Poisson’s Ratio या पाइजन का अनुपात स्ट्रेंग्थ ऑफ़ मटेरियल में है यदि आप इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कर रहे है तो यह आपके काम का है रीड कर सकते है जूनियर इंजीनियरिंग की परीक्षा के लिए भी काम आएगा
जब किसी वस्तु पर प्रत्यास्थता की सीमा या elastic limit में बल लगाया जाए तो प्रतिबल उत्पन्न होगा और वस्तु अपना आकार बदलेगी यानि आकार विकृत होगा या विकृति पैदा होगी ये विकृति पार्श्व या Lateral Strain और अनुदैर्ध्य विकृति Longitudinal Strain होंगी
पार्श्व विकृति या Lateral Strain और अनुदैर्ध्य विकृति या Longitudinal Strain के अनुपात को पाइजन का अनुपात या Poisson’s ratio कहते है
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप एक रबर के टुकड़े को खींचते हो इलास्टिक लिमिट में तो उस रबर की लंबाई बढ़ती है और मोटाई कम होती जाती है तब लंबाई में परिवर्तन लेटरल स्ट्रेन या पार्श्व विकृति होती है और मोटाई में परिवर्तन अनुदैर्ध्य विकृति होती है यहां पर पार्श्व विकृति और अनुदैर्ध्य विकृति के अनुपात को Poisson’s ratio या पाइजन का अनुपात कहते है
इसे 1/m से भी दर्शाते हैं
अब गणितीय रूप में,
पाइजन का अनुपात या Poisson’s ratio μ =
= पार्श्व विकृति /अनुदैर्ध्य विकृति
आशा है आप सभी को पाइजन का अनुपात या Poisson’s ratio समझ आ गया होगा यदि आप चाहते है की हम नोट्स बनाना स्टार्ट करें इसी प्रकार हिंदी में स्ट्रेंग्थ ऑफ़ मटेरियल या इंजीनियरिंग के दुसरे सब्जेक्ट के लिए नोट्स बनाएं तो आप इसे शेयर जरूर करें नीचे बटन है आप शेयर करेंगें तो आपके दोस्त भी इस वेबसाइट पर आयेगें तब हमे ज्यादा पड़ने वाले स्टूडेंट्स मिलेंगे तो हम आगे नोट्स बनाना स्टार्ट करें यदि आप जल्दी कोई टॉपिक चाहते हो तो 10 दोस्त एक टॉपिक के लिए कमेंट करें
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