Remote sensing एक ऐसी technique है ( Remote sensing in hindi ) जिसमें sensors की सहायता से किसी क्षेत्र (Area) की information के बारे में पता लगाया जाता है इसमें sensor पृथ्वी के द्वारा rejected energy तथा radiation का उपयोग करते हैं तथा इस technique में physical contact नहीं होता है तथा सारी information image की form में collect की जाती है
पृथ्वी की किसी कक्षा में स्थित उपग्रह द्वारा remote Sensing की जाती है जिस स्थान के बारे में जानना होता है उपग्रह को उस स्थान पर फोकस किया जाता है फिर यह उपग्रह उस स्थान का फोटो क्लिक करके वैज्ञानिकों के पास भेजते हैं फिर वैज्ञानिक उस images का विशलेषण करके information collect करते हैं यह सम्पूर्ण process remote Sensing कहलाती है
Remote Sensing के प्रकार
Remote Sensing के दो प्रकार होते हैं
- Active सक्रिय remote Sensing
- passive निष्क्रिय remote Sensing
Active Remote Sensing
इस sensing में उपकरण instrument के पास अपना खुद का ही light emission source होता है जो में उपकरण Sensing instrument उस स्थान पर छोड़ता है जहां एक अध्ययन करना है तथा फिर उस स्थान से transmit light or waves के आधार पर image बनाते हैं और फिर उनका अध्ययन किया जाता है
Active Remote Sensing में उपयोग होने वाले device
- Radar
- Lidar
- Sounder
- Ranging instruments
- Scattermeter
- Laser altimeter
यह सभी device उस स्थान की conditiors के बारे में बताते हैं जैसे कि distance haight at mosphaic conditions bounced radiation elevation target location etc.
Passive Remote Sensing
इस sensing में instrument का खुद का कोई light emission source नहीं होता है इसमें sensing instrument पूरी तरह से sunlight पर depend करता है यही कारण है कि passive sensing का उपयोग हर समय या किसी भी समय नहीं किया जा सकताहै। इसका उपयोग तभी होता है जब proper sunlight हो बिना sunlight के कुछ भी reheat नहीं होगा और sensor image click नहीं कर पाएगा और कुछ भी अध्ययन नहीं किया जा सकेगा।
Passive Remote Sensing में उपयोग होने वाले device
- Image radiometer
- Sounder
- Accelerometer
- Spectrometer
- Radiometer
ये सभी device उस स्थान की conditiors के बारे में बताते हैं जैसे कि emitted radiation की power band,range atmospheric conditions speed में change etc.
Application of Remote Sensing | रिमोट सेंसिंग के उपयोग
1.Agriculture – Remote Sensing के उपयोग से किसी स्थान की फसल उस में होने वाली बिमारीयां तथा किस स्थान पर कौन सी फसल को उगाया जा सकता है इन सभी स्थितियों की study की जाती है इसके अलावा किसी स्थान की मिट्टी तथा उसकी characteristic के बारे में भी पता लगाया जाता है।
2.Geology study – इसमें Remote Sensing का उपयोग natural hazards को detect करने में hydrocarbon exploration तथा mineral and water exploration study में किया जाता है इसके अलावा ureological structure तथा characteristic का अध्ययन भी किया जाता है।
3.जहाजों पर sonar system का use समुद्र के अंदर की स्थितियों के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है
4.मौसम संबंधी जानकारी में भी Remote Sensing का use होता है
5.बड़े-बड़े जंगलों में लगी आग का पता करने में
6.किसी ईद क्षेत्र में दुश्मनों की activity यह बारे में पता करने के लिए भी Remote Sensing का use किया जाता है
आशा है आपको रिमोट सेंसिंग Remote sensing in hindi समझ आ गया होगा जिसमे रिमोट सेंसिंग के प्रकार और उपयोग थे इस पेज को शेयर जरूर करें
Leave a Reply