थ्री फेज ट्रांसफार्मर एक ऐसा ट्रांसफार्मर होता है जिसमें तीन सिंगल फेज ट्रांसफार्मर का concept उपयोग किया जाता है अर्थात जिस प्रकार सिंगल फेज ट्रांसफार्मर में एक Primary coil तथा एक secondary coil होती है उसी प्रकार थ्री फेज ट्रांसफार्मर में तीन Primary coils एवं तीन secondary coils होती है इसप्रकार थ्री फेज ट्रांसफार्मर को तीन ट्रांसफार्मर का Bank भी कहते हैं। थ्री फेज transformer को एक ही Core पर built किया जा सकता है तथा इसकी windings को star या delta connection में जोड़ा जा सकता है।
एक थ्री फेज ट्रांसफार्मर की working सिंगल फेज ट्रांसफार्मर के जैसी ही होती है तथा इनको Power generation Plants में employed किया जाता है। इस प्रकार थ्री फेज ट्रांसफार्मर का उपयोग energy generate करने तथा उसको transmit और फिर distribute करनें के लिए उपयोग होता है। थ्री फेज ट्रांसफार्मर के द्वारा बड़े पैमाने पर Power generate की जाती है जिसका उपयोग Industries तथा commercial use के लिए उपयोग होता है। Needs के According में step up या step down transformer होते हैं। ये सस्ते भी होते हैं तथा AC Power transmit करते हैं।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर की वर्किंग
जैसा कि हम जानते हैं की ट्रांसफार्मर एक Static device होता है तथा इसमें कोई Moving Part नहीं होता है तथा इसमें तीन winding Primary तथा तीन secondary windings होती है तथा ये तीनों windings magnetically coupled होती है। तथा एक Core पर electrically separated होती हैं तथा तीनों एक दूसरे से 120° पर Placed की जाती हैं जैसा की हमें एक diagram में दिखाई दे रहा है जो नीचे दिया गया है इसमें Primary winding तथा secondary windings को connection Core के साथ दर्शाया गया है जिसमें IR , IY , एवं IB currents flow हो रही हैं तथा जिसमें फ्लक्स Induce हो रहा है जो ϕR , ϕY तथा ϕB है।
जो कि अलग – अलग Core में Induce हो रहा है। तथा इसकी जो Center leg है उसमें सभी Flux का योग दर्शाया गया है। अब किसी भी समय जब current का योग करते हैं तो वो IR+IY+IB होगा तथा ये three Phase system के लिए Zero होगा अर्थात
IR+IY+IB=0
तथा तीनों फ्लक्स का योग भी Zero होगा। इसका मतलब हुआ की जो Center Leg का Flux Zero होगा इससे हम Center Leg को अगर हटा दें तो उससे transfer की बाकी conditions पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
diagram में दिखाए गए अनुसार जब Primary winding को AC supply से जोड़ा जाता है तो alternating Magnetic field Produce होता है तथा यह Magnetic Flux को generate करता है यह Flux Primary windings में voltage जो कि apply किया गया है उसके Magnitude पर Supply frequency पर तथा इसमें उपलब्ध number of turn पर निर्भर करता है। यह Produce Flux Core से होके आगे बड़ता है तथा secondary winding से Link करता है तथा यहाँ पर electromagnetic induction के सिद्धांत के आधार पर secondary winding में voltage Produce होता है इस प्रक्रिया को Mutual Induction कहा जाता है।
electrical Power system में थ्री फेज ट्रांसफार्मर का उपयोग बहुत ज्यादा होता है ताकि ये Voltage तथा current के Variable मान का एक समान frequency पर रख सके इसलिए दोनों प्रकार की winding अर्थात Primary winding और secondary winding के turn का Proportion appropriate रखते हैं।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर की बनाबट :-
एक थ्री फेज ट्रांसफार्मर की सिंगल यूनिट का उपयोग बहुत widely use होता है तथा इसका construction दो प्रकार से किया जाता है।
(1) Core type construction
(2) Shell type construction
(1) Core type construction :-
इस प्रकार के construction में ट्रांसफार्मर में तीन Cores तथा दो Yokes होता है तथा प्रत्येक कोर की एक Primary winding तथा एक secondary winding होती है। इस winding को Spiral form में wound की जाती हैं।
Core की प्रत्येक Leg High Voltage के साथ – साथ Low Voltage को भी Carry करती है। Core को इस प्रकार Laminated किया जाता है कि जिससे इस पर होने वाला eddy current Loss कम से कम हो। चूंकि Low Voltage winding को Laminate करना easy होता है। High Voltage winding से इसलिए Low Voltage winding को Core के पास में Laminate किया जाता है जिसके लिए Proper तरीके से insulation तथा oil को रखा जाता है तथा फिर High Voltage winding को रखा जाता है।
इस प्रकार इसकी construction तैयार होती है इसके लिए जो Core use की जाती है वो ज्यादातर cylindrical Core होती है क्योंकि इसकी Mechanical Strength अच्छी होती है। इसके अलावा भी कई तरह के Core use किये जाते हैं जैसे rectangular type , Oval या Circular size etc. Core type के transformer ज्यादातर distribution type के होते हैं।
(2) Shell type transformers :-
three Phase – shell type transformer को बनाने के लिए सामान्यतः तीन सिंगल फेज ट्रान्सफार्मर को Stacking करके बनाया जाता हैं इस प्रकार के transformer में तीनों Phase एक दूसरे से independent होते हैं तथा हर एक फेज का अपना एक Magnetic field तथा Magnetic circuit होता है यह Magnetic circuit एक दूसरे के Parallel होते हैं तथा हर एक winding के द्वारा Induced flux same Phase में होता हैं।
इसमें Low voltage winding तथा High voltage winding अलग – अलग Coils में divide होते हैं तथा इनका alternate arrangement होता है। Low voltage winding के बीच High voltage winding को रखा जाता है तथा जो insulation requirement है उसको कम करने के लिए Low voltage winding को Core के adjacent में रखा जाता है। shell type transformer को High rating transformer के लिए Prefer किया जाता है।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर के प्रकार :-
थ्री फेज ट्रांसफार्मर को इनकी Primary configuration तथा secondary configuration के आधार पर कई types में use किया जाता है जो कि अलग – अलग Power Ratings के लिए उपयोग होते हैं। ये configuration दो type की होती है wye (star) configuration तथा Delta configuration इनके ही आधार पर थ्री फेज ट्रांसफार्मर को अलग – अलग type में बाँटा जाता है।
जिसमें wye connection हमें Multiple voltage के option देता है तथा Delta connection हमें High reliability का option देता हैं दोनों configuration के diagram नीचे दिए गए हैं जिसमें wye connection के लिए या तो सभी minus या सभी Plus point को एक साथ tied किया जाता है उसी प्रकार Delta connection में winding की polarity को converse way में connect किया जाता है तथा प्रत्येक फेज में से किन्ही भी दो फेज के बीच फेज difference 120° होता है।
दोनों configuration के diagram नीचे दिए गए हैं।
इन दोनों configuration को Primary एवं secondary winding में रखकर three Phase transformer को निम्नलिखित type में बांटा जा सकता है।
wye – wye connection type :-
इस प्रकार के transformer में Primary winding भी wye connection में होती है तथा secondary winding में wye connection में होती है यह दोनों प्रकार के Load को serve कर सकता है जैसे की single Phase Load तथा three Phase Load इस प्रकार के transfer को wye – wye three phase transformer कहते हैं।
wye – Delta connection type :-
इस प्रकार के transformer में Primary winding को wye connection देते हैं तथा secondary winding को delta connection देतें हैं। तथा secondary winding को एक chain की form में connect किया जाता है इस प्रकार के transformer को wye – delta three Phase transformer कहते हैं।
Delta – wye connection type :-
इस प्रकार के connection में Primary winding को delta connection तथा secondary winding को wye कनेक्शन Multiple voltage जैसे की लाईन – टू – लाईन या न्यूट्रल को allow करता है। यह connection delta – delta तथा wye – wye connection के Parallel connect करनें के लिए उपयोगी नहीं होता हैं।
Delta – Delta connection type :-
इसमें Primary Delta तथा secondary winding भी Delta connected ही है इसको या तो तीन identical सिंगल फेज transformer या एक ही थ्री फेज ट्रांसफार्मर से बनाया जा सकता है इनकी reliability High होती है इसलिए ये उपयोगी होता है।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर के लाभ –
(1) थ्री फेज ट्रांसफार्मर को install करनें में कम स्थान की आवश्यकता होती है।
(2) इसका आकार छोटा होता है तथा वजन की कम होता हैं।
(3) इसको आसानी से Install किया जा सकता है।
(4) इसकी efficiency बहुत ही High होती है।
(5) इसको Install करनें में कम Cost लगती है।
(6) इसकी transportation Cost भी Low होती है।
(7) इसके लिए Core material की requirement कम होती है three single Phase transfer की तुलना में।
(8) इसमें केवल तीन terminal की आवश्यकता है जबकि तीन सिंगल फेज transfer में Six terminal की आवश्यकता होती है।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर की हानियाँ :-
(1) इसके लिए repair cost बहुत High होती है।
(2) जब ये Self cooled होते हैं तब इनकी capacity reduced हो जाती है।
(3) इसके लिए restore the service तथा space unit cost बहुत ज्यादा होती है जो कि single Phase transformer में कम होती है।
(4) इसके अगर एक फेज में fault हुआ तो Complete unit shut down हो जाती है।
(5) इसके अगर एक फेज में fault या Loss होता है तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
थ्री फेज ट्रांसफार्मर का उपयोग :-
(1) three Phase transformer का उपयोग ज्यादातर Power transformer , Distribution transformer तथा electrical grids के लिए किया जाता है।
(2) Industrial तथा commercial coad को उनकी demand के अनुसार supply पहुंचाने के लिए 3 Phase transformer का उपयोग किया जाता है।
(3) इनका उपयोग Step up एवं Step down transformer के रूप में भी किया जाता है। जो कि desired voltage की requirement को पूरा करते हैं।
IN says
बहुत ही जानकारीपूर्ण पोस्ट है! थ्री फेज ट्रांसफार्मर के बारे में विस्तार से जानकर अच्छा लगा। वर्किंग और उपयोग के बारे में दिए गए उदाहरण समझने में मददगार रहे। धन्यवाद!