नाइट्रोसैलूलोज और नाइट्रोग्लिसरीन से मिलकर बने हुए होते हैं ठोस प्रणोदक ओ को एक बार जलाने के बाद बंद नहीं किया जा सकता है
द्रव प्रणोदक
इस तरह के प्रणोदक में ऑक्सीकारक व ईंधन द्रव अवस्था मे होते है इनफर्नो दुखों का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है और यह ठोस प्रणोदकओं की तुलना में अधिक शक्ति और ऊर्जा देते हैं और इन्हें नियंत्रित भी किया जा सकता है
द्रव प्रणोदक भी दो प्रकार के होते हैं
- एकल प्रणोदक
- द्वि प्रणोदक
एकल प्रणोदक
इस प्रकार के प्रणोदक मे एक ही द्रव पदार्थ ठोस और ऑक्सीकारक पदार्थ और ईंधन का काम करता है और इन को जलाने पर बहुत अधिक मात्रा में गर्म गैस उत्पन्न होती है
जैसे नाइट्रोमिथेन , हाइड्रोजन पेरोक्साइड आदि
द्वि प्रणोदक
इस तरह के प्रणोदक दो तरह के दर्वो का मिश्रण होता है जिसमें एक पदार्थ ईंधन का और दूसरा ऑक्सीकारक पदार्थ के रूप में काम करता है ईंधन मे केरोसिन का तेल , हाइड्रजीन ,एल्कोहल द्रव हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है तथा ऑक्सीकारक के रूप में द्रव नाइट्रोजन, द्रव ऑक्सीजन तथा नाइट्रिक अम्ल आदि का उपयोग किया जाता है
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