विवर्तन –
जब प्रकाश व ध्वनि तरंगे किसी अवरोध के कारण से टकराती हैं तब वे अवरोध के किनारों पर जाकर मुड जाती हैं व अवरोधक की ज्यामितिय छाया में चली जाती हैं। तरंगो के इस प्रकार मुड़ने की घटना को ही विवर्तन (Diffraction) कहते हैं।
तात्पर्य –
जब प्रकाश किसी छोटे छेद से होकर गुजरता हैं अथवा उसके मार्ग में कोई छोटी वस्तु (रुकावट) जैसे – बाल , तार आदि आ जाती हैं तो प्रकाश किनारे पर मुड़ जाता हैं । तेज धार वाले किनारों पर प्रकाश के इस प्रकार के मुड़ने की घटना को ही प्रकाश का विवर्तन कहते हैं ।
प्रकार –
विवर्तन दो प्रकार के होते है
- फ्रेनेल विवर्तन
- फ्रॉनहॉफर
उदाहरण
यह विवर्तन तब उत्पन्न होता है जब प्रकाश को किसी छोटे छिद्र पर डाला जाता है व प्रकाश स्रोत व पर्दा , विवर्तक वस्तु थोड़ी हि दूरी पर स्थित हो। इसमें लेंस का उपयोग नही किया जाता है व पैटर्न बनने का आकार स्रोत व छिद्र के आकार व दूरी पर तय करता है। उदाहरण
चकती द्वारा विवर्तन।
शर्ते
विवर्तन के लिए जरूरी शर्त है कि रुकावट या छिद्र का आकार तरंग दैध्र्य की कोटि का ही होना चाहिए। ध्वनि की तरंग द्वैध्र्य ज्यादा होने के की वजह से ध्वनि का विवर्तन आसानी से प्रकृति में प्रेक्षित होता है।
न्यूट्रॉन विवर्तन
न्यूट्रॉन विवर्तन अथवा लोचदार न्यूट्रॉन स्कैटरिंग सामग्री के परमाणु अथवा चुंबकीय संरचना के निर्धारण के लिए न्यूट्रॉन स्कैटरिंग का प्रयोग है । जांच किए जाने वाले नमूने को विवर्तन पैटर्न प्राप्त करने के लिए थर्मल अथवा ठंडे न्यूट्रॉन के भीम में रखा जाता है जो सामग्री की संरचना की जानकारी देता है।
व्यतिकरण
1) दोनों तरंगों की आवृत्तियाँ एक जैसी होनी चाहिए।
(2) दोनों तरंगों के आयाम लगभग समान अथवा पूरे समान होने चाहिए।
(3) दोनों तरंगों का एक ही दिशा में चलना जरूरी है ।
(4) दोनों स्रोत (स्लिटें) एक-दूसरे के पास होने चाहिए।
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