तापमापी (थर्मामीटर )
तापमान अथवा ताप की प्रवणता का मापन करने वाले यंत्र को तापमापी अथवा थर्मामीटर कहते है भोतिक विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तरगत हम ताप मापने की विधियो की चर्चा करते है तापमिति कहलाती है । तापमापी उपकरण अनेक सिद्धांतो के आधार पर निर्मित किये जाते है लेकिन प्राय: तापमापियो मे किसी तरल पदार्थ के उष्मीय प्रसार के गुणेा का प्रयोग किया जाता है । थर्मामीटर मे भरे जाने वाले द्रवो का आयतन तापमान बडने पर बड जाता है द्रवो के आयतन मे हुई यह व्रद्धि तापक्रम के समानुपाती हेाती है साधारण थर्मामीटर इसी सिद्धांत के आधार पर काम करता है । तापमापी अथवा थर्मामीटर कई प्रकार के होते है।
1 द्रव तापमापी
यह तापमापी सबसे व्यापक थर्मामीटर होता है। द्रव तापमापी मे पारे अथवा एल्कोहल का प्रयोग किया जाता है। दोनो द्रवीय पदार्थो का मानक मापनीय ताप परास अलग अलग होता है । जहॅा पारा -39°C पर जमता है और 357°C पर उबलता है वही एल्कोहल -115°C पर जमता है । पारे वाले तापमापी की ताप परास 30°C से 350°C तथा एल्कोहल तापमापी की ताप सीमा -40°C से 78°Cतक हेाती है यह इतनी तापपरास तक तापमान का मापन कर सकता है
2 गैस थर्मामीटर
गैस तापमापी मे सामान्यत: हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है यदि हम हाइड्रोजन गैस का प्रयोग करते है तो यह 500°C तक तथा नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करने पर यह 1500°C तक का तापमापन कर सकता है।
3 डॉक्टरी थर्मामीटर
यह थर्मामीटर शरीर के तापमान का पता लगाकर ज्वर मापने के लिये प्रयोग किया जाता है यह एक विशेष प्रकार का पारा थर्मामीटर होता है जिसकी तापमान की परास 35°C से 43°C तक अथवा 95° F से 110°F तक होता है । चूकिं इसका प्रयोग ज्वर मापने के लिये किया जाता है इसलिये इसे ज्वर मापी या डॉक्टरी थर्मामीटर कहते है। स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान 37°C या 98.4°C होता है ,तापमापी मे इस तापसीमा पर एक लाल निशान बना होता है । यदि पारा इसके ऊपर चढता है तो यह ज्वर का सूचक होता है ।
4 तापयुग्म तापमापी
यह सीबेक के प्रभाव पर आधारित थर्मामीटर होता है जो कि -200°C से 1600°C तक के ताप का मापन करता है
5 प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी
यह तापमापी प्रतिरोध तापगुणांक के सिद्धांत पर कार्य करता है । प्लेटिनम के तार का वैद्युत प्रतिरोध तापमान के बढने के साथ साथ समान दर से बढता है इसके इसी गुण का प्रयोग करके प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी को बनाया जाता है ।इसकी तापमान की परास -200°C से 1200°C होती है ।
6 पूर्ण विकरण तापमापी (पाइरोमीटर)
यह तापमापी एक विशेष प्रकार का तापमापी होता है जिसमे तापमान का मापन वस्तु से उत्सर्जित होने वाले विकरणो के आधार पर किया जाता है यह तापमापी स्टीफन के नियम पर आधारित होता है । इसे पूर्ण विकरण तापमापी अथवा total radiation pyrometer कहते है ।
स्टीफन के नियमानुसार
उच्च ताप पर किसी वस्तु से उत्सर्जित विकरण की मात्रा उसके परमताप के चतुर्थ घात के समानुपाती होती है ।
इस तापमापी की सहायता से अत्यन्त दूर स्थित वस्तुओं के तापमान केा भी मापा जा सकता है । पाइरोमीटर की सहायता से 800°C या इससे अधिक तापमान वाली वस्तुओ का ही तापमान मापा जा सकता है क्योकिं 800 °C से कम तापमान वाली वस्तुऐं ऊष्मीय विकरण उत्सर्जित नही करती है।
पाइराेेमीटर का प्रयोग अति उच्चतापमान केा मापने केे लिये किया जाता हैै इसलिये इसे उच्चतापमापी भी कहते है ।
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