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मैग्नेटिक लेविटेशन क्या होता है ? इसका उपयोग ट्रेन में किस प्रकार किया जाता है ? इसके क्या लाभ है

मार्च 5, 2021 by Er. Mahendra

मैग्नेटिक लेविटेशन क्या होता है ? तथा इसका उपयोग ट्रेन में किस प्रकार किया जाता है ? एव इसके क्या क्या लाभ होते है

मैग्नेटिक लेविटेशन

मैग्नेटिक लेविटेशन क्या है ? इसका ट्रेन में उपयोग एव इसके लाभ

मैग्नेटिक लेविटेशन  को शोर्ट में मैग्लेव भी कहते है यह एक ऐसा  सिस्टम होता है जिसका उपयोग आजकल मैग्लेव ट्रेन , संपर्क रहित मेल्टिंग , मैग्नेटिक बियरिंग्स , किसी प्रोडक्ट  डिस्प्ले  सिस्टम के लिए तथा माइक्रो रोबोटिक्स में व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है | हम यहा पर मैग्नेटिक लेविटेशन का किस प्रकार ट्रेन को चलाने के लिए उपयोग   किया जाता है इसके बारे में जानेंगे लेकिन पहले हम यह समझते है की  मैग्नेटिक लेविटेशन सिस्टम क्या होता हे तथा किस प्रकार ये सिस्टम काम करता इसके बारे में जान लेते है

मेग्नेटिक लेविटेशन एक ऐसा सिस्टम होता है जिसकी सहायता से किसी वस्तु को  बिना किसी फिजिकल  सपोर्ट के हवा में लटका दिया जाता है  इसके लिए मेग्नेटिक बल का उपयोग  करके वस्तु को हवा में रखा जाता है | हम जानते हे जब किसी वस्तु को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाया जाता है तो इस वस्तु पर दो तरह के बल कार्य करते हे एक होता हे गुरुत्वाकर्षण बल जो वस्तु को पृथ्वी की सतह की और खींचता हे तथा दुसरे  इसके   अलावा भी  कुछ अन्य  भौतिक बल होते है जो वस्तु पर लगते  है | लेकिन इन बलों की विरुद्ध ही मैग्नेटिक बल को लगाया जाता है जो वस्तु को निचे आने से रोकता है तथा इन बलों को संतुलित करके वस्तु को पृथ्वी की सतह के ऊपर ही बैलेंस कंडीशन में लगा के रखता है  तथा उस वस्तु को कोई भी फिजिकल सपोर्ट नही दिया जाता है फिर भी वस्तु हवा में रहती है | इसी  पुरे सिस्टम को मैग्नेटिक लेविटेशन कहते है  | अब हम समझते है मैग्लेव का सिद्धांत क्या होता  है  तथा किस प्रकार इसे तेयार किया जाता है |

मैग्नेटिक लेविटेशन का सिद्धांत

अगर हम मैग्लेव के सिद्धांत की बात करे तो इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बल  (चुम्बकीय बल )  का उपयोग किया जाता है जो की सतह पर चलने वाले वाहन में लगी एक सुपर कंडक्टिंग मैगनेट तथा पृथ्वी की सतह के अन्दर  लगी  Coils के बिच लगता है | लेकिन इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बल को लगाने के लिए मैग्लेव के पुरे सिस्टम को इस प्रकार तेयार किया जाता है की  मेग्नेट तथा Coil के बिच परस्पर आकर्षण तथा प्रतीकर्षण बल लगा रहे जिससे की पूरा सिस्टम सही तरीके से काम करता रहे और सिस्टम कही भी ब्रेक न हो |

          इस सिस्टम को बनाने के लिए लूप Method का उपयोग किया जाता हे जिसके लिए   कुछ कंडक्टिंग मटेरियल का उपयोग किया जाता है जेसे एल्युमीनियम आदि का तथा जब मैग्नेटिक फील्ड तेज गति से मूव करता है तो एक इलेक्ट्रिक करंट जनरेट होता है जिससे एक ओर मैग्नेटिक फील्ड जनरेट होता है  |

इसके लिए दो Technique का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे से एक होती हे रीजनरेशन जिसमे किसी वस्तु को चुम्बकीय बल से गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध संतुलित किया जाता है जिससे वस्तु हवा में ही रहे या फिर हवा में लटकती हुई दिखाई दे तथा दूसरी Technique  जो होति हे  वो होती हे  Sustanibility Technique जो इसलिए उपयोग की जाती हे की जो वस्तु चुम्बकीय बल के द्वारा हवा में लटकी हुई हे वह चुम्बकीय क्षेत्र के अन्दर ही लटकी रहे   | इस प्रकार दोनों तकनीकी का उपयोग होता है |

मैग्नेटिक लेविटेशन का ट्रेन में उपयोग

इस तकनीक का उपयोग करके ट्रेनों को चलाया जा रहा जिसके लिए विशेष प्रकार की मैगनेट का उपयोग किया जाता है जिसे सुपरकंडक्टिंग मैगनेट के नाम से जाना जाता है सुपरकंडक्टिंग मैगनेट एक विशेष प्रकार की मैगनेट होती है  जिसे उपयोग के दोरान Extreme Temperature पर ठंडा किया जाता है जिससे ये मैग्नेटिक फील्ड की पॉवर को बड़ा देती है |

इसके लिए ट्रेन की पटरी के गाइड Way के साइडवाल्स  में Coils को फिट किया जाता है और फिर जब इन Coils पर सुपरकंडक्टिंग  मैगनेट लगी ट्रेन को गुजारा जाता है तब वहां  साधारण चुम्बक के नियम का पालन होता हे और जब समान ध्रुव एक दुसरे के पास आते है तो उन दोनों के बिच प्रतिकर्षण होगा और इसी प्रतिकर्षण बल के कारण ट्रेन आगे की और सरकने लग जाएगी |

 इन पटरियों से गुजरने वाली   ट्रेनों को बहुत ही हाई स्पीड पर रखा जाता है एसा इसलिए किया जाता है क्योंकि जब हाई स्पीड वाली ट्रेन Coils के केंद्र से होकर गुजरती हे जो की कुछ ही सेंटीमीटर की दुरी पर होती है जिससे की यहां एक परिपथ पूरा हो जाता है और इस Coil के अन्दर करंट Induce हो जाती है | अब करंट के Induce होने से यह Coil एक इलेक्ट्रो मैगनेट की तरह व्यवहार करने लग जाती  है  लेकिन ये परमानेन्ट मैगनेट न होकर एक टेम्पररी मैगनेट की तरह बन जाती है अब इस प्रक्रिया के रिजल्ट में बल लगता है यह बल ट्रेन में लगी सुपरकंडक्टिंग मैगनेट के  उपर की दिशा में  लगता  है और इस प्रकार इन बलों के संतुलन के बाद ट्रेन चलने लगती है  और जब फिर चुम्बकीय क्षेत्र को बदल दिया जाता हे तो ट्रेन आगे की और बड़ने लगती हे और ट्रेन की गति तेज हो जाती हे | इस प्रकार मैग्लेव का उपयोग ट्रेन को चलाने के किया जाता हे |

मैग्नेटिक लेविटेशन के लाभ

अब हम समझते हे की इस सिस्टम का उपयोग करने से क्या क्या लाभ होते हे जेसे

1. इस सिस्टम में ट्रेनों की गति को बहुत तेज रखा जाता है जिससे ये एक स्थान से दुसरे स्थान तक जाने में कम समय लेती है और यात्रियों के समय की बचत होती है

2.  इससे यात्रा बिलकुल Safe होती है इसमें चलने वाली सभी ट्रेनों की स्पीड एक समान होती हे जिससे एक ही दिशा में जा रही दो  ट्रेनो के बिच Crash होने की सम्भावना नही होती है

3. इस सिस्टम में चलने वाली ट्रेने शोर नही करती हे क्योकि यहां  पर केवल हवा ही एकमात्र घर्षण का स्त्रोत होती है

4. ये ड्राईवर लेस होती है इनको आसानी से कंप्यूटर  Algorithm की सहायता से आसानी से  मॉनिटर किया जा  सकता हे

5. इनको किसी भी तरह के किसी Human Signal की आवश्यकता नही होती है

6. इस सिस्टम से चलने वाली ट्रेनों के Mantenance का खर्च भी कम होता है जिससे पैसों की बचत भी होती है

7. इनकी Reliability बहुत ही हाई होती हे क्योकि इनमे कोई फिजिकल कांटेक्ट नही होता हे

8.  ये प्रदुषण रहित होती है तथा Energy Efficient भी होती है |

इस प्रकार हमने देखा की मैग्लेव से चलने वाली ट्रेनों से परम्परागत चलने वाली ट्रेनों की तुलना में बहुत लाभ होते है             

Filed Under: physics Tagged With: इसके लाभ, मैग्नेटिक लेविटेशन, मैग्नेटिक लेविटेशन ट्रेन

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