आज के इस Topic में हम अमीटर (Ammeter) के बारे में समझेंगे जिसमे हम देखेंगे की अमीटर क्या होता है इसके बारे में जानेंगे उसके बाद हम यह समझेंगे की इसकी वर्किंग (Working) किस प्रकार की होती है तथा उसके बाद हम यह देखेंगे की यह कितने प्रकार के होते है और फिर इनके उपयोग को समझेंगे तो चलिए अब समझना Start कर देते है की अमीटर क्या होता है
अमीटर
अमीटर एक ऐसा Electrical Instrument होता है जो की किसी भी Circuit में या किसी भी Device के लिए Current को मापने के लिए उपयोग किया जाता है इसका दूसरा नाम Ampere Meter भी होता है क्योंकि यह जो Current मापता है उसका मान Ampere में होता है इसीलिए इसे Ampere Meter भी कहा जाता है |
इसका उपयोग करके हम किसी भी Electrical Circuit के लिए कम – कम बहने वाली Current का मापन भी कर सकते है इसीलिए यह एक बहुत ही उपयोगी Electrical Instrument भी होता है |
लेकिन हमें हमेशा ही अमीटर के बारे में एक सवाल ज्यादातर पूछा जाता है की इसका उपयोग किसी Circuit में कहाँ किया जाता है तो इसका Answer यह है की इसका उपयोग हमेशा ही किसी भी Circuit में श्रेणीक्रम ( Series ) में किया जाता है और इसका कारण यह है की जब भी यह Current का मापन करता है तो Current इसमें से होकर गुजरती है तभी यह उस Current का मापन कर सकता है और इसीलिए इसका उपयोग श्रेणीक्रम ( Series ) में ही किया जाता है |
अब बात आती है की जब इसमें से होकर Current गुजरती है तो फिर इसका Resistance भी न्यूनतम ( Minimum ) होना चाहिए तो हाँ यह बात सही है की जब इसमें से होकर Current गुजरती है तो फिर इसका Resistance भी न्यूनतम ( Minimum ) ही होना जिससे की Current के बहने में किसी भी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न न हो और इसके Across वोल्टेज Drop कम से कम हो और Power Loss भी कम से कम हो |
साथ ही साथ यह भी माना जाता है की किसी भी Ideal अमीटर की अगर कल्पना की जाए तो इसका Resistance शून्य होगा लेकिन Practically ऐसा Possible नहीं हो पाता है कोई भी Instrument Without Resistance का नही हो सकता है इसलिए इसका भी कुछ न कुछ Resistance ( Small Resistance ) तो होता ही है जो की बहुत कम मात्रा में होता है |
अब हम बात करते है इसकी वर्किंग के बारे में की इसकी वर्किंग किस प्रकार होती है |
अमीटर की वर्किंग
अगर हम इसकी वर्किंग की बात करें इसमें एक Magnet होता है जिसे Permanent Magnet कहा जाता है एक Armature होता है जो की इसके Center में होता है और एक Indicator Dial भी होता है और एक स्केल भी लगा होता है इसके अन्दर अब जब इन सभी को प्रोपर कनेक्शन करके जोड़ दिया जाता है तब उनका कनेक्शन और वर्किंग इस प्रकार होती है –
सबसे पहले जो Permanent Magnet होता है उसको करंट को Oppose करने के लिए सेट किया जाता है जिससे की यह करंट को Oppose करता है जिससे की एक Movement होता है और यह Movement Armature को Turn करता है क्योंकि यह Armature Indicator Dial से भी जुडा होता है जिससे यह Indicator Dial भी Movement करने लगता है |
और इस प्रकार जब यह Indicator Dial मूवमेंट करता है तो यह मूवमेंट जो स्केल लगी होती है उसके ऊपर होता है और यही स्केल इस Current को Indicate करने के लिए उपयोग किया जाता है यही स्केल यह Show करता है की कितनी Current इस Circuit से होकर जा रही है इस प्रकार इसके द्वारा Current का मापन किया जाता है |
अब हम इसके विभिन्न प्रकार के बारे में समझते है |
अमीटर के प्रकार
अब अगर हम इसके प्रकार की बात करे तो ये अलग – अलग प्रकार के होते है जैसे की –
1 . Moving Coil Ammeter
2 . Moving Iron Ammeter
3 . डिजिटल Ammeter
4 . Hot वायर Ammeter
5 . Integrating Ammeter
इस प्रकार ये कई प्रकार के Ammeters होते है जिनका उपयोग करके Electrical Current का मापन किया जा सकता है |
अब हम इनके उपयोग के बारे में समझते है |
अमीटर के उपयोग
अगर हम इसके उपयोग की बात करे इनका उपयोग बहुत जगहों पर Electrical Current को मापने के लिए किया जाता है जैसे की –
1 . किसी भी Building में Current ज्यादा High या Low तो नहीं इसके लिए इसका उपयोग करके करंट को मापा जाता है |
2 . किसी भी Device की Functionality को Check करने के लिए भी Ammeter का उपयोग किया जाता है |
3 . किसी भी Electrical Circuit में इलेक्ट्रिकल करंट को मापने के लिए भी इसका उपयोग होता है |
4 . इनका उपयोग किसी सर्किट में Thermocouple के साथ भी किया जाता है तापमान का मापन करने के लिए |
5 . बड़ी इंडस्ट्रीज में भी इनका उपयोग किया जाता है करंट को मापने के लिए |
इस प्रकार हमने देखा की इनके बहुत सारे उपयोग होते है
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