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कंडक्टेंस क्या होती है ? सूत्र | इकाई | उपयोग

मार्च 11, 2021 by Er. Mahendra Leave a Comment

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कंडक्टेंस क्या होती है ? इसका सूत्र , इकाई एव उपयोग बताइये

कंडक्टेंस क्या होती है ? इसका सूत्र , इकाई एव उपयोग

कंडक्टेंस

जब हम एक इलेक्ट्रिकल सर्किट के बारे में बात करते है तो हम देखते है की किसी इलेक्ट्रिकल सर्किट में जब उस सर्किट को किसी बैटरी या सेल से कनेक्ट किया जाता है , तब उस सर्किट में करंट का फ्लो होता है या ऐसे कहे की उस सर्किट में करंट बहने लगता है | लेकिन हम जानते है की  करंट के बहने के समय उस इलेक्ट्रिकल सर्किट का एक प्रतिरोध भी होता  है |

यह प्रतिरोध करंट के बहने का विरोध करता है | अर्थात यदि प्रतिरोध के बारे में बात करे तो ये करंट के बहाव की दिशा के विपरीत लगने वाला फ्रिक्शन बल होता है ,  जो की जो की करंट के बहने की विपरीत दिशा में लगता है | और यदि इस फ्रिक्शन बल का मापन किया जाए तो यही फ्रिक्शन बल ही उस इलेक्ट्रिकल सर्किट का प्रतिरोध कहलाता है |

जिस प्रकार इलेक्ट्रिकल सर्किट में प्रतिरोध होता है उसी तरह या ऐसे कहे की इसके  विपरीत भी एक  इलेक्ट्रिकल  Quantity होती  है  जो  प्रतिरोध के ठीक विपरीत होती है , जिसे इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस के नाम से जाना जाता है  तो अब हम इसके बारे में जान लेते है की ये क्या होती है |

इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस इस बात का मापन होती है की कोई इलेक्ट्रिकल मटेरियल कितनी करंट को कंडक्ट कर  रहा है अर्थात किसी भी इलेक्ट्रिकल परिपथ में जब करंट का प्रवाह हो रहा है |  अर्थात जब परिपथ से करंट बह रही है तब उस परिपथ के मटेरियल से कितनी आसानी से करंट का प्रवाह हो रहा है इस बात का मापन ही इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस कहलाता है |

अगर दुसरे शब्दों में जब इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस की परिभाषा को देखा जाए तो किसी सर्किट से Produce होने वाली करंट के मापन को ही इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस के नाम से जाना जाता है | लेकिन यहा पर करंट के Produce होंने का मतलब भी यही है , की कितनी आसानी के साथ किसी इलेक्ट्रिकल सर्किट में धारा बह रही है | इसी को ही इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस के नाम से जाना जाता है |

अब हम अगर शोर्ट में अपनी बात कहे तो प्रतिरोध इस बात का मापन होता है की किसी इलेक्ट्रिकल परिपथ में धारा प्रवाह के दोरान कितनी कठिनाई आ रही है | जबकि इसके विपरीत कंडक्टेंस इस बात का मापन होता है की किसी इलेक्ट्रिकल परिपथ में धारा का प्रवाह कितनी आसानी के साथ हो रहा है | अर्थात ये एक दुसरे के विपरीत होते है |

अब हम बात करते है इसके चिन्ह की जिससे इलेक्ट्रिकल कंडक्टेंस को दर्शाया जाता है इसके लिए G ( कैपिटल G ) का प्रयोग करके इसे दर्शाया जाता है |   

कंडक्टेंस का सूत्र एव इकाई

अब अगर हम इसके सूत्र की बात करे तो जैसा की हमने अबतक समझा है उसके आधार पर पता चलता है की यह प्रतिरोध का विपरीत होता है , तब यदि प्रतिरोध को R से दर्शाया जाए तो , इसका सूत्र कुछ इस प्रकार होगा –

G = 1 / R

अब हम जानते है की प्रतिरोध की इकाई ( S . I . यूनिट ) Ohm ( ओह्म ) होती है ,  तो  क्युकी ये प्रतिरोध के विपरीत होती है अर्थात यदि इसकि इकाई उसी के आधार पर निकाली जाए तो कंडक्टेंस की इकाई ( S . I . यूनिट ) Mho ( महो ) होती है | इसे निकालने के लिए Ohm को उल्टा करके लिख दिया जाता है जिससे बनने वाला शब्द Mho होता है |

लेकिन इसकि इकाई सिर्फ Mho ही नहीं होती है इसकि एक और इकाई होती है जिसे “ Siemens “  के नाम से जाना जाता है और इसे S ( कैपिटल S ) से दर्शाया जाता है |  इस प्रकार इसकि इकाई को कही पर Mho भी लिखा जाता है और कही पर S भी |

कंडक्टेंस की गणना  

अब हम इस बारे में बात करते है की इसका मापन किस प्रकार किया जाता है |  क्युकी  अलग – अलग परिस्थतियो में जब अलग – अलग मान दिए हो तब हम इसका मापन किस प्रकार किया जाता है इसके बारे में समझते है |  तो सबसे पहले हम उस स्थति को समझते है जब –

जब करंट तथा वोल्टेज के मान दिए हो

जब किसी विद्युत परिपथ के लिए उसमे बहने वाली धारा ( I )  का मान तथा उस विद्युत परिपथ के वोल्टेज ( V )  का मान पता हो तो इस स्थति में कंडक्टेंस की गणना आसानी से कर सकते है इसके लिए हम इसका सूत्र देखते है –

G  = 1 / R —– ( 1 )

लेकिन अब हमें पता है की ओह्म के नियम से –

V = I R

होता है | यहाँ से हम अगर R का मान निकाले तो वो कुछ इस प्रकार होगा –

R = V / I

अब यदि इसको उल्टा  कर दिया जाए अर्थात जब हम यहा से   1 / R का मान निकाले तो वो इस प्रकार होगा –

1 / R = I / V —– ( 2 )

अब यदि समीकरण 2 से 1 / R का मान समीकरण 1 में रख दिया जाए तो –

G  = I / V —- ( 3 )

समीकरण 3 से G का मान आसानी से निकाला जा सकता है | इसका मान अर्थात इसकि इकाई या तो Mho लिखेंगे या फिर S भी लिख सकते है | जिसका मतलब Siemens होता है |

जब Conductivity का मान दिया हो

अब हम उस स्थति में कंडक्टेंस की गणना करेंगे जब किसी परिपथ में जिस कंडक्टर से होकर धारा का प्रवाह हो रहा है उस कंडक्टर की Conductivity जिसे ( σ ) के द्वारा दर्शाया जाता है | इसका मान पता हो तो तब इसका मान केसे ज्ञात किया जाता है |

इसके लिए हम सबसे पहले उस कंडक्टर की कंडक्टेंस का सूत्र देखते है जो Conductance की Form में  इस प्रकार होता है –

G =  ( A σ ) / L  इस प्रकार होता है  जहा –

A = कंडक्टर का क्रॉस सेक्शनल एरिया होता है जिसका मान  ∏ r2  होता है जहा   r उस कंडक्टर की रेडियस है

σ = कंडक्टर की Conductivity होती है

L = कंडक्टर की लम्बाई होती है

इस प्रकार यदि एरिया का मान G के मान में रख दिया जाए तो नया समीकरण इस प्रकार होगा –

G =  ∏ r2  / L

अब इस सूत्र में सभी मान रखकर G की गणना की जा सकती है |

कंडक्टेंस के उपयोग

अब अगर हम देखे की कंडक्टेंस और Conductivity कुछ सिमिलर ही होते है कोई भी इलेक्ट्रिकल मटेरियल कितनी Electricity को कंडक्ट कर रहा है इसका मापन ही Conductivity कहलाता है तो अब हम देखते है की इसके क्या क्या उपयोग होते है |

अब हम देखते है की इसका उपयोग कहा – कहा किया जाता है | इसका उपयोग  कई इंडस्ट्री में किया जाता है हम यहाँ उनमें से कुछ महत्वपूर्ण के बारे में बात करेंगे जैसे की –

1 . Conductivity का मापन नेचुरल वाटर , Aquaculture और Environment एप्लीकेशन केलिए किया जाता है |

2 . इसका उपयोग इंडस्ट्री में वाटर ट्रीटमेंट तथा इंडस्ट्री एप्लीकेशन के लिए किया जाता है |

3 . सिंचाई के लिए Conductivity का उपोग एग्रीकल्चर एव Hydroponics में इसका उपयोग किया जाता है |

4 .  इलेक्ट्रोप्लेटिंग  बाथ के लिए भी  Conductivity का उपयोग किया जाता है |

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Filed Under: physics, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग Tagged With: कंडक्टेंस, सूत्र इकाई एव उपयोग

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