इस पोस्ट में हम भौतिक विज्ञान के एक महत्वपूर्ण टॉपिक क्युरी का नियम क्या हैं क्युरी के व्यंजन का निगमन तथा इस नियम की क्या क्या कमियाँ रही , क्युरी ताप क्या है विभिन्न पदार्थो का क्युरी ताप क्या होता है इन सब के बारे में जानेंगे
भौतिक वैज्ञानिक क्युरी ने बहुत लम्बे समय तक पदर्थो के चुम्बकीय गुणों का अध्ययन किया और उन्हें 1950 में एक नियम दिया जिसे क्युरी के नियम के नाम से जाना जाता है जो निम्म है
क्यूरी का नियम
जब लौह चुम्बकीय पदार्थ को गर्म किया जाता है तो उस पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति उस परम ताप के व्युत्क्रमानुपति होती है इसे क्यूरी का नियम कहते है
I α H/T
I = C(H/T)
यहाँ C क्यूरी नियतांक है
C = I(T/H)
क्यूरी नियम का निगमन
चुंबकीय प्रवृत्ति
Xm = I/H … … . .. (1)
Xm = C/T … … . . . (2)
समीकरण (1) व (2) से
I/H = C/T
I = C(H/T)
क्यूरी नियम की कमियाँ
● यह नियम संकुचित व ठंडी गैसो, सांद्र अणुचुंबकीय पदार्थ के विलयनों तथा ठोसो मे चुंबकीय प्रवृति की व्याख्या करने मे असफल रहा
● इस नियम के अनुसार प्रत्येक परमाणु का चुंबकीय आघूर्ण समान होता है परंतु यह परमाणु मे उपस्थित electron की स्थिति के ऊपर निर्भर करता है
● इस लांजवे के अनुसार किसी दुर्भल चुंबकीय क्षेत्र मे स्थाई चुमबकीय आघूर्ण वाले परमाणु को रखने पर यह बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र के साथ θ कोण बनता हुआ खुद नही रह पाता है
क्यूरी ताप
वह निश्चित न्यूनतम ताप जिस पर पर किसी लौह चुंबकीय पदार्थ को गर्म करने पर वह पदार्थ आपका चुंबकीय गुण खो देता है और ताप को हटा लेने के बाद वह पुनः अपना चुम्बकीय गुण पा लेता है
कोबाल्ट का क्यूरी ताप 1121⁰C व आयरन, निकल का क्यूरी ताप क्रमशः 770⁰C, 358⁰C होता है
स्थिर वैद्युुुत की परिभाषा।आवेश,विद्युत क्षेत्र के गुण। चालक कुचालक
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