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गोलीय दर्पण किसे कहते है | उत्तल | अवतल | उपयोग

दिसम्बर 4, 2019 by MECHANIC37 5 Comments

विषय-सूची

  • प्रतिबिम्‍‍ब
    • 1 वास्‍तविक प्रतिबिम्‍ब
    • 2 आभाषी प्रतिबिम्‍ब
    • समतल दर्पण के संबध मे कुछ जरूरी बाते
  • गोलीय दर्पण किसे कहते है और उपयोग
    • 1 अवतल दर्पण
    • 2 उत्‍तल दर्पण
    • गोलीय दर्पण से संबधित कुछ महत्‍वपूर्ण परिभाषाए
      • दर्पण का ध्रुव
      • वक्रता केन्‍द्र
      • वक्रता त्रिज्‍या
      • मुख्‍य अक्ष
      • मुख्‍य फोकस
      • फोकस दूरी
    • गोलीय दर्पण से बनने वाले प्रतिबिम्‍ब के संबंध मे कुछ नियम
    • अवतल दर्पण के द्वारा प्रतिबिम्‍ब का बनना
      •   स.क्र.
      •        वस्तु की स्थिति
      •       प्रतिबिम्‍ब की स्थिति
      •    प्रतिबिम्‍ब की प्रक्रति
    • उत्‍तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना
    • गोलीय दर्पण का सूत्र
    • प्रतिबिंब का रेखीय आवर्धन
    • अवतल दर्पण के उपयोग
    • उत्‍तल दर्पण का प्रयोग

उत्तल और अवतल दर्पण

प्रतिबिम्‍‍ब

किसी बिन्‍दु से चलने वाली प्रकाश की किरणे परावर्तन के पश्‍चात जिस बिन्‍दु पर आकर मिलती है उस बिन्‍दु को वस्‍तु का प्रतिबि‍म्‍ब कहतें है।

प्रतिबिम्‍ब दो प्रकार के होते है।

1 वास्‍तविक प्रतिबिम्‍ब

जब किसी बिन्‍दु से आने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद जिस बिन्‍दु पर आकर वास्‍तविक रूप से मिलती है।

इस प्रतिबिम्‍ब को पर्दे पर प्राप्‍त किया जा सकता है तथा यह सदैव उल्टा बनता है

2 आभाषी प्रतिबिम्‍ब

जब प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद मिलती हुयी प्रतीत होती है तो वहा पर वस्‍तु का आभाषी प्रतिबिम्‍ब बनता है। यह काल्‍पनिक तथा सीधा बनता है इसे पर्दे पर प्राप्‍त नही किया जा सकता ।

समतल दर्पण के संबध मे कुछ जरूरी बाते

  • समतल दर्पण का प्रयोग केलिडोस्‍कोप बनाने में किया जाता है
  • यदि समतल दर्पण को θ कोण से घुमाया जाये तो परा‍वर्तित किरण 2 θ कोण से घूम जाती है।
  • यदि किसी व्यक्ति वस्‍तु का पूरा प्रतिबिम्‍ब देखने के लिये हमे उस वस्तु की आधी लंबाई के बराबर दर्पण आवश्‍यतक होता है।
  • प्रतिबिम्‍व का आकार वस्‍तु के आकार के बराबर होता है।
  • यदि वस्‍तु ओर समतल दर्पण के बीच सापेक्ष गति हेा तथा वस्‍तु दर्पण की तरफ V चाल से आये तो प्रतिबिम्‍ब उस वस्‍तु के सापेक्ष दुगनी चाल 2V से गति करता है।
  • समतल दर्पण की फोकस दूरी अनन्‍त तथा क्षमता शून्‍य होती है।

गोलीय दर्पण किसे कहते है और उपयोग

परिभाषा – गोलीय दर्पण उस खोखले गोले का भाग होता है जिसके एक तल उभरा हुआ तथा दूसरा तल दबा हुआ हेाता है। इसमे एक सतह को चांदी अथवा पारे से पालिश कर दिया जाता है जिससे दूसरी सतह चमकदार हो जाती है। गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते है।

1 अवतल दर्पण

अवतल दर्पण उस दर्पण को कहते है जिसमे परावर्तन सतह का मध्‍य भाग अन्‍दर की ओर दबी हुयी होती है।इसे अभिसारी दर्पण भी कहते है।

2 उत्‍तल दर्पण

उत्‍तल दर्पण उसे कहते है जिसमे परार्वन सतह का मध्‍य भाग बाहर की ओर उभरी हुयी होती है।इसे अपसारी दर्पण भी कहते है ।

गोलीय दर्पण से संबधित कुछ महत्‍वपूर्ण परिभाषाए

दर्पण का ध्रुव

गोलीय दर्पण के परावर्तक तल के मध्‍य बिन्‍दु को दर्पण का ध्रुव कहते है ।इसे p से प्रदर्शित करते है।

वक्रता केन्‍द्र

गोलीय दर्पण जिस खोखले गोले का  भाग होता है उसके केनद्र को वक्रता केन्‍द्र कहते है इसे c से प्रदर्शित किया जाता है।

वक्रता त्रिज्‍या

दर्पण जिस खोखले गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्‍या को दर्पण की वक्रता त्रिज्‍या कहते है दर्पण के ध्रुव से वक्रता केन्‍द्र तक की दूरी को दर्पण की वक्रता त्रिज्‍या कहते है।

मुख्‍य अक्ष

दर्पण के ध्रुव और वक्रता केन्‍द्र को मिलाने वाली रेखा मुख्‍य अक्ष कहलाती है।

मुख्‍य फोकस

दर्पण के मुख्‍य अक्ष के समान्‍तर आने आने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन के पश्‍चात जिस बिन्‍दु पर आकर मिलती है अथवा मिलती हुयी प्रतीत होती है उसे हम दर्पण का मुख्‍य फोकस कहते है।

फोकस दूरी

ध्रुव से फोकस बिन्‍दु तक की दूरी केा दर्पण की फोकस दूरी कहते है। फोकस दूरी वक्रता त्रिज्‍या की आधी होती है।

गोलीय दर्पण से बनने वाले प्रतिबिम्‍ब के संबंध मे कुछ नियम

  • गोलीय दर्पण के किसी बिन्‍दु को वक्रता केन्‍द्र से मिलाने वाली रेखा अभिलंब कहलाती है।
  • अवतल दर्पण के मुख्‍य अक्ष के समान्‍तर आने वाली किरण परावर्तन के पश्‍चात मुख्‍य फोकस से होकर जाती है तथा यदि दर्पण उत्‍तल है तो किरणे मुख्‍य फोकस से जाती हुयी प्रतीत होती है।

अवतल दर्पण के द्वारा प्रतिबिम्‍ब का बनना

  स.क्र.

       वस्तु की स्थिति

      प्रतिबिम्‍ब की स्थिति

   प्रतिबिम्‍ब की प्रक्रति

   1अनन्‍त परफोकस परवास्‍तविक , उल्‍टा बिन्‍दु आकार
   2अनन्‍त और वक्रता केन्‍द्र के बीच मेंवक्रता केन्‍द्र और फोकस के बीच मेंवास्‍तविक,उल्‍टा ,वस्तु से छोटा

 

  3वक्रता केन्‍द्र परवक्रता केन्‍द्र परवास्‍तविक ,उल्‍टा वस्तु के बराबर
  4वक्रता केन्‍द्र और फोकस के बीचवक्रता केन्‍द्र और अनन्‍त के बीचवास्‍तविक ,उल्‍टा वस्तु से बडा
  5फोकस परअनन्‍त परवास्‍तविक उल्‍टा और वस्‍तु से बहुत बडा
   6फोकस और ध्रुव के बीचदर्पण के पीछेआभाषी ,सीधा वस्‍तु से बडा

 

उत्‍तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना

  • जब वस्तु अनन्‍त पर रखी जाती है तो उसका प्रतिबिंब फोकस पर सीधा आभाषी और बहुत छोटा बनता है ।
  • जब वस्‍तु उत्‍तल दर्पण मे अनन्‍त के अलावा किसी भी स्‍थान पर रखी जाती है तो उसका प्रतिबिंब प्रत्‍येक स्थिति में दर्पण के पीछे ध्रुव और फोकस के बीच वस्तु से छोटा सीधा और आभाषी बनता है ।

गोलीय दर्पण का सूत्र

\fn_jvn \frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}

U=दर्पण के ध्रुव से वस्तु की दुरी

V=दर्पण के ध्रुव से प्रतिबिंब की दूरी

F=दर्पण के ध्रुव से फोकस बिन्‍दु तक की दूरी

प्रतिबिंब का रेखीय आवर्धन

वस्तु के प्रतिबिंब की लंबाई और वस्तु की लम्बाई के अनुपात को प्रतिबिंब का रेखीय आवर्धन m कहते है।

रेखीय आवर्धन =\fn_jvn \frac{प्रतिबिंब की लंबाई}{बस्‍तु की लंबाई}प्ररतिबिंब की लंंबाई/वस्तु की लंबाई

चिन्‍ह परिपाटी के अनुसार uतथा v के मान धनात्‍मक और ऋणात्‍मक हो सकते  है अत: रेखीय आवर्धन क्षमता का मान भी  धनात्‍मक और ऋणात्‍मक हो सकती है।

अवतल दर्पण के उपयोग

  • अवतल दर्पण का प्रयोग दाढी बनाने वाले सीसे के रूप मे किया जाता है।
  • अवतल दर्पण का उपयोग नाक कान गला वाले डाक्‍टरो के द्वारा आंतरिक अंगो का सही से देखने मे किया जाता है।
  • परार्तक दूरदर्शी बनाने मे प्रयोग किया जाता है ।
  • सोलर कुकर मे परावर्तक दर्पण के रूप मे अवतल दर्पण प्रयोग में लाया जाता है।
  • निकल द्रष्टि दोष के निवारण मे अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है।

उत्‍तल दर्पण का प्रयोग

  • वाहनों में साइड मिरर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • गाडियो व सडको पर लगे साइड लैम्‍पो मे इसका प्रयोग किया जाता है।
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Filed Under: किरण प्रकाशकी, physics, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फिजिक्स

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Reader Interactions

Comments

  1. Mihir bhatt says

    सितम्बर 12, 2019 at 1:35 अपराह्न

    Very nice

    प्रतिक्रिया
    • Roshan says

      दिसम्बर 22, 2020 at 8:13 पूर्वाह्न

      Very nice

      प्रतिक्रिया
  2. Sankat says

    अक्टूबर 10, 2019 at 7:03 अपराह्न

    Goliy vipthan our upay

    प्रतिक्रिया
  3. Aquebal says

    अगस्त 12, 2020 at 1:35 अपराह्न

    Nice,
    So kind of you

    प्रतिक्रिया
  4. Palak rajput says

    अक्टूबर 7, 2020 at 10:41 पूर्वाह्न

    very nice site so useful for me. thank you very much

    प्रतिक्रिया

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