क्रांतिक कोण क्या है कब कोण को क्रांतिक कोण कहते है इस पेज पर अच्छे से समझाया गया है पूरा रीड कीजिये क्रांतिक कोण क्या है सूत्र और मान हम जानते हैं कि प्रकाश के अपवर्तन में जब कोई करण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो वह है अभिलंब से दूर हो जाती है यदि माध्यम विरल ना हो तो आपतन कोण परावर्तन कोण का मान बराबर होगा परंतु यहां पर प्रकाश की किरण विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो वह है अविलंब से दूर हट जाती है इस स्थिति में अपवर्तन कोण का मान ज्यादा होता है
![अपवर्तन सघन से विरल में](https://i0.wp.com/mechanic37.com/wp-content/uploads/2019/02/अपवर्तन-सघन-से-विरल-में.jpeg?resize=700%2C525&ssl=1)
अब नीचे वाली इमेज चित्र में देखिये आपतन कोण से आपतन कोण का मान घटाने पर अपवर्तन कोण का मान भी घटने लगता है और आपतन कोण का मान बढ़ाने पर अपवर्तन कोण का मान भी बढ़ने लगता है इस स्थिति में अपवर्तन कोण का मान यदि बढ़ता जाए और 90 डिग्री हो जाए
![क्रांतिक कोण क्या है](https://i0.wp.com/mechanic37.com/wp-content/uploads/2019/02/क्रांतिक-कोण.jpeg?resize=700%2C525&ssl=1)
तब आपतन कोण का ऐसा मान जिस पर अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री हो जाए तो उसे क्रांतिक कोण कहेंगे यानी क्रिटिकल एंगल कहेंगे यही परिभाषा है
क्रांतिक कोण के लिए आवश्यक शर्तें
- प्रकाश किरण को सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जाना चाहिए
- अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री होना चाहिए
क्रांतिक कोण का सूत्र
क्रांतिक कोण को स्नेल के नियम से ज्ञात कर सकते है
स्नेल के नियम से अपवर्तनांक (Refractive)
यहां पर r यानी अपवर्तन कोण का मान 90° रखें तो i यानी आपतन कोण का मान ज्ञात कर सकते है
क्रांतिक कोण का मान
अलग-अलग माध्यम के लिए क्रांतिक कोण का मान अलग अलग होता है जल,हीरे ,हवा सभी के लिए अलग अलग होता है
जल के लिए क्रांतिक कोण का मान कितना होता है
हीरे के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.4° होता है
माध्यम का अपवर्तनांक बढ़ने पर क्रांतिक कोण का मान कम हो जाता है और अपवर्तनांक घटने जाने पर क्रांतिक कोण का मान बढ़ता जाता है
क्रांतिक कोण का मान बैंगनी रंग के लिए सबसे कम होता है और लाल रंग के लिए क्रांतिक कोण का मान सबसे अधिक होता है
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