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SWR मीटर क्या होता है ? इसके प्रकार | उपयोग

मार्च 10, 2021 by Er. Mahendra Leave a Comment

विषय-सूची

  • SWR मीटर
  • SWR मीटर के प्रकार
    • डायरेक्शनल स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर
    • ब्रीज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर   
  • SWR मीटर का उपयोग

SWR मीटर क्या होता है ? एव इसका उपयोग किस प्रकार किया जाता है

SWR मीटर क्या होता है ? एव इसके प्रकार तथा  इनका उपयोग

SWR मीटर

SWR का Full Form Standing Wave Ratio होता  है  | अब अगर हम SWR मीटर को समझना चाहते है तो हमे पहले यह पता होना चाहिए की स्टैंडिंग वेव रेशो क्या होता है तो सबसे पहले हम यही जान लेते है की स्टैंडिंग वेव रेशो क्या होता है |

किसी ट्रांसमिशन लाइन के लिए उसकी अधिकतम रेडियो Frequency तथा उसकी न्यूनतम रेडियो Frequency के  अनुपात को ही उस ट्रांसमिशन लाइन का स्टैंडिंग वेव रेशो या इसे शोर्ट में SWR  कहा जाता है |  इस प्रकार यह वोल्टेज तथा करंट के लिए अलग – अलग हो सकता है |

अगर किसी ट्रांसमिशन लाइन के लिए उसके वोल्टेज के अधिकतम  और न्यूनतम AC वोल्टेज के अनुपात की बात की जाए तो उसे वोल्टेज स्टैंडिंग वेव रेशो या फिर शोर्ट में  VSWR के नाम से जाना जाता है |  और यदि किसी ट्रांसमिशन लाइन के लिए उसके करंट के अधिकतम और न्यूनतम AC करंट की बात की जाए तो उसे  करंट स्टैंडिंग वेव रेशो के नाम से जाना जाता है या फिर शोर्ट में ISWR के नाम से जाना जाता है |

 इस प्रकार SWR मीटर का पूरा नाम स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर होता है  जिसका उपयोग ट्रांसमिशन लाइन में स्टैंडिंग वेव अनुपात को मापने के लिए किया जाता है  | जो की वोल्टेज तथा करंट  के लिए उपयोग होता है |

यह एक रेडियो और उसके साथ एंटीना द्वारा निर्मित सटीक वोल्टेज तथा करंट को दर्शाता है |

 अगर इसका उपयोग वेव मापन में वोल्टेज के लिए किया जाता है यो उसे VSWR या फिर वोल्टेज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर के नाम से जाना जाता है |  और यदि  इसका उपयोग वेव मापन में करंट केलिए किया जाता है तो उसे ISWR करंट स्टैंडिंग वेव रेशो के नाम से जाना जाता है |

यह एक माइक्रो कंट्रोलर  पर आधारित उपकरण होता है | जो की दो प्रकार का होता है एक होता है एनालॉग टाइप का तथा दूसरा होता है डिजिटल टाइप का |

जो एनालॉग टाइप का SWR मीटर होता है उसके अंदर स्केल लगे होते  है जिनके अंदर मापन करना मुश्किल होता है जबकि डिजिटल टाइप के SWR मीटर में मापन में आसानी होती है क्योकि   इसमे एक LCD डिस्प्ले लगा होता है जिस पर मापन के समय स्टैंडिंग वेव रेशो दिखाई देता है | और डिजिटल डिस्प्ले को पड़ना और समझना भी आसान होता है |

जब डिजिटल डिस्प्ले पर कोई भी मापन का मान दिखाई देता है तो उससे यह पता चल जाता है की रेडियो Frequency एनर्जी का कितना भाग वापस ट्रांसमीटर के पास रिफ्लेक्ट हुआ है और रेडियो Frequency एनर्जी का कितना भाग ऑपरेशन के लिए उपयोग किया गया है |

SWR मीटर के प्रकार

वर्तमान समय में  सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर SWR दो प्रकार के होते है जिनमे से एक डायरेक्शनल स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर तथा दूसरा है ब्रीज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर | अब हम इन दोनों के बारे में डिटेल में जान लेते है की ये क्या होते है तथा ये किस प्रकार वर्क करते है |

डायरेक्शनल स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर

डायरेक्शनल स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर में दो डायोड का उपयोग किया जाता है जिसमे से एक डायोड को फॉरवर्ड बायस में रखा जाता है तथा दुसरे डायोड को रिवर्स बायस में रखा जाता है | जिनमे से फॉरवर्ड बायस वाले डायोड को ट्रांसमिशन लाइन के इनपुट के पास लगाया जाता है जबकि रिवर्स बायस वाले डायोड को एंटीना के आउटपुट के पास लगाया जाता है |

इस प्रकार जब पूरा सेट बन जाता है तो ट्रांसमिशन लाइन के द्वारा ट्रांसमीटर तथा एंटीना टर्मिनल को जोड़ा जाता है | अब इस लाइन के साथ दो छोटे छोटे कप्लर को लगाया जाता है | ये कप्लर ट्रांसमिशन लाइन  को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण से जोड़ने के लिए उपयोग किये जाते है |

अब इनके एक सिरे को रजिस्टर से तथा दुसरे सिरे को डायोड रेक्टिफायर से बंद कर दिया जाता है | इन रजिस्टर का मान इस प्रकार रखा जाता है की इनसे सेन्स लाइन के कैरेक्टरिस्टिक प्रतिबाधा का मान एक समान हो जाए | अब जो डायोड लगा होता है वह फॉरवर्ड तथा रिफ्लेक्टेड वेव के मान के अनुसार ही फॉरवर्ड तथा रिवर्स वोल्टेज में बदलता है |

इस प्रकार जब इसमें ऑपरेशन होते है तो तो कुछ परिणाम देखे जाते है जो इस प्रकार होते है –

1 . स्टैंडिंग वेव रेशो के द्वारा लोड तथा ट्रांसमिशन लाइन के बिच मिसमैच को मापा जाता है इसका मतलब है की ट्रांसमिशन लाइन जितना अधिक मिसमैच होगी स्टैंडिंग वेव रेशो की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी |

2 . जब लोड पूरी तरह से मैच होगा इस स्थति में स्टैंडिंग वेव रेशो का मान यूनिटी अर्थात 1 होगा |

3 . स्टैंडिंग वेव रेशो के बड़ने से पॉवर लोस भी बड़ेगा |

ब्रीज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर   

ट्रांसमिशन लाइन का स्टैंडिंग वेव रेशो SWR मापने के लिए ब्रीज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर का उपयोग भी किया जाता है | ट्रांसमिशन  लाइन का SWR मापते समय ब्रीज के रिफरेन्स  Impedance को लोड  Impedance पर रखा जाता है | क्योकि ब्रीज केवल तभी स्थिर होता है जब टेस्ट Impedance पूरी तरह से रिफरेन्स  Impedance के समान हो जाए |

अब इस ट्रांसमिशन लाइन को अज्ञात Impedance से जोड़ दिया जाता है | अब रेडियो Frequency पॉवर को उस परिपथ को दिया जाता है |  अब लाइन पर प्राप्त होने वाला वोल्टेज का मान फोरवर्ड वेव होगा तथा लोड से Reflected होने वाली वेव का वेक्टर योग होगा |

इस प्रकार इन दोनों डायरेक्शनल स्टैंडिंग  वेव रेशो मीटर तथा ब्रीज स्टैंडिंग वेव रेशो मीटर का उपयोग ट्रांसमिशन लाइन के स्टैंडिंग वेव रेशो  ( SWR )  को मापने के लिए किया जाता है | अब हम इनके उपयोग के बारे में समझते है की किस प्रकार इनका उपयोग किया जाता है |

SWR मीटर का उपयोग

SWR  मीटर  का उपयोग ट्रांसमिशन लाइन के अधिकतम तथा न्यूनतम वोल्टेज लेवल के मान को ज्ञात करने के लिए किया जाता है | इनका उपयोग अधिकतम Frequency के साथ किया जाता है | तथा Lower Frequency के साथ इनका उपयोग नहीं किया जाता है क्योकि ट्रांसमिशन की लम्बाई अधिक होती है |

इनका उपयोग करने के लिए SWR मीटर में रेडियो में एंटीना तथा ट्रांसमीटर को वायरिंग के द्वारा कनेक्ट कर  दिया जाता है  | तथा फिर कम पॉवर तथा क्लियर चेनल का उपयोग करके Frequency का मापन किया जाता है | इसके लिए कुछ नियम होते है जिनको ध्यान में रखना होता है जैसे की –

1 . चेनल और Frequency को साफ रखना |

2 . पॉवर को कम रखना |

3 . VSWR  मीटर को सही तरीके से सेट करना   |

4 . फॉरवर्ड रीडिंग को सही तरीके से एडजस्ट करना |

5 . मीटर को रिवर्स में स्विच करना |

आदि  

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