समस्थानिक
समस्थानिक के बारे मे सर्वप्रथम डॅाल्टन ने अपने परमाणुवाद मे समस्थानिको के बारे मे बताया । समस्थानिक का शाब्दिक अर्थ होता है समान स्थान अर्थात् आवर्त सारणी मे समस्थानिक,
किसी तत्व के वे परमाणु होते है जिनके परमाणु क्रंमाक तो समान होते है किन्तु परमाणु भार भिन्न भिन्न होते है ,समस्थानिक कहलाते है।
समस्थानिको के प्रत्येक परमाणु मे समान संख्या मे प्रोटान होते है जिससे इनके परमाणु क्रमांक तो समान होता है किन्तु न्युट्रानेां की संख्या अलग अलग होने के कारण परमाणु भार मे परिवर्तन हो जाता है ।
जैसें हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते है प्रोटियम(1H^1|)ड्युटिरियम (1H^2)तथा ट्राइटियम (1H^3) हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक 1 होता है जिससे इसके तीनो समस्थनिको का परमाणु क्रमांक 1 हि है लेकिन न्युट्रानो की संख्या मे परिवर्तन के कारण इन सभी के परमाणु भार अलग अलग है । अत:ये तीनो हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक है ।
इसी प्रकार कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 हेाता है अर्थात् कार्बन परमाणु मे प्रोटानो की संख्या तो 6 हेाती है जिसके समान परमाणु क्रमांक वाले तीन समस्थानिक कार्बन-12
कार्बन- 13 तथा कार्बन -14 है ।इन सभी का द्रव्यमान क्रमश: 12 ,13 तथा 14 है जोकि कार्बन परमाणु के भिन्न भिन्न संख्या मे न्युट्रानो की संख्या के कारण होता है ।
उपयोग
विभिन्न प्रकार के रेडियोएक्टिव समस्थानिक तथा उनके उपयोग निम्नानुसार है
स.क्र. | समस्थानिक | उपयोग | |
1. | कोबाल्ट -60 | कोबाल्ट -60 समस्थानिक का प्रयोग कैंसर के उपचार मे किया जाता है । | |
2. | कार्बन -14 | कार्बन के इस समस्थानिक का प्रयोग पुरानी जीवाश्मो की आयु का पता लगाने मे किया जाता है ।जिसे कार्बन डेटिंग कहते है । | |
3. | सोडियम -24 | इसका प्रयोग रक्त परिसंचरण तंंत्र के अध्ययन में किया जाता है। | |
4. | आयोडीन-131 | ब्रेन ट्युमर ,थॉयराइड कैंसर ,लीवर कारडियेक,घेघा रोग आदि मे आयोडीन- 131 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है। | |
5. | टाइटेनियम- 201 | इस समस्थानिक का प्रयोग हर्ट टिशु की क्षति का पता लगाने मे किया जाता है। | |
6. | टैकनिटियम- 99 | इस समस्थानिक का प्रयोग ब्रेन ट्युमर ,ह्रदय सेल का आघात पता ,रेडियो ट्रेसर मे रक्त प्रवाह का अध्ययन करने मे किया जाता है। | |
7. | अमेरिकन -241 | रोलिंग स्टील ,ऑइल कुंये का पता लगाने मे अमेरिकन- 241 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है। | |
8. | इरिडियम -192 | इसका प्रयोग बोइलर के भागो का पता लगाने मे,एयरक्राफ्ट मे किया जाता है। | |
9. | यूरेनियम- 235 | नाभिकीय ईधन ,नौसेना ईधर ,फ्लोरोसेंण्ट ग्लासबेयर और दीवार की टाइल्स बनाने मे यूरेनियम -235 समस्थानिक का प्रयोग होता है। | |
10. | कैलिफोर्नियम -252 | इसका प्रयोग सडक की मिटटी मे नमी का पता लगाने मे किया जाता है। | |
11. | फास्फोरस 32,33 | फास्फोरस के इन दोनो समस्थानिकों का प्रयोग जीवविज्ञान और अनुवांशिकी मे किया जाता है तथा चर्म रोग चिकित्सा मे भी इनका प्रयोग किया जाता है। | |
12. | सेलेनियम- 75 | इस समस्थानिक का प्रयोग जीवनविज्ञान मे प्रोटीन का अध्ययन करने मे किया जाता है। | |
13. | स्टॉंन्शियम- 85 | बोन फोर्मेशन का अध्ययन और चपाचपयी क्रियाओ के अध्ययन मे स्टॉंन्शियम- 85 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है। | |
14. | हाइड्रोजन -3 या ट्रिटियम | हाइड्रोजन के इस समस्थानिक का प्रयोग जीवन विज्ञान और ड्रग मेटाबोलिज्म मे किया जाता है। | |
15. | ड्युटिरियम(H-2) | हाइड्रोजन के इस समस्थानिक का प्रयोग परमाणु भटटी मे मंदक के रूप मे प्रयोग किया जाता है। | |
16. | आर्सेनिक- 74 | इस समस्थानिक का प्रयोग शरीर मे ट्युमर का पता लगाने मे किया जाता है । | |
17. | मरकरी -203 | पारे के इस समस्थानिक का प्रयोग मस्तिस्क मे ट्यूमर का पता लगाने मे किया जाता है। | |
18. लौहा – 59 अरक्तता रोग का पता लगाने में | |
19. मैग्नेशियम मांसपेशियों के संचालन में | |
20. पोटेशियम कोशिकीय संघट्टन | |
21. गैलियम- 67 चिकित्सा इलाज में | |
22. लौहा- 57 रक्त के टेसर के रूप मे | |
23. अयोडीन- 125 आँख के कैंसर के उपचार मे | |
24. थैलियम-201 टुमर का पता लगाने मे | |
25. सिजियम-109 मिश्र घातुओ के विश्लेषण में | |
26. ल्युट्रिनियम-177 अंदुरुनी रेडियो थैरेपी मे | |
27. टेकिनीशियम-99 थायराइड कैंसर के उपचार में | |
28. गोडिलीनियम-158 ओस्ट्योपोरोसिस की जाँच मे | |
29. ट्राइटियम-₁H³ वाहित मल के प्रदुषण का पता लगाने मे | |
30. स्वर्ण-198 त्वचा एवं आँख संबंधित रोगों में | |
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