• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

Show Search
Hide Search
  • भौतिक विज्ञान
  • रसायन
  • मैकेनिकल
  • इलेक्ट्रिकल
  • कंप्यूटर
  • जीव विज्ञान
  • प्रोजेक्ट्स
You are here: Home / इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग / ट्रांजिस्टर क्या है ? प्रकार | उपयोग

ट्रांजिस्टर क्या है ? प्रकार | उपयोग

अप्रैल 19, 2020 by MECHANIC37 16 Comments

विषय-सूची

  • ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है ?
  • ट्रांजिस्टर के प्रकार
    • 1. बाइपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर
      • NPN ट्रांजिस्टर
      • PNP ट्रांजिस्टर
    • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर
      • जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर
      • मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर
  • NPN और PNP ट्रांजिस्टर में अंतर
  • ट्रांजिस्टर के लाभ और उपयोग
ट्रांजिस्टर क्या है क्या है और कैसे काम करता है
ट्रांजिस्टर क्या है

ट्रांजिस्टर क्या है और कैसे काम करता है इसके कितने प्रकार है पूरी डिटेल इस पेज पर है ट्रांजिस्टर एक ऐसी Semiconductor Device है जो Electrons और electricity के Movement को control कर सकता है यह Electricity को start stop कर सकता है और यह Current के Amount को भी control कर सकता है इसी कारण transistor electronic wave पैदा कर सकता है

ट्रांजिस्टर के प्रकार विस्तार से इस पेज पर हैं जिनमें बाइपोलर ट्रांसिस्टर, एनपीएन ट्रांजिस्टर, पीएनपी ट्रांजिस्टर,फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर, जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांसिस्टर, मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर और इनका का उपयोग कहां कहां होता है

ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है ?

ट्रांजिस्टर का अविष्कार John bardeen और walter और william schockley ने किया था ट्रांजिस्टर की आयु बहुत लंबी होती है यह छोटे होते है ट्रांजिस्टर Vacuum tube की तरह ही work करते है Vacuuum tube जो पुराने computer में use होते थे

transistor का symbol

ट्रांजिस्टर के अविष्कार ने ही Modern Inventions जैसे Digital circuit,displays,phone सभी जगह पर ट्रांजिस्टर का use हो रहा है key बन चुका है अविष्कारों की यह 20th century का greatest invention है

ट्रांजिस्टर के तीन terminal होते है पहला Base दूसरा collector और तीसरा Emitter होता है जिनमे Base ट्रांजिस्टर को activate करता है और Collector Positive lead और Emitter Negative lead होती है
अधिकतर ट्रांजिस्टर pure Silicon और germanium के बने होते है

ट्रांजिस्टर के प्रकार

Transistor दो प्रकार के होते है

  • Bipolar Transistor BJT
  • Field effect transistor FET

Bipolar transistor में NPN और PNP transistor होते है

1. बाइपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर

इस ट्रांजिस्टर को दिसंबर 1947 में जॉन बोर्डिंन, वॉल्टर ब्राटेन और विलियम शौकले ने अमेरिका की बेल लैबोरेट्रीज मे इजाद किया था। इस ट्रांजिस्टर का नाम बाइपोलर ट्रांजिस्टर इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें चार्ज कैरियर दो प्रकार के होते हैं होल्स और इलेक्ट्रॉन। इसका मतलब इसमें करंट होल्स और इलेक्ट्रॉन दोनों से प्रवाहित होती है। इसमें दो PN जंक्शन होते हैं जोकि सिग्नल को एंपलीफाई और मैग्नीफाई करने का काम करते हैं। बाइपोलर के 3 टर्मिनल बेस, कलेक्टर और एममीटर को कहा जाता है।

बाइपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर के उपयोग

  • बाइपोलर जंक्शन को एंपलीफायर के तौर पर उपयोग में लिया जाता है।
  • इसको ऑक्सीलेटर के तौर पर भी उपयोग कर सकते हैं।
  • यह डिमॉड्युलेटर के तौर पर इस्तेमाल में लिया जाता है।
  • बाइपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर का उपयोग लॉजिकल सर्किट में किया जाता है।
  • इस ट्रांजिस्टर को इलेक्ट्रॉनिक्स स्विच के तौर पर भी उपयोग में लिया जाता है।

बाइपोलर ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं

NPN ट्रांजिस्टर

NPN ट्रांजिस्टर में 2 N क्षेत्र होते हैं जिनको एक पतले से P क्षेत्र से विभाजित किया जाता है। NPN ट्रांजिस्टर कमजोर सिग्नल को एंपलीफायर करके बेस की तरह भेजता है और यह मजबूत एंपलीफायर सिगनल्स को कलेक्टर छोर पर बनाता है। NPN ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन की गति की दिशा एमिटर से कलेक्टर के क्षेत्र तक ही सीमित होती है जिस वजह से ट्रांजिस्टर में करंट उत्पन्न होता है। इस तरह के ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल सर्किट मे किया जाता है क्योंकि इसमें मेजॉरिटी चार्ज इलेक्ट्रॉन्स होते हैं और माइनॉरिटी चार्ज होल्स होते हैं।

PNP ट्रांजिस्टर

PNP ट्रांजिस्टर में 2 P क्षेत्र होते हैं जिनको एक पतले से N क्षेत्र से विभाजित किया जाता है। इस ट्रांजिस्टर में बेस से निकला हुआ कम मात्रा का करंट एमिटर और कलेक्टर करंट को नियंत्रित करने का काम करता है। PNP ट्रांजिस्टर में दो क्रिस्टल डायोड्स होते हैं जो कि एक के पीछे एक जुड़े होते हैं। बाई तरफ के डायोड को एमिटर बेस डायोड कहा जाता है और दाएं तरफ के डायोड को कलेक्टर बेस डायोड के नाम से जाना जाता है।

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर एक 3 टर्मिनल वाला सेमीकंडक्टर उपकरण है जिसमें करंट केवल मेजॉरिटी कैरियर के द्वारा ही प्रवाहित किया जाता है। जिस वजह से इसे यूनीपोलर ट्रांजिस्टर भी कहा जाता है। इस ट्रांजिस्टर में सोर्स, गेट और ड्रेन नाम के तीन टर्मिनल होते हैं। फील्ड इफेक्ट ट्रांसिस्टर रिवर्स बॉयस होता है।

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर बाइपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर के मुकाबले काफी छोटे बनाए जाते हैं और यह बिजली की कम खपत के साथ-साथ अपव्यय भी कम करते हैं जिस वजह से इनको CMOS श्रेणी डिजिटल लॉजिक चिप्स में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त माना जाता है।

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर के उपयोग

  • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर का इनपुट इंपेडेंस काफी हाई होता है तथा इसका आउटपुट इंपेडेंस काफी कम होता है जिस वजह से इसका उपयोग मापने वाले यंत्रों और रिसीवर में बफर के रूप में लिया जाता है।
  • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर में इनपुट कैपेसिटेंस काफी कम होता है जिस वजह से इसका उपयोग कासकेड एंपलीफायर में भी किया जाता है।
  • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर वोल्टेज द्वारा नियंत्रित उपकरण है जिस वजह से इसका उपयोग वोल्टेज वेरिएबल रजिस्टर के तौर पर भी किया जाता है।
  • इसका उपयोग ओस्सिलेशन सर्किट में भी किया जाता है।
  • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर का आकार काफी छोटा होता है और यह काफी कम जगह घेरता है जिस वजह से इसे कहीं भी आसानी से लगा दिया जाता है इसलिए इसका उपयोग डिजिटल सर्किट के रूप में किया जाता है।
  • फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर काफी कम नॉइस पैदा करता है जिस वजह से इसका उपयोग लो नॉइस एंपलीफायर में भी होता है।
  • इसका उपयोग मल्टीप्लैक्सर में भी किया जाता है।
  • इसको फेस शिफ्ट ओसिलेटर में भी इस्तेमाल में लिया जाता है।

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं

जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर

जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर उपकरण है जिसके तीन टर्मिनल होते हैं और यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल स्विच, वोल्टेज कंट्रोल रजिस्टर और एंपलीफायर में इस्तेमाल में लिया जाता है। यह एक यूनीपोलर उपकरण है। इसका मतलब है कि यह एक समय में इलेक्ट्रॉन या होल्स पर निर्भर करेगा।

जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर की विशेषताएं

  • जंक्शन फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर में हाई इनपुट इंपेडेंस होता है।
  • इस ट्रांजिस्टर में बिजली की खपत काफी कम मात्रा में होती है।
  • इसके छोटे आकार की वजह से यह ट्रांजिस्टर सर्किट मे काफी कम जगह में फिट हो जाता है।
  • यह ट्रांजिस्टर रेडिएशन से भी बचाने का काम करता है।

मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर

मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर उपकरण है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को स्विचिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को एंपलीफाय करने के लिए किया जाता है।

मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर की विशेषताएं

  • इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सिगनल्स को एंपलीफाय करने के लिए किया जाता है।
  • मेटल ऑक्साइड फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल हाई फ्रिकवेंसी एंपलीफायर की तरह किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल स्विच मॉड पावर सप्लाई में किया जाता है।
  • इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्विचिंग में किया जाता है।

इनके आलावा Darlington Transistor,Schottky Transistor, Multiple-Emitter Transistor,Dual Gate MOSFET Junction,FET Transistor,Avalanche Transistor, Diffusion Transistor भी transistor होते है

  • Resistance या प्रतिरोध क्या है?
  • Capacitor working in hindi

NPN और PNP ट्रांजिस्टर में अंतर

  • NPN ट्रांजिस्टर में दो N प्रकार के सेमीकंडक्टर लगे होते हैं जिनके बीच एक पतली सी P टाइप सेमीकंडक्टर लगा होता है और यह दोनों N टाइप सेमीकंडक्टर को एक दूसरे से विभाजित करता है और अगर बात करें PNP ट्रांजिस्टर की तो इसमें दो P टाइप सेमीकंडक्टर लगे होते है जिनके बीच में एक पतली सा N टाइप सेमीकंडक्टर लगा होता है और यह दोनों P टाइप सेमीकंडक्टर को एक दूसरे से अलग करता है।
  • NPN और PNP के चित्र एक-दूसरे के एक समान होते हैं। दोनों ही ट्रांजिस्टर में 3 पिन होती है बेस, कलेक्टर और एमिटर। इन दोनों में अंतर केवल तीर के निशान का होता है जो कि एमिटर को दर्शाता है। NPN ट्रांजिस्टर में तीर के निशान का चिन्ह बाहर की तरफ होता है और अगर PNP की बात करें तो यह निशान अंदर की ओर होता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन की संख्या काफी अधिक होती है तो अगर बात करें PNP की तो इसमें आपको होल्स की संख्या ज्यादा मिलेगी।
  • NPN ट्रांजिस्टर में करंट कलेक्टर से एमिटर की तरह प्रवाहित होता है और PNP ट्रांजिस्टर में यही करंट एमिटर से कलेक्टर की ओर जाता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर को ऑन करने पर बेस पॉजिटिव सप्लाई देता है और PNP ट्रांजिस्टर को ऑन करने पर बेस नेगेटिव सप्लाई देना शुरू कर देता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर में PNP ट्रांजिस्टर की अपेक्षा स्विचिंग टाइम काफी अधिक तेज होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि NPN ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन की संख्या PNP ट्रांजिस्टर से अधिक होती है।

ट्रांजिस्टर के लाभ और उपयोग

  • यह सस्ते होते है इसलिए कहीं भी उपयोग किये जा सकते है
  • तेजी से काम करते है
  • Cathode Heater के द्वारा Power का loss नहीं होता है
  • लम्बी life होती है जल्दी खराब नहीं होते है
  • low volt पर अच्छी
  • transistor का use एक switch की तरह होता है
  • Transistor का use amplifier के रूप में होता है

Read करने के लिए thanks I Hope ट्रांजिस्टर क्या है और इसकी Working Process और ट्रांजिस्टर कितने Types के होते है इनका उपयोग क्या है सारी जानकारी मिल गई होगी इस post को article को share जरूर करें अपने school friends के साथ और facebook,whatsapp पर नीचे share button है subscribe करें

  • Share on Facebook
  • Tweet on Twitter

Filed Under: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, physics, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट, ठोस और अर्धचालक युक्तियाँ Tagged With: ट्रांजिस्टर

इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट

  • लेजर डायोड क्या है ? कार्यविधि |
  • Raspberry Pi 4 क्या है | Features Detail | कीमत
  • Zener diode क्या है ? काम कैसे करता है ? एवं उपयोग
  • फ्यूज क्या है ? काम कैसे करता है ? और प्रकार
  • इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में अंतर
  • MCB क्या है ? प्रकार | Full Form | वोर्किंग | फायदे – नुकसान
  • Arduino क्या है ? भाग | 5 टॉप प्रोजेक्ट्स
  • बैटरी क्या है ? इतिहास । प्रकार
  • Resistance क्या है ? प्रतिरोध | प्रकार | कैसे मापते है
  • कैपेसिटर क्या है ? उपयोग, बनाबट | प्रकार, मात्रक और चेक कैसे करें ?
  • ट्रांजिस्टर क्या है ? प्रकार | उपयोग
  • डायोड क्या है ? कार्य सिद्धांत | प्रकार | उपयोग
  • रेक्टिफायर क्या है ? उपयोग | आविष्कार | प्रकार- हाफ वेव एवं फुल वेव
  • Integrated Circuit या IC क्या है । काम कैसे करती है । प्रकार और उपयोग
  • Temperature Sensor LM35 And Arduino In Hindi

ठोस और अर्धचालक युक्तियाँ

  • Solar Panel क्या है ? कैसे काम करता है ?
  • ट्रांजिस्टर क्या है ? प्रकार | उपयोग
  • डायोड क्या है ? कार्य सिद्धांत | प्रकार | उपयोग
  • Solar Cell In Hindi

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

  • Remote Sensing क्या है ? इसकी विशेषताएं लिखिए
  • ट्रांसफार्मर क्या है ? इसके भाग | उपयोग | प्रकार | चित्र सहित सिद्धांत
  • फ्यूज क्या है ? काम कैसे करता है ? और प्रकार
  • Electrical Fault क्या है ? प्रकार | कैसे बचें | काम करता है
  • Relay क्या है | भाग | वोर्किंग | प्रकार | उपयोग
  • Circuit Breaker क्या है ? वोर्किंग | प्रकार | उपयोग
  • विद्युत आवेश किसे कहते है । S.I मात्रक । संरक्षण का नियम । क्वाण्टीकरण
  • इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में अंतर
  • RCCB क्या है ? काम कैसे करती है | प्रकार | उपयोग |फायदे
  • MCB क्या है ? प्रकार | Full Form | वोर्किंग | फायदे – नुकसान

Reader Interactions

Comments

  1. bhupendra sahu says

    मार्च 20, 2019 at 6:44 अपराह्न

    transistor me + aur – chinha ko kaise pehchane

    प्रतिक्रिया
  2. MANISH KUMAR SINGH says

    जुलाई 22, 2019 at 1:05 अपराह्न

    PNP AUR NPN HOTE HAIN USI KE AADHAR PER +VOLT – VOLT SUPPLY DE JATI HAI

    प्रतिक्रिया
  3. Mukesh says

    अगस्त 8, 2019 at 10:38 पूर्वाह्न

    What is Transistor

    प्रतिक्रिया
  4. Musaddik says

    सितम्बर 22, 2019 at 12:51 अपराह्न

    Sir mujhe transistor ka use abhi Tak pata nahi kaise use karte hai kyo use karte hai kaha use karte hai????????

    प्रतिक्रिया
  5. Musaddik says

    सितम्बर 22, 2019 at 12:52 अपराह्न

    Aur sir npn transistor ki jagah pnp transistor kyu use nahi kar sakte plz detail me batayiyega. Sir.

    प्रतिक्रिया
  6. Manoj kashyap says

    अक्टूबर 16, 2019 at 3:07 अपराह्न

    Lighting aarestr ke bare me bateye

    प्रतिक्रिया
  7. Sahil mn says

    नवम्बर 25, 2019 at 10:54 अपराह्न

    Thanks sir

    प्रतिक्रिया
  8. Npy says

    फ़रवरी 22, 2020 at 3:04 अपराह्न

    Transister and types

    प्रतिक्रिया
    • ak maurya says

      जुलाई 26, 2020 at 11:32 अपराह्न

      Shi hi mst hi cool

      प्रतिक्रिया
  9. SHAMEEM AHAMAD says

    फ़रवरी 23, 2020 at 9:04 पूर्वाह्न

    thanks sir

    प्रतिक्रिया
  10. Savan raypure says

    मार्च 5, 2020 at 4:34 अपराह्न

    Thanks sir

    प्रतिक्रिया
  11. Niraj Kumar says

    अप्रैल 20, 2020 at 5:52 अपराह्न

    Transistor type of new things

    प्रतिक्रिया
  12. Amit Kumar says

    अप्रैल 23, 2020 at 4:03 अपराह्न

    Thanks sir ji.

    प्रतिक्रिया
  13. Ri says

    अप्रैल 25, 2020 at 2:52 अपराह्न

    Sir MOSFET ki datasheet ko kese read kare us par detail se bataye please

    प्रतिक्रिया
  14. Kailash nath maurya says

    अप्रैल 29, 2020 at 9:30 पूर्वाह्न

    मैं एलसीडी एलसीडी रिपेयरिंग करता हूँ उसका पैनल कैसे काम करता है और खराबी आने पर कैसे रिपेयर किया जाता है।

    प्रतिक्रिया
  15. Viswai sharma says

    अक्टूबर 6, 2020 at 12:35 पूर्वाह्न

    Bahut achchha laga hame aapaka bichar

    प्रतिक्रिया

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

नयी और अपडेट

  • Hydraulic torque converter क्या है। इसके प्रकार। वर्किंग प्रिंसिपल।
  • लेजर डायोड क्या है ? कार्यविधि |
  • Electrical Engineering Notes In Hindi | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • विभवमापी वोल्टमीटर से किस प्रकार श्रेष्ठ है ? समझाइए
  • Remote Sensing क्या है ? इसकी विशेषताएं लिखिए
  • Hydraulic press क्या है। सिद्धांत । मुख्य भाग। Working। उपयोग

विषय चुने


भौतिक विज्ञान

रसायन विज्ञान

मैकेनिकल
इंजीनियरिंग

इलेक्ट्रिकल
इंजीनियरिंग

इलेक्ट्रॉनिक
कंपोनेंट्स

इंजीनियरिंग
प्रोजेक्ट्स

कंप्यूटर

जीव विज्ञान

Footer

Gmail पर varify जरूर करें

Subscribe कीजिये
  • Facebook
  • Flickr
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

कॉपीराइट © 2015–2020

  • साइटमैप
  • संपर्क करें
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर सीखें
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स