• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

इंजीनियरिंग और फिजिक्स,केमिस्ट्री

  • भौतिक विज्ञान
  • इंजीनियरिंग नोट्स
    • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग
    • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • रसायन
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर
Home » गियर ट्रेन क्या होती है ? वोर्किंग | उपयोग

गियर ट्रेन क्या होती है ? वोर्किंग | उपयोग

जून 28, 2021 by Er. Shikha

3
(2)

गियर ट्रेन क्या होती है ? यह कैसे काम करती है | इसका उपयोग कहा किया जाता है

गियर ट्रेन क्या होती है

इस पेज पर हम समझेंगे की गियर ट्रेन क्या होती है ? तथा यह कैसे काम करती है और इसका उपयोग कहाँ कहाँ किया जाता है | तथा इसमें आगे हम समझेंगे की Main Driver गियर और Main Driven गियर क्या होता है गियर ट्रेन में इसके बाद हम गियर ट्रेन के प्रकार समझेंगे की इसके कितने प्रकार होते है तथा सभी प्रकार के लिए Speed Ratio भी निकालेंगे |

गियर ट्रेन  क्या है

जब भी दो या दो से अधिक गियर आपस में मेस होते है और पॉवर को संचारित करते है एक शाफ्ट से दूसरी शाफ्ट तक | ऐसे गियर के मेल या नोड को गियर ट्रेन कहते है | गियर ट्रेन में दो या दो से अधिक गियर का मेल होता है | इसका उपयोग पॉवर को संचारित करने के लिए किया जाता है जब शाफ्ट के बीच बहुत ज्यादा सेंटर डिस्टेंस होता है |

इसका उपयोग बहुत High और बहुत Low Velocity का अनुपात निकालने के लिए भी किया जाता है किसी भी Gear Train  में एक Main Driver होता है एक Main Driven होता है और एक Intermediate गियर्स होते है तथा इसका उपयोग Large Velocity रिडक्शन को पाने के लिये किया जाता है लिमिटेड Space में | आमतौर पर इसका उपयोग लगभग सभी मशीनों में किया जाता है जो भी मशीन पॉवर को संचारित करती है |

जैसे इसका उपयोग इंजन में किया जाता है लेथ मशीन में किया जाता है , गियर बॉक्स में किया जाता है तथा  क्लोक्स में भी किया जाता है |

गियर ट्रेन के लिए स्पीड का अनुपात और Speed Ratio (SR)

Speed Ratio =  ꞷ main  (Driver) / ꞷ main  (Driven)

ꞷ = Angular Velocity

Speed Ratio और Velocity ratio गियर ट्रेन का अनुपात होता है Driver की Speed का और Driven की Speed का |

किसी भी गियर ट्रेन की ट्रेन वैल्यू क्या होती है

ट्रेन वैल्यू Speed Ratio का रेसिप्रोकल होता है जैसे ट्रेन वैल्यू बराबर होती है स्पीड के अनुपात के –

Train Value = ꞷ main  (Driven) / ꞷ main  (Driver)  =  1 / Speed Ratio

ꞷ = Angular Velocity

 गियर ट्रेन के प्रकार

आमतौर पर गियर ट्रेन के चार से पांच प्रकार की होती है जिसमे पहली होती है सिंपल Gear ट्रेन  , दूसरी है कंपाउंड Gear ट्रेन , तीसरी है रेवेर्टेड Gear ट्रेन , चौथी है एपी साइक्लिक Gear ट्रेन , पांचवी है प्लेनेटरी Gear ट्रेन | इन सभी Gear ट्रेन को एक – एक करके समझते है

 सिंपल Gear ट्रेन

जब एक शाफ्ट पर एक ही गियर फिट होता है तो ऐसे गियरिंग सिस्टम को सिंपल Gear ट्रेन कहा जाता है इसमें सभी गियर का Module एक समान रहता है मतलब सभी गियर का Module Same रहता है | इसमें पहला गियर Clockwise घूमता है तब दूसरा गियर Anticlockwise घूमता है इसी तरह सभी गियर घूमते है |

सिंपल Gear ट्रेन में पहले गियर को Main Driver गियर कहा जाता है और आखिरी वाले गियर को Main Driven गियर कहा जाता है इसमें बीच वाले गियर्स को Idlers गियर कहा जाता है |

सिंपल Gear ट्रेन

सिंपल Gear ट्रेन का स्पीड Ratio :

ꞷ1 / ꞷ4 = T4 / T1

ꞷ1 = पहले गियर की एंगुलर स्पीड

ꞷ4 = आखिरी गियर की एंगुलर स्पीड

T1   =  पहले गियर पर Number Of Teeth

T4 = आखिरी गियर पर Number Of Teeth

 कंपाउंड Gear ट्रेन

जब भी हमें Higher Speed Ratio और Lower Speed Ratio की Requirement होती है तब हम कंपाउंड Gear ट्रेन का उपयोग करते है इसमें जो इंटरमीडिएट शाफ्ट होती है वह एक में ज्यादा गियर को उपयोग में लेती है मतलब इंटरमीडिएट शाफ्ट पर एक से ज्यादा गियर लगे रहते है पॉवर को संचालित करने के लिए |

कंपाउंड Gear ट्रेन

इसमें गियर 2 और गियर 3 कंपाउंड गियर है तथा  गियर 4 और गियर 5 भी कंपाउंड गियर है | इसका स्पीड Ratio इस प्रकार है –

ꞷ1 / ꞷ6 = T2 ×T4 ×T6 / T1 ×T3 ×T5

ꞷ1 = पहले गियर की एंगुलर स्पीड

ꞷ6  = दूसरे गियर की एंगुलर स्पीड

T2 ,T4 ,T6 = Number Of Teeth गियर 2,4,6 पर

T1 ×T3 ×T5 = Number Of Teeth गियर 1,3,5 पर

रेवेर्टेड Gear ट्रेन

रेवेर्टेड Gear ट्रेन का अरेंजमेंट आमतौर पर क्लोक्स और सिंपल लेथ मशीन में किया जाता है यहाँ Back गियर का उपयोग Slow स्पीड को प्रदान करने में किया जाता है रेवेर्टेड Gear ट्रेन भी एक प्रकार की कंपाउंड Gear ट्रेन है जो की आमतौर पर Co- Axial शाफ्ट को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है इसे रेवेर्टेड Gear ट्रेन कहा जाता है |

रेवेर्टेड Gear ट्रेन

रेवेर्टेड Gear ट्रेन के लिए Speed Ratio –

ꞷ1 / ꞷ4 = T2 ×T4  / T1 ×T3

ꞷ1 = पहले गियर की एंगुलर स्पीड

ꞷ4  = गियर 4 की एंगुलर स्पीड

T1 ,T2,T3 ,T4  = Number Of Teeth गियर 1,2 ,3,4 पर

एपी साइक्लिक Gear ट्रेन

एपी साइक्लिक Gear ट्रेन का उपयोग High Velocity Ratio को संचारित करने के लिए किया जाता है जिसमे गियर का साइज़ मॉडरेट होता है और कम स्पेस में | एपी साइक्लिक Gear ट्रेन का उपयोग Wrist Watches में भी किया जाता है |

एपी साइक्लिक Gear ट्रेन

एपी साइक्लिक Gear ट्रेन वह गियर ट्रेन होती है जिसमे गियर के साथ साथ गियर की एक्सिस भी रोटेट करती है किसी और गियर की एक्सिस के रेस्पेक्ट में | तब ऐसी ट्रेन को एपी साइक्लिक Gear ट्रेन कहा जाता है यह सिंपल , कंपाउंड और रेवेर्टेड Gear ट्रेन भी होती है | एक्सिस को रोटेट करने के लिए जिस लिंक का उपयोग किया जाता है उसको आर्म और Carrier कहा जाता है |

 प्लेनेटरी Gear ट्रेन

प्लेनेटरी Gear ट्रेन भी एक प्रकार की एपी साइक्लिक Gear ट्रेन होती है इसमें दो गियर्स होते है पहला गियर का सेंटर दूसरे गियर के सेंटर के अराउंड घूमता है |

 प्लेनेटरी Gear ट्रेन

एक गियर को प्लेनेट गियर कहते है और दूसरे गियर को Sun गियर और Sun Wheel कहा जाता है | आमतौर पर प्लेनेटरी Gear ट्रेन में Number Of Planets एक से ज्यादा होते है | क्योंकि इसमें हाई पॉवर ट्रांसमिशन होता है और गियर के बीच Balancing ज्यादा अच्छी होती है |

यह पेज आपको कैसा लगा ?

Average rating 3 / 5. Vote count: 2

Filed Under: Theory of Machine, मैकेनिकल इंजीनियरिंग | Mechanical engineering Tagged With: गियर ट्रेन

मैकेनिकल इंजीनियरिंग

  1. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
  2. Fluid Mechanics | द्रव यांत्रिकी
  3. मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस
  4. Theory of Machine | मशीन सिध्दांत
  5. Refrigeration and Air Conditioning
  6. Strength Of Material | द्रव्य सामर्थ्य
  7. Thermodynamics | उष्मागतिकी

Primary Sidebar

Recent Posts

  • क्युरी का नियम क्या है ? व्यंजन , कमियाँ , क्युरी ताप
  • रासायनिक सूत्र लिस्ट । PDF Download करें
  • इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी क्या है ? संरचना | वर्किंग सिद्धान्त | प्रकार
  • अभिक्रिया वेग व अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले कारक
  • विलेयता क्या होती है तथा इसको प्रभावित करने वाले कारक

विषय

  • भौतिक विज्ञान
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान 
  • कंप्यूटर 
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

Footer

सोशल मीडिया पर जुड़ें

  • Telegram 
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • Youtube

बनाना सीखें

  • ड्रोन कैसे बनाएं ?
  • रोबोट कैसे बनाएं ?
  • वेबसाइट कैसे बनाएं ?
  • एंड्राइड एप कैसे बनाएं ?

हमारे बारे में

इस जगह आप हिंदी में इंजीनियरिंग ,फिजिक्स,केमिस्ट्री,बायोलॉजी,कंप्यूटर etc सीख सकते हो |

Mechanic37 2015 - 2022

  • साइटमैप
  • संपर्क करें
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर सीखें
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • ऑटोकैड टुटोरिअल