• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

इंजीनियरिंग और फिजिक्स,केमिस्ट्री

  • भौतिक विज्ञान
  • इंजीनियरिंग नोट्स
    • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग
    • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • रसायन
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर
Home » उत्तल (अभिसारी) लेंस, प्रकार, उपयोग, प्रतिबिंब का बनना, अवतल व उत्तल लेंस मे अंतर

उत्तल (अभिसारी) लेंस, प्रकार, उपयोग, प्रतिबिंब का बनना, अवतल व उत्तल लेंस मे अंतर

अगस्त 28, 2022 by Ajay Leave a Comment

0
(0)

इस article मे हम किरण प्रकाशिकी के एक टोपिक् मे बारे मे विस्तार से सरल व आसान भाषा मे चर्चा करेंगे टोपिक् का नाम है उत्तल (अभिसारी लेंस) चलिए अब इसे जानने की कोशिश करते है 

उत्तल ( अभिसारी) लेंस –

यह लेंस एक गोलाकार कांच का टुकडा होता है जो किनारों पर से पतला व मध्य भाग भाग से थोड़ा मोटा होता है जैसे चित्र मे दिखाया गया है

उत्तल लेंस

उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस भी कहा जाता है क्योकि जब इस लेंस से प्रकाश किरणें गुजरती है तो उन किरणो को यह एक जगह एकत्रित कर देता है

आप लोगो ने देखा होगा या किया भी होगा बच्चे कागज के टुकड़े पर एक लेंस की सहायता से सूर्य के प्रकाश को एकत्रित करते है और कुछ समय पश्चात वह कागज का टुकड़ा जलने लग जाता है वह लेंस अभिसारी लेंस ही होता है

अभिसारी लेंस मे वस्तु का आभासी, वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बनता है

उत्तल ( अभिसारी) लेंस के उपयोग –

  1. उत्तल लेंस का उपयोग दूरबीन के निर्माण मे किया जाता है जिस से हमे दूर की वस्तु पास दिखाई देती है 
  2. हस्त रेखा देखने के लिए पंडित जी जिस लेंस का उपयोग करते है वह उत्तल लेंस ही होता है 
  3. सौर कुकर के निर्माण मे 
  4. सूक्ष्मदर्शी के निर्माण में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है
  5. दूरदृष्टि रोग की समस्या के निदान के लिए बनाई जाने वाली चश्मा के निर्माण में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है
  6. महीन वस्तु को बड़े आकार में देखने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है
  7. कैमरो के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले लेंस उत्तल लेंस ही होते हैं
  8. माइक्रोस्कोप, टेलीस्कोप के निर्माण मे 

उत्तल ( अभिसारी) लेंस के प्रकार –

उत्तल लेंस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है

1. उभ्योत्तल लेंस –

इस लेंस के दोनो हिस्से उत्तल होते है

2. समतलोत्तल लेंस –

इस लेंस मे आगे वाला हिस्सा उत्तल लेंस का होता है और दूसरा हिस्सा अवतल लेंस जैसा होता है

3. अवतोतल –

इस लेंस का आगे वाला हिस्सा अवतल लेंस का तथा पिछले वाला हिस्सा उत्तल लेंस का होता है

उत्तल लेंस ( अभिसारी लेंस) के द्वारा प्रतिबिंब का बनना –

अभिसारी लेंस मे वस्तु का प्रतिबिंब निम्न 6 परिस्थितियों मे बन सकता है

1. जब वस्तु अनंत पर रखी हो –

जब वस्तु अनंत पर रखी होती है तो उस से प्रकाश परावर्तित होकर उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात फोकस बिंदु पर बनता है 

वस्तु का प्रतिबिंब उल्टा, वास्तविक तथा वस्तु के आकार से बहुत छोटा बनता है

2. वस्तु जब अनंत व 2f₂ के बीच स्थित हो –

इस प्रकार की दशा मे वस्तु से आने वाली प्रकाश किरणे f₂ व 2f₂ के मध्य एक दूसरे को कटती है अर्थात् प्रतिबिंब f₂ व 2f₂ के मध्य बनता है 

प्रतिबिंब उल्टा, वास्तविक व वस्तु के आकार से छोटा बनता है

3. वस्तु जब 2f पर स्थित होती है –

इस स्थिति मे वस्तु का प्रतिबिंब 2f₂ पर बनेगा 

वस्तु का प्रतिबिंब उल्टा, वास्तविक व वस्तु के आकार के जितना बनता है 

4. वस्तु जब फ व 2f के बीच स्थित हो –

इस दशा मे वस्तु का प्रतिबिंब 2f से परे बनेगा अर्थात 2f व अनंत के बीच बनेगा वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक,उल्टा व वस्तु के आकर से बड़ा बनता है

5. वस्तु जब f पर हो –

इस दशा मे बनने वाला वस्तु का प्रतिबिंब अनन्त पर बनेगा 

वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक ,उल्टा व वस्तु से आकर मे बड़ा बनता है 

6. वस्तु जब O व f के मध्य हो –

इस दशा मे वस्तु का प्रतिबिंब वस्तु की दिशा मे चित्र के अनुसार बनता है 

वस्तु का प्रतिबिंब आभासी, सीधा व बहुत बड़ा बनता है 

उत्तल व अवतल लेंस मे अंतर –

उत्तल लेंस –

  1. यह किनारों से पतला व मध्य भाग मे थोड़ा मोटा होता है 
  2. दूरदृष्टि रोग के निदान के लिए चश्मा बनाने मे 
  3. महीन वस्तुओं को बड़ा करके देखने के लिए
  4. प्रकाश किरणों को एक जगह एकत्रित कर देता है
  5. प्रतिबिंब वास्तविक उल्टा व उल्टा बनता है 
  6. फोकस दूरी सदा धनात्मक होती है

अवतल लेंस –

  1. यह मध्य से पतला व किनारों से मोटा होता है 
  2. निकट दृष्टि रोग के निदान के लिए चश्मा बनाने में
  3. बड़ी वस्तु को छोटा करके देखने के लिए
  4. प्रकाश किरणों को बखेर देता है
  5. प्रतिबिंब वास्तविक ,सीधा व आभासी बनता है
  6. फोकस दूरी सदा ऋण आत्मक होती है

प्रकाश की परिभाषा | परावर्तन | अपवर्तन | विवर्तन | प्रकीर्णन

I hope आप को इस article की information pasand आयी होगी इस information को आप अपने दोस्तो के साथ share करे और नीचे कॉमेंट बॉक्स मे कॉमेंट करके बताओ आपको ये ये article कैसा लगा

यह पेज आपको कैसा लगा ?

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

Filed Under: physics, Physics | भौतिक विज्ञान, किरण प्रकाशकी, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फिजिक्स

भौतिक विज्ञान | Physics

  1. स्थिर विद्युत
  2. धारा विद्युत
  3. धारा के चुम्बकीय प्रभाव और चुम्बकत्व
  4. विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धारा
  5. किरण प्रकाशकी
  6. विद्युत चुम्बकीय तरंगें एवम तरंग प्रकाशिकी
  7. ठोस और अर्धचालक युक्तियाँ
  8. तरंग प्रकाशिकी
  9. इलेक्ट्रॉन और फोटॉन

Reader Interactions

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • Dual Axis Solar Tracking System कैसे बनाएं ? Project Report
  • Anti Sleep Alarm Project कैसे बनाएं ? Engineering Project
  • फायर फाइटर रोबोट कैसे बनाएं ? Fire Fighter Robot Final Year Project
  • सीमांत वेग क्या है इसका व्यंजक व उदाहरण
  • बायो सेवर्ट का नियम क्या है ? सूत्र | डेरीवेशन | उपयोग

विषय

  • भौतिक विज्ञान
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान 
  • कंप्यूटर 
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

Footer

सोशल मीडिया पर जुड़ें

  • Telegram 
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • Youtube

बनाना सीखें

  • ड्रोन कैसे बनाएं ?
  • रोबोट कैसे बनाएं ?
  • वेबसाइट कैसे बनाएं ?
  • एंड्राइड एप कैसे बनाएं ?

हमारे बारे में

इस जगह आप हिंदी में इंजीनियरिंग ,फिजिक्स,केमिस्ट्री,बायोलॉजी,कंप्यूटर etc सीख सकते हो |

Mechanic37 2015 - 2023

  • साइटमैप
  • संपर्क करें
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर सीखें
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • ऑटोकैड टुटोरिअल