थर्मिस्टर क्या है ? इसके प्रकार एव उपयोग बताइये
थर्मिस्टर
जब हम थर्मिस्टर की बात करे तो इसके अन्दर दो इलेक्ट्रिकल Quantity के बारे में बात होती है , जिनमे से एक होता है थर्मल यानि की तापमान एव दूसरा होता है रेसिस्टर यानि की प्रतिरोध , जब इन दोनों इलेक्ट्रिकल Quantity के गुणों को मिलाया जाए तब एक तीसरी Quantity बनती है जिसे हम थर्मिस्टर के नाम से जानते है , अर्थात थर्मिस्टर एक तरह का प्रतिरोध होता है जिसका तापमान बडाने या घटाने पर प्रतिरोध तेजी के साथ घटता तथा बड़ता है |
इसका रेजिस्टेंस पूरी तरह से तापमान पर निर्भर करता है इसीलिए इसे एक रेजिस्टेंस थर्मामीटर के नाम से भी जाना जाता है | इस प्रकार यदि तापमान को बडाया जाए तो इसका प्रतिरोध तेजी से घटता है और यदि तापमान को घटाया जाए तो इसका प्रतिरोध तेजी के साथ बड़ता है |
थर्मिस्टर के प्रतिरोध में बदलाव तापमान की वजह से होता है क्योंकि ये तापमान पर निर्भर करने वाले प्रतिरोध होते है | इनको बनाने के लिए अर्धचालक धातुओ का प्रयोग किया जाता है जेसे निकल , कोबाल्ट , तांबा , या फिर इनके ऑक्साइड का भी उपयोग किया जाता है , इनको बनाने के लिए इन धातुओ या फिर इनके ऑक्साइड को विशेष प्रकार की आकृति के रूप में बनाया जाता है इनको या तो किसी पारे की आकृति का , या फिर किसी डिस्क की आकृति का , या फिर गोलाकार आकृति का बनाया जाता है |
ये बहुत ही छोटी साइज़ के होते है तथा तापमान मापने का सबसे एक्यूरेट डिवाइस होता है | इसे हमेशा किसी किसी विद्युत परिपथ में या फिर किसी इलेक्ट्रिकल डिवाइस जेसे की टेलीविज़न , फ्रीज़ , एयर कंडीशनर आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में जब फिट किया जाता है तो इसे हमेशा सीरीज में यानि की श्रेणीक्रम में लगाया जाता है |
जब इसे किसी विद्युत परिपथ या फिर किसी इलेक्ट्रिकल डिवाइस में लगाया जाता है तो इसे बहुत ही छोटे आकार में रखा जाता है तथा इनको किसी कांच के बल्ब में बंद कर दिया जाता है तथा कनेक्शन के लिए इस बल्ब में से धातु जेसे प्लैटिनम आदि के तार से दो सिरे बाहर निकाल लिए जाते है और फिर इसे उन दोनों सिरों से परिपथ या डिवाइस से कनेक्ट कर दिया जाता है |
थर्मिस्टर के प्रतिरोध में परिवर्तन उसको बनाने के लिए उपयोग किये गये मटेरियल के आधार पर होता है और यह प्रतिरोध में परिवर्तन इसके तापमान में परिवर्तन करने से होता है , क्युकी ये एक प्रकार का नॉनलीनियर प्रॉपर्टी को Show करने वाला डिवाइस होता है | इसका पता लगाने के लिए जब तापमान और प्रतिरोध के बिच ग्राफ खीचा जाता है तो यह ग्राफ लीनियर न होकर एक Curve की फॉर्म में होता है | और यह दर्शाता है की Curve की लाइन कहा पर जा रही है और उसके आधार पर Curve Show होता है की इसको बनाने के लिए कोनसे मटेरियल का उपयोग किया गया है |
थर्मिस्टर के प्रकार
थर्मिस्टर के प्रकार में हम देखते है की इनके टेम्परेचर Coefficient के आधार पर ये दो प्रकार के होते है पॉजिटिव टेम्परेचर Coefficient थर्मिस्टर और नेगेटिव टेम्परेचर Coefficient थर्मिस्टर अब हम इनके बारे में डिटेल में बात करते है
पॉजिटिव टेम्परेचर Coefficient थर्मिस्टर
ये ऐसे थर्मिस्टर होते है जिनका टेम्परेचर Coefficient पॉजिटिव होता है इन्हें शोर्ट में PTC के नाम से भी जाना जाता है | अर्थात जेसे जेसे इनका तापमान बडाया जाता है इनका प्रतिरोध भी बड़ता जाता है | तथा जेसे जेसे तापमान को घटाया जाता है इनका प्रतिरोध भी घटता है | इनका उपयोग किसी विद्युत परिपथ में या डिवाइस में फ्यूज के लिए किया जाता है | और हम जानते है की किसी विद्युत परिपथ या डिवाइस को ओवरकरंट जेसी घटना से बचाने के लिए फ्यूज का उपयोग परिपथ में श्रेणीक्रम में किया जाता है अर्थात इन्हें भी श्रेणीक्रम या सीरीज में ही लगाया जाता है | और किसी भी विद्युत परिपथ में ये सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला थर्मिस्टर होता है |
नेगेटिव टेम्परेचर Coefficient थर्मिस्टर
ये ऐसे थर्मिस्टर होते है जिनका टेम्परेचर Coefficient नेगेटिव होता है इन्हें शोर्ट में NTC के नाम से भी जाना जाता है | अर्थात जेसे जेसे इनका तापमान बडाया जाता है इनका प्रतिरोध घटता है | तथा जेसे जेसे तापमान घटाया जाता है इनका प्रतिरोध बड़ता है | इनका उपयोग किसी विद्युत परिपथ या डिवाइस में सेंसर के लिए या फिर करंट लिमिटर के लिए उपयोग किया जाता है | तथा इन्हें भी किसी विद्युत परिपथ या विद्युत डिवाइस में श्रेणीक्रम या सीरीज में लगाया जाता है |
कुछ विशेष थर्मिस्टर
टेम्परेचर Coefficient के अलावा भी कुछ विशेष प्रकार के थर्मिस्टर होते है जिन्हें हम इस केटेगरी में रखते है अब हम इनके बारे में समझते है
इस प्रकार के थर्मिस्टर वे होते है जिनको इनकी आकृति या फिर उनके बनाने के स्टाइल के आधार पर इन्हें जाना जाता है जेसे की एक्सियल , रेडियल , चिप आदि | इन्हें इस प्रकार जाना जाता है जेसे की जो रेडियल थर्मिस्टर होता हे उसमे उसके पारे से बाहर निकलने वाले दोनों वायर एक ही दिशा में होते है | जबकि जो एक्सियल थर्मिस्टर होता है उसके पारे में से निकलने वाले दोनों वायर एक ही दिशा में न होकर एक वायर पारे के टॉप से निकलता है तो दूसरा वायर पारे के बॉटम से निकलता है इस प्रकार ये एक एक्सियल आकृति का बन जाता है | जबकि जो चिप होती है उसमे से कोई भी वायर नही निकलता है |
इनके अलावा कुछ और भी थर्मिस्टर होते है जिन्हें ग्लास थर्मिस्टर और एपोक्सी थर्मिस्टर के नाम से जाना जाता है जिनमे से ग्लास थर्मिस्टर का उपयोग उन जगहों पर किया जाता है जहा ज्यादा तापमान की जरुरत होती है जबकि एपोक्सी थर्मिस्टर का उपयोग वहा किया जाता है जहा कम तापमान की जरुरत होती है |
इस प्रकार से इनके प्रकार होते है | अब हम समझते है की इनके क्या क्या उपयोग होते है |
थर्मिस्टर के उपयोग
इनका आकार बहुत ही छोटा होता है तथा इनकी कीमत भी कम होती है और ये एक्यूरेट डिवाइस भी होते है इसलिए इनका उपयोग तापमान को मापने के लिए बहुत व्यापक रूप से बड़ी बड़ी इंडस्ट्री में भी उपयोग किया जाता है जेसे
1 . इनका उपयोग किसी इलेक्ट्रिकल डिवाइस या किसी इलेक्ट्रिकल परिपथ में कोल्ड एव हीट को रेगुलेट करने के लिए सेंसर के रूप में किया जाता है |
2 . इनका उपयोग किसी इलेक्ट्रिकल परिपथ में वोल्टेज रेगुलेशन के लिए भी किया जाता है |
3 . किसी भी विद्युत परिपथ या विद्युत उपकरण को ओवरकरंट जेसी स्थति से बचाने के लिए इनका उपयोग प्रोटेक्शन के लिए भी किया जाता है |
4 . इनका उपयोग किसी विद्युत परिपथ में उस परिपथ के कुल प्रतिरोध को स्थिर बनाये रखने के लिए भी किया जाता है |
5 . इनका उपयोग करके किसी विद्युत परिपथ या फिर विद्युत उपकरण के तापमान में होने वाले छोटे से परिवर्तन को भी नापा जा सकता है |
6 . इनका उपयोग करने से ट्रांसफार्मर , जनरेटर , मोटर आदि की वाइंडिंग को जलने से बचाया जा सकता है |
7 . इनका उपयोग टाइम Delay के लिए भी किया जाता है |
8 . इनका उपयोग करके किसी डिवाइस का वॉल्यूम कंट्रोल भी किया जा सकता है |
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