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Home » गोलीय दर्पण क्या है इसके उपयोग व उत्तल व अवतल दर्पण मे अंतर वक्रता केंद्र,त्रिज्या,फोकस दूरी

गोलीय दर्पण क्या है इसके उपयोग व उत्तल व अवतल दर्पण मे अंतर वक्रता केंद्र,त्रिज्या,फोकस दूरी

जुलाई 11, 2023 by admin Leave a Comment

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दोस्तो आज के इस article मे हम class 12th physics के किरण प्रकाशिकी name के chapter के bahut ही मजेदार टोपिक के बारे मे पड़ेंगे की गोलीय दर्पण क्या होता है इसको हम किस तरह से अपने उपयोग मे लाते है यह कितने प्रकार का होता है गोलीय दर्पण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं अवतल उत्तल प्रकार की विशेषताएं एवं अवतल एवं उत्तल दर्पण में क्या अंतर होते हैं तो चलिए हम इन सब को आसान शब्दो मे समझने का प्रयास करते है

गोलीय दर्पण क्या है

ऐसी सतह जो खुद पर पड़ने वाली सभी प्रकाश की किरणों का नियमित परावर्तन कर दे दर्पण कहलाती है यदि किसी खोखले गोलाकार कांच को काटकर उसकी दूसरी तरफ रिफ्लेक्टिव पोस्लिश कर दिया जाए तो इस गोलाकार कांच को गोलीय दर्पण कहेंगे

गोलीय दर्पण के बारे में महत्वपूर्ण परिभाषाये

ध्रुव

गोलीय दर्पण का ध्रुव दर्पण वाले भाग के केंद्र बिंदु को ध्रुव कहते है ध्रुव को P से दर्शाते हैं

वक्रता केंद्र

गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग होता है जिसके केंद्र को उस दर्पण का वक्रता केंद्र कहते हैं इसे C से दर्शाते हैं

गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या

गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिसे गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या उस गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है इसे R से denote करते है

PC = R

मुख्य फोकस

जब गोलीय दर्पण पर मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की किरणें टकराती हैं और और वे परिवर्तित होकर एक बिंदु से होकर जाती है उस बिंदु को गोली दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं

गोलीय दर्पण की फोकस दूरी

गोलीय दर्पण की फोकस दूरी ध्रुव और मुख्य फोकस के बीच की दूरी के बराबर होती है इसे f से दर्शाते हैं

PF = f

फोकस तल

वह तल जो मुख्य अक्ष के लंबवत व मुख्य फोकस से गुजर रहा हो उसे दर्पण का फोकस तल कहते है

द्वारक

गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ कि वार्ताकार सीमा रेखा का व्यास दर्पण का द्वारक कहलाता है इसे Aperture या दर्पण का व्यास भी कहते है

गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते है

गोलीय दर्पण के प्रकार

अवतल दर्पण Concave mirror

खोखले गोलाकार कांच के बहरी तरफ पॉलिश किया जाए तो उस दर्पण को अवतल दर्पण कहेंगे इसका दर्पण वाला भाग अंदर की तरफ होगा

उपयोग/ Example-

  1. दाढ़ी बनाने में – इस दर्पण का उपोग करने पर दाढ़ी बारिख से बरिख बाल भी दिख जाता है
  2. सोलर कुकर में – अवतल दर्पण प्रकाश की किरणों को एक जगह केंद्रित कर देता है जिससे उष्मा उत्पन्न होती है जिससे सोलर कुकर मे खाना बन जाता है
  3. मोटर गाड़ी की हेडलाइट में – अवतल दर्पण वाहनो की हेड लाइट मे उपयोग मे लाया जाता है
  4. प्रवर्तक दूरबीन बनाने में – खगोल शास्त्री गृहों उपगृहों तारो व आकाश का देखने के लिए जिन का उपयोग किया जाता है उसमें अवतल दर्पण होता है

उत्तल दर्पण Convex mirror

खोखले गोलाकार कांच की भीतरी तरफ पॉलिश किया जाए तो उस दर्पण को उत्तल दर्पण कहेंगे इसका दर्पण उभरा हुआ होता है

उपयोग/ Example –

  1. वाहनों के side mirror के रूप में- उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनो के side mirror के रूप मे उपयोग किया जाता है क्योकि यह बड़ी वस्तुओ का भी छोटा व सीधा प्रतिबिंब बनता है
  2. स्ट्रीट लाइट के रेफ्लेक्टर के रूप में- उत्तल दर्पण light को प्रवर्तित करता है इसलिए इसका उपयोग स्ट्रीट लाइट के रिफ्लेक्टर के रूप में क्या जाता है

उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर-

उत्तल दर्पण-

  1. इसमें परावर्तन करने वाला तल बाहर उभरा हुआ होता है
  2. इसमे दबे हुए पृष्ठ पर पॉलिश होती है
  3. उत्तल दर्पण में आभासी प्रतिबिंब बनता है
  4. इसमें प्रतिबिंब सीधा बनता है
  5. इसमें प्रतिबिंब छोटा बनता है

अवतल दर्पण-

  1. इसमें परावर्तन करने वाला तल धसा हुआ होता है
  2. इसमें उभरे हुए पृष्ठ पर पॉलिश होती है
  3. इसमें वास्तविक आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं
  4. इसमें प्रतिबिंब उल्टा और सीधा दोनों बनते हैं
  5. इसमें प्रतिबिंब बड़ा ,छोटा व वस्तु के आकार तीनों प्रकार का बनता है

अवतल और उत्तल दर्पण को डिटेल में जानेगे नेक्स्ट page पर अभी ये गोलीय दर्पण के बारे में जानकारी अच्छी हो तो इसे शेयर करें और प्रश्न के लिए comment करें

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