अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) की परिभाषा
अभिकेंद्रीय बल एक ऐसा बल है जो किसी भी वस्तु को वृत्तीय पथ (circular path) में घूमने में मदद करता है इसका मुख्य निर्देशित केंद्र में होता है और उसका परिमाण स्थिर रहता है यह किसी भी वस्तु के वजन (weight) व सामूहिक(mass) पर निर्भर करता है इसे ही अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) कहते है
अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) वो बल होता है जो किसी भी वस्तु को उसके केन्द्र में आकर्षित रखता है जब वह किसी भी वृत्तीय पथ (circular path) में चलता है तब यह तीन प्रकार पर निर्भर करता है
- वस्तु वृत्तीय पथ (circular path) में किस वेग (velocity) से चल रहा है
- वस्तु केंद्र से कितनी दूरी पर है पथ में
- वस्तु का द्रव्यमान क्या है
Newton ने अपने गति के दूसरे नियम में यह कहा है की यदि कही त्वरण(acceleration) लग रहा हो तो जिस दिशा में त्वरण(acceleration) लग रहा है तो उसी दिशा में कही पर बल भी जरूर लग रहा होगा
की अन्य शब्दो में कहे तो अभिकेंद्रीय बल में परिमाण हमेशा एक ही होता है पर वह लगातार अपनी दिशा को बदलता रहता है उसके केंद्र के अनुसार इसे ही अभिकेंद्रीय बल कहते है
अभिकेंद्रीय बल का सूत्र –
अभिकेंद्रीय बल = द्रव्यमानत्वरण
F=m×v²/r
यहाँ पर इस सूत्र में बल F है V वस्तु का वेग है m द्रव्यमान है r घुमावदार पथ की त्रिज्या
अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) के उदाहरण-
- गोल घूमते हुए झूले पर बैठे लोग अभिकेंद्रीय बल के कारण बाहर की और चले जाते है
- जब हम किसी रस्सी से गेंद को बांधकर रस्सी के एक छोर को पकड़कर चारों और घुमाते है तो उस रस्सी में जो तनाव पैदा होता है वह उस गेंद को केंद्र के इर्द गिर्द ही घूमता है यह अभिकेंद्रीय बल कहलाता है
मुझे आशा है की आपको अभिकेंद्रीय बल समझ आ गया होगा आप इसे शेयर करें अपने दोस्तों के साथ और कोई प्रश्न हो तो comment में लिखें
Thnx
Abhi Kendra per ke liye bindaki sthapit kijiye
Iska vyanjak batae