रसायन विज्ञान में अम्ल और क्षार क्या है इनके गुण ,उपयोग एवम सभी प्रकार और अम्ल और क्षार हमे कहाँ से प्राप्त हो सकते है इनके स्त्रोत तथा उदाहरण इस page पर इनसे जुडी लगभग पूरी जानकारी है अम्ल और क्षार competitive exams के लिए भी यहाँ पर सम्पूर्ण जानकारी है अम्ल और क्षार दोनों के लिए पहले अम्ल की और फिर क्षार की डिटेल है
अम्ल किसे कहते है ? गुण ,प्रकार,उपयोग स्त्रोत तथा उदाहरण
Svante Arrehenius के अनुसार – ऐसे पदार्थ जो ,जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देते हैं ,अम्ल कहलाते हैं अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं तथा ये स्वाद में खट्टे होते हैं अम्लों का PH मान 7.0 से कम होता है है स्वीडिश chemist Svante Arrehenius ने सबसे पहले 1884 में अम्लीयता के गुण बताये की अम्ल H+आयन देते हैं
Bronsted -Lowry के अनुसार – वह अणु या आयन जो प्रोटोन देने की क्षमता रखते हैं अम्ल कहलाते हैं
उदाहरण –
NH+4 →NH+3+H+
HCO–3 →CO2-3+H+
अम्लों के गुण –
- अम्ल संक्षारक प्रकृति के होते हैं
- अम्ल विधुत चालकता प्रदर्शित करते हैं
- अम्ल धातुओं से क्रिया करके हाइड्रोजन मुक्त करते हैं
Mg + 2 Hcl → MgCl + H2
- अम्ल क्षरकों के साथ क्रिया करके जल तथा लवण बनाते हैं
NaOH + 2Hcl → NaCl + H2O
- अम्ल धातुओं के कार्बोनाटों तथा बाई कार्बोनाटों के साथ क्रिया करके कार्बन डाई ऑक्साइड गैस मुक्त करता है
अम्ल के प्रकार
कार्बनिक अम्ल और अकार्बनिक अम्ल
कार्बनिक अम्ल
वे कार्बनिक यौगिक जिनमें अम्लीय गुण होते हैं खट्टे फलों में प्राय: कार्बनिक अम्ल होते हैं इनमें से कुछ अम्ल सामान्यत: प्रयोगशालाओं में भी प्रयोग किये जाते हैं
अकार्बनिक अम्ल
अकार्बनिक अम्लों को खनिज अम्ल भी कहते है
प्रबल और दुर्बल अम्ल STRONG AND WEAK ACID
प्रबल अम्ल
जो अम्ल जल में घुलकर , पूरी तरह विभाजित हो जाते हैं तथा हाइड्रोजन आयन देते हैं उन्हें प्रबल अम्ल कहते हैं दूसरे शब्दों में ऐसे अम्ल जो जल या किसी अन्य विलायक में पूरी तरह से घुलकर बड़ी संख्या में हाइड्रोजन आयन तथा प्रोटोन देते है प्रबल अम्ल विधुत के चालक होते हैं प्रबल अम्ल की प्रतिक्रिया दर तीव्र होती है
जैसे – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ,सल्फ्यूरिक अम्ल , नाइट्रिक अम्ल
दुर्बल अम्ल
ऐसे अम्ल जो जल में पूरी तरह न घुलकर कुछ ही भाग विभाजित करते हैं तथा हाइड्रोजन आयन देते हैं दुर्बल अम्ल कहलाते हैं , दूसरे शब्दों वे अम्ल जो जल या किसी अन्य विलायक में अपना कुछ ही भाग विभाजित करते हैं तथा बहुत कम संख्या में हाइड्रोजन आयन तथा प्रोटोन प्रदान करते हैं दुर्बल अम्ल विधुत के कम चालक होते हैं तथा इनकी प्रतिक्रिया दर धीमी होती है
जैसे – एसीटिक अम्ल , कार्बोनिक अम्ल , ओक्सालिक अम्ल
सान्द्र और तनु अम्ल Concentrate and Dilute acid
सांद्र अम्ल
जब किसी अम्ल का विलय जल में किया जाता है जिसमें, जल की मात्रा बहुत कम तथा अम्ल की मात्रा बहुत अधिक हो, ऐसा अम्ल सांद्र अम्ल कहलाता है इस अम्ल में हाइड्रोनियम आयन के प्रत्येक इकाई का volume ज्यादा होता है
तनु अम्ल
जब किसी अम्ल का विलय जल में किया जाता है जिसमें, बहुत कम मात्रा में अम्ल तथा अधिक मात्रा में जल होता है, ऐसा अम्ल तनु अम्ल कहलाता है इस अम्ल में जल की मात्रा अधिक होने की वजह से हाइड्रोनियम आयन के प्रत्येक इकाई का volume कम होता है
कोई भी अम्ल सांद्र तथा तनु दोनों प्रकार का हो सकता है जैसे- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का जल के साथ विलय करने पर जब अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहलाता है और अगर जल की मात्रा अधिक होती है तो तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहलाता है
अम्ल के उपयोग –
सामान्यतः अम्लों का उपयोग हर क्षेत्र में किया जाता है प्रमुख्यतः उपयोग होने वाले अम्ल
H₂SO₄ ,Hcl, CHOO-H
सामान्यतः अम्ल दो प्रकार के होते हैं कार्बनिक अम्ल , अकार्बनिक अम्ल
हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली सभी खट्टी चीजो में कार्बनिक अम्ल मौजूद होता है , इन अम्लों में से कुछ अम्ल प्रयोगशालाओं में उपयोग में आते है
एसिटिक अम्ल – विलायक के रूप एसीटोन बनाने में ,खाद्य पदार्थों को खट्टा करने के लिए किया जाता है
टार्टरिक अम्ल – बेकिंग पाउडर के घटक के रूप में टार्टरिक अम्ल का प्रोग किया जाता है तथा इस अम्ल का प्रयोग खाध पदार्थों में विशिष्ट खट्टा स्वाद देने के लिए भी किया जाता है
एस्कार्बिक अम्ल – इस अम्ल का उपयोग रोगों के उपचार में किया जाता है जैसे -स्कार्बी , अस्थिमज्जा से सम्बंधित रोग आदि
सिट्रिक अम्ल -खाने की चीजों में फ्लेवर के रूप में सिट्रिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है तथा खाद्य पदार्थों और फलों के संरक्षण में भी इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है
सल्फ्यूरिक अम्ल -सल्फ्यूरिक अम्ल को अम्लों का राजा कहा जाता है सीसा संचायक बैटरियों में इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है पेंट , वर्णक , रंजक आदि के निर्माण मैं इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है कृत्रिम तंतुओं के निर्माण में इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है जैसे -रेयान विस्फोटक पदार्थों के निर्माण में भी इस अम्ल अम्ल का प्रयोग किया जाता है
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या HCL – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हाइड्रोजन और क्लोरिन का यौगिक है तथा बाईल जूस के साथ मिलकर हमारे पेट में भोजन पचाने का कम करता हैें HCL उपयोग किया जाता है बाथरूम cleaner में भी किया जाता है
नाइट्रिक अम्ल – दवाइयां ,फोटोग्राफी ,उर्वरक ,तथा विस्फोटक बनाने में
अम्ल के स्त्रोत
सल्फ्यूरिक अम्ल – हरा कसीस
एसिटिक अम्ल – सिरिका , आचार
टारटेरिक अम्ल – अंगूर ,इमली
साईट्रिक अम्ल – नींबू ,संतरा
लेक्टिक अम्ल – दूध ,दही
बेन्जोइक अम्ल – घास , पत्ते
फार्मिक अम्ल – चींटी , बिच्छू ,मधुमक्खी
ओक्सालिक अम्ल – टमाटर
मौलिक अम्ल – सेब
विभिन्न अम्लों के रासायनिक नाम
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल – Hcl
सल्फ्यूरिक अम्ल – H₂SO₄
नाइट्रिक अम्ल – HNO₃
ओक्सालिक अम्ल – C₂ H₂O₄
सिट्रिक अम्ल –
कार्बोनिक अम्ल – H₂CO₃
लेक्टिक अम्ल – C₃H₆O₃
फास्फोरिक अम्ल – H₃O₄P
क्षार क्या है ? गुण ,प्रकार,उपयोग तथा उदाहरण
ब्रन्स्टेड और लोरी के अनुसार – वे पदार्थ जो जो अम्लीय पदार्थों को OH– देते हैं क्षार कहलाते हैं
ऐसा पदार्थ जिसे जल में घोलने से जल का ph मान 7.0 से अधिक हो जाता है क्षार कहलाता हैं क्षार लाल लिटमस पेपर नीला कर देते हैं तथा ये स्वाद में कड़वे होते हैं ज्यादातर धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं
क्षार के गुण या पहचान –
- सांद्र क्षार अम्लीय पदार्थों के साथ तेजी से क्रिया हैं और उन्हें उदासीन बना देते हैं तथा जैविक चीजों के लिए दाहक होते हैं
- बहुत से क्षार जल में विलेय होते हैं तथा कुछ क्षार जल में विलेय नहीं होते है जैसे सोडियम हाइडाक्साइड , अमोनिया जल में विलेय होते हैं और अल्युमिनियम हाइडाक्साइड जल में विलेय नहीं होते
- वसा तथा तेलों से क्षार ग्लिसरीन तथा साबुन बनाने के कम आते हैं
- क्षार प्रबल और दुर्बल दोनों तरह के होते हैं
- क्षारों में जल मिलाने से इनकी तनुता बढ़ती है तथा सांद्रता कम होती है साथ ही साथ क्षारों का प्रभाव भी कम होता है
- क्षारों के जलीय विलयन तथा पिघले हुए क्षार विधुत के सुचालक होते हैं
क्षार के प्रकार –
पानी में घुलनशीलता के आधार पर क्षार को दो भागों में बाटा गया है
- एल्कैली Alkali
- क्षारक Base
एल्कैली
ऐसे क्षार जो पानी में घुलनशील होते हैं एल्कैली कहलाते हैं , लिथियम ,सोडियम ,पोटेशियम आदि एल्कैली धातु कहलाते हैं साथ ही Alkaline earth metals के हाइड्रोक्साइडो को भी एल्कैली कहते हैं जैसे- पोटेशियम हाइड्रोक्साइड , कैल्शियम हाइड्रोक्साइड , सोडियम हाइड्रोक्साइड
क्षारक
ऐसे क्षार जो पानी में अघुलनशील होते हैं क्षारक कहलाते हैं अधिकाशः तौर पर क्षार पानी में अघुलनशील होते है अर्थात क्षारक होते है क्षारक वे पदार्थ हैं जो अम्ल के साथ मिलकर लवण और जल बनाते हैं जैसे कास्टिक सोडा सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ मिलकर सोडियम सल्फेट और जल बनाते हैं
क्षार और क्षारक दोनों एक ही शब्द नही हैं अर्थात सभी क्षार क्षारक हैं पर सभी क्षारक क्षार नही हैं क्षारक, क्षार का ही एक गुण है
प्रबल और दुर्बल क्षार Strong and weak base
प्रबल तथा दुर्बल क्षार की क्षमता , क्षार को जल में घोलने से प्राप्त हाइड्रोक्साइड आयनों OH– की मात्रा पर निर्भर करता है
प्रबल क्षार
ऐसे क्षार जो जल में घुलकर पूर्णतः विभाजित होकर हाइड्रोक्साइड आयन देते हैं प्रबल क्षार कहलाते हैं ,सोडियम हाइड्रोक्साइड , पोटेशियम हाइड्रोक्साइड प्रबल क्षार के उदाहरण हैं
दुर्बल क्षार
ऐसे क्षार जो जल में पूर्णत: विभाजित नहीं होते तथा आंशिक रूप से विभाजित होकर हाइड्रोक्साइड आयन देते हैं दुर्बल क्षार कहलाते हैं , मेगनिशियम हाइड्रोक्साइड , अमोनियम हाइड्रोक्साइड दुर्बल क्षार के उदाहरण हैं
क्षार के उपयोग
- अमोनियम हाइड्रोक्साइड कपड़ों पर लगे ग्रीज़ के दाग धब्बे हटाने के कम आता है
- मेगनेशियम हाइड्रोक्साइड का उपयोग “antacid” के रूप में ,पेट में अम्ल के प्रभाव को कम करने के लिए तथा अपच के उपचार में किया जाता है
- सोडियम कार्बोनेट का उपयोग कपडे धोने के साबुन बनाने के लिए और खारे पानी को मीठे पानी में बदलने के लिए किया जाता है
- कैल्शियम हाइड्रोक्साइड का उपयोग ब्लीचिंग पाउडर बनाने में किया जाता है तथा फक्ट्रियों एवं बिजिली संयंत्रो से निकलने वाले सल्फरडाई ऑक्साइड को स्वच्छ करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है
- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट या सोडियम बाई कार्बोनेट का उपयोग खाने में बेकिंग सोडा के रूप में किया जाता है
क्षार के रासायनिक नाम
पोटेशियम हाइड्रोक्साइड – KOH
सोडियम कार्बोनेट – Na₂CO3
सोडियम हाइड्रोक्साइड –NaOH
सोडियम बाई कार्बोनेट – NaHCO₃
सीज़ियम हाइड्रोक्साइड – CsOH
बेरियम हाइड्रोक्साइड – Ba(OH)2(H2O)x
अम्ल और क्षार में अंतर
Sn | अम्ल | क्षार |
1 | अम्ल एक ऐसा पदार्थ है जिसे पानी में मिलाने पर हाइड्रोजन आयन की कंसंट्रेशन बढ़ जाती है | क्षार की बात करें तो इसे पानी में मिलाने से हाइड्रोक्साइड की कंसंट्रेशन में बढ़ोतरी हो जाती है। |
2 | अम्ल प्रोटॉन डोनर कहलाए जाते हैं | क्षार को प्रोटॉन एक्सेप्टर कहा जाता है। |
3 | अम्ल एक ऐसा पदार्थ होता है जब वह तरल अवस्था में होता है तो उसका पीएच मान 7 से कम होता है। | क्षार एक ऐसा पदार्थ होता है जोकि तरल अवस्था में 7 से अधिक पीएच मान देता है। |
4 | अम्ल विद्युत के एक अच्छे परिचालक होते हैं | क्षार केवल तरल स्थिति में ही विद्युत के एक अच्छे परिचालक के तौर पर जाना जाता है। |
5 | अम्ल को चखने पर खट्टा सा स्वाद आता है | क्षार की बात करें तो इसके स्वाद में कड़वापन मौजूद रहता है। |
6 | अम्ल को सूंघने पर जलने की महक से आती है | क्षार को सूंघा जाए तो अमोनिया के अलावा सभी क्षार गंधहीन होते हैं। |
7 | मेटल्स के साथ प्रतिक्रिया करने पर अम्ल हाइड्रोजन गैस को बनाते हैं, | क्षार फैट और तेल के साथ ही प्रतिक्रिया करते हैं। |
8 | अम्ल अमोनियम क्लोराइड के साथ कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करता है | जबकि क्षार अमोनियम क्लोराइड के साथ प्रतिक्रिया में अमोनिया का निर्माण करता है जो कि एक गंध रहित गैस होती है। |
9 | कार्बोनेट के साथ प्रतिक्रिया करने पर अम्ल कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करता है| | जबकि क्षार कार्बोनेट के साथ कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करता है। |
10 | लिटमस टेस्ट की बात करें तो अम्ल नीले लिटमस कागज को लाल में परिवर्तित कर देता है | क्षार लाल लिटमस कागज को नीले रंग में। |
11 | अम्ल के उदाहरण हैं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCL), सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) नाइट्रिक अम्ल,(HNO3),कार्बनिक अम्ल(H2CO3 | क्षार के उदाहरण है अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH), कैलशियम हाइड्रोक्साइड(Ca(OH)2), सोडियम हाइड्रोक्साइड(NaOH) |
12 | अम्ल का इस्तेमाल संरक्षक, खाद, कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे पेप्सी, कोकोकोला ड्यू मे किया जाता है। इसके अलावा इसे लेदर को बनाने और खाने में फ्लेवर देने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है। | क्षार को जठरीय दवाइयों, साबुन, डिटर्जेंट, परफ्यूम आदि में काम में लिया जाता है। |
आशा है कि अम्ल और क्षार की पूरी जानकारी जिनमें दोनों के गुण और अंतर , उपयोग , प्रकार ,रासायनिक नाम और सूत्र शामिल थे जो आपको समझ आ गये होंगे हमने अपनी तरफ से अम्ल और क्षार से जुडी सारी जानकारी देने की पूरी कोशिश की है, इनसे जुडी कोई भी और जानकारी आपको चाहिए हो तो आप हमे कमेन्ट में लिखकर बता सकते हैं यदि ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर ज़रूर करे
Leave a Reply